35 कि.मी. चले पैदल, 2 दिन भूख हड़ताल के बाद 6 दिन का मिला आश्वासन पर जयस बोला 7 वां दिन हमारा
कमलेश डोडियार और दिनेश निनामा को पानी पिलाकर तुड़वाया अनशन
आलीराजपुर। गोंडवाना समय।
हम आपको बता दे कि कांग्रेस पार्टी के कुछ पदाधिकारियों की शिकायत पर चंद्रशेखर आजादनगर में दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया था। वहीं दो शिक्षकों के निलंबित किये जाने के बाद से ही बिना किसी कारण के ही की कार्यवाही से आदिवासी समाज के समाजिक संगठन ने नाराजगी जताते हुये बहाली की मांग किया था लेकिन मांग पूरी नहीं किये जाने पर जय युवा आदिवासी शक्ति संगठन के द्वारा दो शिक्षकों की बहाली की मांग को लेकर 35 किलोमीटर की पैदल यात्रा करने के बाद कलेक्टर कार्यालय के समक्ष 3 दिनों तक भूख हड़ताल पर बैठे रहे।
इसके बाद शासन प्रशासन ने जयस को समझाईश दिया है कि हम 6 दिनों के अंदर बहाली की कार्यवाही करेंगे लेकिन जयस संगठन में स्पष्ट कर दिया है कि यदि 6 दिन में कार्यवाही नहीं हुई तो 7 वां दिन जयस का होगा।35 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंच कलेक्टर कार्यालय में दिया धरना
शिक्षकों की बहाली की मांग को लेकर शुक्रवार से आदिवासी समाजजन आजादनगर में धरने पर बैठे थे। शनिवार की देर रात में 35 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर पैदल चलकर आलीराजपुर पहुंचकर सभी ने कलेक्टोरेट गेट के सामने धरना दे दिया।
रविवार को कलेक्टर कार्यालय नहीं खुला था इसके बाद भी जयस के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने पूरे दिन धरना दिया। जयस के साथ भूख हड़ताल पर बैठे लोगों की बढ़ती संख्या को देखकर संयुक्त कलेक्टर समझाइश देने पहुंचे, मगर उनकी बात को मानने से इंकार कर दिया था और कहा कि कलेक्टर से ही चर्चा करेंगे लेकिन बाद में प्रशासन के द्वारा दिये गये 6 दिन में बहाली का आश्वासन देने के बाद अनशन को फिलहाल समाप्त कर दिया है।
निलंबन के पीछे क्या है कारण
हम आपको बता दे कि आजादनगर में बायपास को घुमावदार न बनाते हुए सीधा बनाने की मांग को लेकर आदिवासी समाजजनों ने ज्ञापन दिया था। इस दौरान दो शिक्षक सज्जन सिंह जमरा और बसंत अजनार भी मौजूद थे। इस मामले में कांग्रेस ने एसडीएम को सरकार विरोधी गतिविधियों में शिक्षकों के शामिल होने की शिकायत की थी। इस पर एसडीएम ने कलेक्टर को प्रतिवेदन भेजा था। प्रतिवेदन पर कलेक्टर ने दोनों को निलंबित कर दिया। इस पर आदिवासी समाजिक संगठनों में आक्रोश व्याप्त था। विरोध में कई लोगों ने बीते शुक्रवार को ही दोपहर एसडीएम कार्यालय पर एकत्र होकर धरना दिया था। जबकि वहीं उनका कहना था कि जनहित के मामलों को लेकर ज्ञापन देने गए थे। इस दौरान धारा 144 का भी उल्लंघन नहीं किया गया। ज्ञापन देकर सिर्फ चर्चा की गई थी। इसके बावजूद बिना किसी ठोस कारण के समाज के दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया। नोटिस देकर उनसे स्पष्टीकरण तक नहीं लिया गया।