मॉडल बनना न तो कोई अजूबा है और न ही किसी खास का विशेषाधिकार
जनजाति मेला के मंच से जनजाति युवा-युवती के मॉडलिंग सपना होगा सच
प्रतिभागी जनजाति कल्चरफिट में रैंप पर करेंगे कैटवॉक
कमलेश गोंड़ संवाददाता
बालाघाट। गोंडवाना समय।
गोंडियन रिश्ते एवं चैरिटी मध्य प्रदेश के द्वारा बालाघाट में 22 दिसंबर 2019 रविवार को जनजाति मेला समारोह का आयोजन किया जा रहा है। जनजाति मेला समारोह का उद्देश्य यह है कि इसके माध्यम से मंच प्रदान करेंगे जिससे जनजाति वर्ग के युवक-युवतियां अपनी सांस्कृतिक विरासत धरोहर के साथ मॉडलिंग का सपना सच करे सकेंगे इसके साथ अन्य क्षेत्रों में जनजाति मेला समारोह का मंच जनजाति युवक युवतियों को उन्नति प्रगति की दिशा में माध्यम बनेगा। इस आयोजन के दौरान फैशन शॉ का आॅडिशन भी रखा गया है। जिसमें देश भर के जनजाति मॉडल्स बढ़-चढ़कर भागीदारी कर रहें है। सभी प्रतिभागी जनजाति कल्चरफिट में रैंप पर कैटवॉक करेंगे। जहाँ बच्चें, युवा वर्ग सहित कपलजोन के लिये अलग अलग कैटवाक का स्तर रखा गया है। फीमेल और मेल सहित बच्चे प्रतिभागी रहेंगे।
जनजाति मेला समारोह जनजाति संस्कृति की दिखेगी झलक
जनजाति मेला समारोह में आधुनिक प्रतिस्पर्धा के युग में जनजाति वर्ग को मंच प्रदान करना तो है ही लेकिन जनजाति संस्कृति धरोहर ही इसमें विशेषता होगी और जनजाति मेला में जनजाति वर्ग की झलक स्पष्ट दिखाई देगी । जनजाति मेला समारोह आयोजन के लिये सोशल मीडिया के माध्यम व शहर के हर कोने में प्रचार प्रसार के होर्डिंग्स में चमकते, मुसकराते सुंदर चेहरों कि हर चमक की यकीनन सपना बहुत से जनजाति युवा देखते हैं और कोशिश कर रहें हैं कि इन विज्ञापनों का उजाला उनसे होकर गुजरे। मॉडल बनना न तो कोई अजूबा है और न ही किसी खास का विशेषाधिकार। दुनिया है तो सपने हैं और इन सपनों को सच करने के लिए मॉडलिंग से बेहतर क्या हो सकता है। आधुनिकता के दौर में जनजाति युवा युवतीयों की चमक फैशन फिल्म की हर हिस्से में बखूबी देखा जायेगा। हम आपको बता दे कि आधुनिकता के दौर में कैरियर के तौर पर मॉडलिंग का इस कदर चलन बढ़ा है कि महानगरों से लेकर छोटे शहरों तक सपनों की सुनहरी रेखा देखी जा रही है।
इस कारण जनजाति मॉडलों के लिए यह आयोजन है दमदार
मॉडलिंग फैशन के करियर आजमाने वालों के लिए एक लॉन्चिंग पैड बन गया है लेकिन टीवी मॉडलिंग, कमर्शियल मॉडलिंग, रैंप मॉडलिंग, ग्लैमर मॉडलिंग में जनजाितयों का कोई प्रदर्शन नहीं है। इस कारण जनजाति मॉडलों के लिए यह आयोजन दमदार है। जहाँ ये सभी मॉडल अनेक तरह के जनजाति परिधान पहन कर खुद को बेहतर लुक एवं छरहरी काया लोगों के सामने खुद को प्रदर्शित करेंगे। मॉडलिंग में अवसरों की भरमार है। कड़ी मेहनत पेशे की सबसे बड़ी विशेषता है।
चैरीटी प्रमुख कोयताड़ संध्या धुर्वे है प्रयासरत
मॉडलिंग करियर में आयु एक बड़ी बाधा होती है, लिहाजा इस क्षेत्र में आगे चल कर फैशन डिजाइनिंग, फोटोग्राफी, टीवी एंकरिंग तथा अभिनय जैसे दूसरे अच्छे-खासे विकल्प मौजूद हैं इस ओर पहचान दिलाने की भरपूर प्रयास में आयोजन की संरक्षक एवं चैरीटी प्रमुख कोयताड़ संध्या धुर्वे प्रयासरत है। जहाँ जनजाति युवा युवतियों को टीवी /प्रिंट / वीडियो/ विज्ञापन / फिल्म शोरूम, लाइव, वेबसाइट्स, कैलेंडर, कैटलॉग, ट्रेड शोज, हैंड मॉडल्स, प्रोडक्ट प्रोमोशन, कॉरपोरेट सेक्टर के अलावा बतौर कोआॅर्डिनेटर जेसे रोजगार मिल सके है । फैशन शॉ के दौरान कोआॅर्डिनेटर द्वारा प्रमुख रूप से ग्रूमिंग, मेकअप, हेयरकेयर, रैंप पर चलने का सलीका, बोलने का सलीका बताया जायेगा । आयोजन की सहभागी संगठन गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन से भी युवा प्रतिभागी कर रहें है। संगठन के अनेक चमकते सितारें भी रेम्प की सुंदरता बढ़ायेगे वही केटवाक में कई नामी चेहरे देखने को मिलेंगे ।