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ज्योति धुर्वे ने बनाया अनाज को गीला होने से बचाने वाला रेन अलर्टिंग सिस्टम

ज्योति धुर्वे ने बनाया अनाज को गीला होने से बचाने वाला रेन अलर्टिंग सिस्टम

इंस्पायर अवार्ड में लहराया छिंदवाड़ा का परचम  

स्टेट लेवल पर कुमारी ज्योति धुर्वे को मिला तीसरा स्थान

बिछुआ/छिंदवाड़ा। गोंडवाना समय। 
किसान जहां रात दिन मेहनत कर अनाज का उत्पादन करता है इसके बाद भी अक्सर प्राकृतिक आपदा के चलते कई बार बेमौसम बरसात हो जाने के कारण किसान का गेंहू खेत में, घर पर और विक्रय हेतु ले जाने पर मण्डी व समितियों में भींग जाता है जिससे उसकी मेहनत पर पानी फिर जाता है। किसानों की मेहनत से उत्पादन किये हुये अनाज को बरसात के पानी से गीला से होने से बचाने के लिये बिछुआ क्षेत्र के ग्रामीण अंचल में रहने वाली कुमारी ज्योति ने बचाने के लिये रेन अलर्टिंग सिस्टम बनाकर उसे इंस्पायर अवार्ड में प्रस्तुत किया गया जिसे बहुत प्रशंसा व सराहा गया और राज्य स्तर पर कुमारी ज्योति धुर्वे के द्वारा बनाये गये रेन अलर्टिंग सिस्टम को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।

जबलपुर में हुआ था आयोजन

जबलपुर में 7 जनवरी 2020 को राज्य स्तरीय इंस्पायर अवार्ड मानक विज्ञान प्रदर्शनी 2019-2020 आयोजित की गई थी। जिसमें बिछुआ ब्लॉक के छोटे से गांव निशान दर्याव निवासी जनजाति वर्ग की छात्रा ने इंस्पायर आवर्ड में स्टेट लेवल पर तीसरा स्थान पाकर अपने परिवार, समाज, स्कुल और जिला का नाम रोशन किया है। हम आपको जानकारी के लिए बता दे की बिछुआ के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोनी में पढ़ने वाली कक्षा दसवीं की छात्रा कुमारी ज्योति धुर्वे पिता श्री मकबूलशाह धुर्वे ने राज्य स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इस प्रतियोगिता में कुल 276 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया था। जिसमें कुमारी ज्योति धुर्वे ने शिक्षक बलराम सोनम मेहर के निर्देशन में रेन अलर्टिंग एण्ड एडवांस स्टोरेज सिस्टम  प्रदर्शित किया था। स्कूल प्राचार्य श्रीमती सुजाता आरसे, शिक्षक जितेन्द्र नागरे, बीईओ बिछुआ के के पाटिल, सहायक आयुक्त एन एस वरकडे और गोंडवाना स्टूडेंड यूनियन छिन्दवाड़ा ने कु ज्योति धुर्वे को मिली सफलता पर शुभकामनाए दिया है।

ये लगती है सामग्री 

रेन अलर्टिंग सिस्टम का उद्देश्य यह है कि बारिश की बूंद के साथ अलर्ट कर अनाज आदि को गीले होने से बचाना है। वहीं इस सिस्टम को तैयार करने के लिए आवश्यक सामग्री के रूप में सर्किट बोर्ड, सुचालक विद्युत तार, बैटरी, स्विच, लकड़ी का गत्ता, अनाज का भंडार गृह, फेविकोल, पेपर और ग्लूगन आदि से बनाया जाता है।

रेन अलर्टिंग सिस्टम का सिद्धांत

विद्युत परिपथ पर जैसे ही बारिश की बूंदे पड़ेगी वह परिपथ पूर्ण हो जाएगा और वहां अलार्म बचकर अलर्ट कर देगा अनाज की सुरक्षा के लिए विद्युत मोटर और स्विच आॅन करते ही बचाव व्यवस्था काम करेगी यह विद्युत मोटर की विद्युत का अनुसरण करती है।

सिस्टम की कार्यविधि 

इसमें घर की छत पर विद्युत परिपथ लगा हुआ है जो कि बैटरी व स्विच के द्वारा संचालित होगा जैसी ही वहां बारिश की बूंद पड़ेगी वह परिपथ पूरा हो जाएगा और अलार्म बज जाएगा। जिससे सभी बारिश के लिए सक्रिय हो जाएंगे अनाज भंडारण आदि की बारिश से सुरक्षा के लिए इसमें वाटरप्रूफ चादर का उपयोग करेंगे जो एक स्विच दबाते ही वह चादर अनाज को ढक लेगा और अनाज गीले होने से बच जाएगा

इस सिस्टम की उपयोगिता व बाजार क्षमता

यह सिस्टम छत पर सूख रहे कपड़े या खाद पदार्थ को गीले होने से बचाएगा हम अक्सर पढ़ते है की अखबारों में खबरें आती है कि बारिश की वजह से बहुत मात्रा में अनाज बारिश में गीला होकर खराब हो गया आदि इससे भी वह सुरक्षा करेगा। यह सिस्टम बहुत ही सस्ता है इसलिए आसानी से खरीदा जा सकता है सस्ता होने के साथ-साथ ही यह सिस्टम अधिक उपयोगी भी है।

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