13 साल बाद हुई पीएससी की सचिव रेणू पंत की विदाई!
इंदौर। गोंडवाना समय।मध्य प्रदेश लोक सेवा में आयोग में 12 जनवरी 2020 को पूछे गये भील जनजाति को लेकर सवाल पर मध्य प्रदेश ही नहीं देश भर के जनजाति समुुदाय के आक्रोश और जनजाति संगठनों के साथ साथ जयस के द्वारा इंदौर की सड़कों से लेकर पुलिस कार्यालयों में पहुंचकर कार्यवाही की आवाज उठाना और जयस कार्यकर्ता रविराज बघेल के द्वारा अजाक थाना में जिम्मेदारों की नामजद एफआईआर के लिये शिकायत देकर प्रकरण दर्ज कराने का प्रयास किया गया। इसके साथ ही भील जनजाति के अपमान के मामले में व्यापम का मुद्दा उठाने वाले डॉ आनंद राय ने भी शुरूआत से ही इस मामले में सरकार के संज्ञान में लाने में हर स्तर पर प्रयास किया। जनप्रतिनिधियों में भी जयस के राष्ट्रीय संरक्षक मनावर के विधायक डॉ हीरालाल अलावा के साथ साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री व विधायक कांतिलाल भूरिया ने विधानसभा के सदन में भील जनजाति के मामले में मुखरता के साथ अपनी बात रखा और मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ से कार्यवाही की मांग किया था। वहीं सरकार और कुछ नौकरशाह के प्रारंभिक संरक्षण के चलते बिना नाम पता यानि अज्ञात के रूप में अजाक थाना में एफआईआर तो दर्ज हुई लेकिन बचाव के लिये सम्माननीय न्यायालय की चौखट से राहत भी मिली और सुनवाई भी चल रही है। सम्माननीय न्यायालय का निर्णय क्या आयेगा यह भविष्य में सामने आयेगा।