स्ट्रीट लाईट कटने से अंधेरा छाया, मकान, विद्युत और जलकर का 42 लाख बकाया
टैक्स नहीं मिलने से छपारा पंचायत की व्यवस्थाएं लड़खड़ाई
बकायादारों के नाम पंचायत करायेगी प्रकाशित
छपारा। गोंडवाना समय।
ग्राम पंचायत छपारा हमेशा की तरहजनविरोधी कहें या पंचायत के नियमों को ताक पर रखकर कार्य किये जाने के मामलों को लेकर चर्चा में रहती है। जिसके ऊपर कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगते रहते हैं बताया जाता है कि बीते एक पखवाड़े से अधिक समय से स्ट्रीट लाइट की बिजली काट दी गई है जिससे सड़क और चौक चौराहों
पर अंधेरा छाया हुआ है। जिसको लेकर सोशल मीडिया में ग्राम पंचायत छपारा की कार्यप्रणाली को लेकर नकरात्मक प्रक्रिया सामने आ रही है। छपारा ग्राम पंचायत में निवास करने वाले नागरिक ही नहीं अपने अनिवार्य कार्य से छपारा आने वाले आस-पास के ग्रामों से आने वाले ग्रामीणजन ग्रामीण पंचायत के कर्णधारों पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
टैक्स जमा नहीं करने से पंचायत का खजाना खाली
जब इस पूरे मामले में हमारे संवाददाता ने पंचायत ग्राम पंचायत छपारा के सचिव महेंद्र भारती एवं पीसीओ कृष्णा तेकाम से चर्चा किया तो उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत छपारा के विभिन्न वार्डों में रहने वाले नागरिकों के द्वारा लंबे समय से जल, प्रकाश, मकान का कर पंचायत में जमा नहीं किया गया है। जिससे छपारा ग्राम पंचायत में बिजली बिल भुगतान में दिक्कत आ रही है। इसके अलावा जल प्रदाय योजना की बिजली बिल भुगतान भी लंबित है और यदि विभिन्न टैक्सों को जोड़ा जाए तो लगभग 42 लाख से अधिक का बकाया वार्ड वासियों के ऊपर है और समय पर पंचायत के निवासियों के द्वारा ग्राम पंचायत का टैक्स जमा नहीं किया जा रहा है। जिससे व्यवस्थाएं सुचारू रूप से नहीं चल पा रही हैं।
जनता को ही करना पड़ रहा असुविधाओं का सामना
ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों के द्वारा शासन से प्राप्त निर्माण कार्यों के लिए आने वाली राशि को खर्च करने में अपने नियम कानूनों के मुताबिक खर्च करने के बाद ग्राम पंचायत के करदाताओं के द्वारा जनहित में आगे आकर मकान, जल, प्रकाश आदि का टैक्स जमा नहीं कराये जाने के कारण लाखों रूपये बकाया बढ़ गया है। जिससे पंचायत में अनिवार्य आवश्यक व्यवस्थाएं नहीं मिल पाने से जनता को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है, इतना ही नहीं जो कर शॉपिंग कांप्लेक्स और अन्य मदों से आता है। जिसमें सफाई कर्मी और कर्मचारियों का वेतन भी उसी से दिया जाता है। यदि टैक्स की राशि जमा नहीं होगी तो आगामी समय में सफाई कर्मियों को भी वेतन देने के लाले पढ़ सकते हैं।
पंचायत ने किया टैक्स जमा करने की अपील
वहीं यदि बकाया कर की राशि यदि नागरिकों के द्वारा जमा करा दिया जाता है तो ग्राम पंचायत छपारा का राजस्व बढ़ सकता है जिससे बिजली बिल जमा हो सकता है, इसके साथ ही अन्य व्यवस्थाएं ग्राम पंचायत की सुचारू रूप से संचालित होने लगेगी। आम जनता से अपील है कि वह ग्राम पंचायत के टैक्सों को समय से जमा करें। ग्राम पंचायत सुचारू रूप से जल प्रकाश व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित कर सके।