आदिवासियों को अपनी समस्याओं के निराकरण के लिये होना पड़ेगा मुखर-कमल नाथ
आदिवासियों अपनी संस्कृति की रक्षा के लिये आगे आकर करें कार्य
इंदौर में आयोजित क्रांतिकारी शहीद टंट्या मामा जयंती समारोह संपन्न
इंदौर। गोंडवाना समय।
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2020 को इंदौर में मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने इंदौर में आयोजित क्रांतिकारी शहीद टंट्या मामा के जयंती समारोह में कहा कि आदिवासियों का समग्र कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। श्री कमल नाथ ने कहा कि प्रदेश में आदिवासियों की शिक्षा, रोजगार तथा उन्हें आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिये संकल्पबद्ध होकर कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने आदिवासियों का आव्हान किया कि वे अपनी संस्कृति की रक्षा के लिये आगे आकर कार्य करें।
आदिवासी से है मध्यप्रदेश की पहचान
मुख्यमंत्री ने शहीद टंट्या मामा की जयंती पर आदिवासी समुदाय को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि आदिवासी मध्यप्रदेश की पहचान हैं। इस पहचान को हर हाल में कायम रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी नौजवानों की शिक्षा, रोजगार पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। उनका भविष्य संवारा जायेगा। युवाओं की नयी सोच और नये स्वप्न को साकार किया जायेगा। आदिवासियों को अपनी समस्याओं के निराकरण के लिये मुखर होना पड़ेगा।
आदिवासियों के कल्याण के क्षेत्र में प्रदेश में बनाया जायेगा नया इतिहास
उन्होंने कहा कि आदिवासियों के कल्याण के क्षेत्र में प्रदेश में नया इतिहास बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि नयी पीढ़ी अपनी संस्कृति को जीवित रखे। कार्यक्रम में आदिवासियों के जीवन के बारे में प्रकाशित रिपोर्ट, टंट्या मामा के जीवन से जुड़े पोस्टर, कैलेण्डर, पत्रिका आदि का विमोचन किया गया। सम्मेलन में पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री शरद पवार विशेष रूप से मौजूद थे। वन मंत्री श्री उमंग सिंघार, विधायक तथा पूर्व मंत्री श्री कांतिलाल भूरिया, विधायक श्री संजय शुक्ला तथा श्री विशाल पटेल, श्री नरेन्द्र सलूजा, श्री विनय बाकलीवाल, श्री सदाशिव यादव, श्रीमती अर्चना जायसवाल, श्री फूलभाई चौधरी, श्री सतीश पेद्राम भी मौजूद थे।
मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र मिलकर करेंगे आदिवासियों का विकास
महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद एनसीप ने अपने मध्यप्रदेश में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। क्रांतिकारी योद्धा टंटया भील की जयंती के बहाने नागपुर के आदिवासी नेता और बिरसा मुंडा ब्रिगेड के संयोजक सतीश पेंदाम के जरिए एनसीपी सुप्रीमो श्री शरद पवार ने इंदौर में एक बड़ी सभा किया। इसमें सीएम श्री कमलनाथ राज्य के वन मंत्री श्री उमंग सिंगार, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और झाबुआ से विधायक श्री कांतिलाल भूरिया ने शामिल रहे। कार्यक्रम में आदिवासी अपनी पारम्परिक वेशभूषा में तीर कमान और ढोल मांदल लेकर पहुंचे थे। आदिवासियों के रॉबिनहुड माने जाने वाले अमर शहीद टंट्या भील की 178 वीं जयंती के मौके पर इंदौर में बिरसा मुंडा ब्रिगेड ने एक बड़ा जनजातीय सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें शामिल होने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार खुद के चार्टर प्लेन से इंदौर आए थे। इस जनजातीय सम्मेलन के जरिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने मध्यप्रदेश में दस्तक देने की तैयारी कर ली है शरद पवार की मध्यप्रदेश के आदिवासी नेताओं से नजदीकी इस बात का साफ संकेत दे रही है। वहीं इस अवसर पर एनसीपी प्रमुख श्री शरद पवार ने कहा कि वह संसद में टंटया मामा की प्रतिमा लगाने की मांग करने की बात कहा और उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासियों का विकास मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र सरकार दोनों मिलकर करेंगे।
हमारा फर्ज है कि आदिवासियों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी अधिकार दिलायें
संयुक्त राष्ट्र संघ से इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे फूलभाई चौधरी ने कहा कि नेपाल ने आदिवासियों के अंतराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने वाले कानून पर हस्ताक्षर कर दिये है। भारत सरकार को भी इस पर विचार करना चाहिये। वहीं एनसीपी सुप्रीमों श्री शरद पवार व मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा हम देश के समस्त राज्यों के मुख्यमंत्री से चर्चा कर हम प्रधानमंत्री से इस संबंध में बात करेंगे और हमारा फर्ज है कि आदिवासियों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी अधिकार दिलायें।