वे चुनावी भ्रष्टाचार के खिलाफ धर्म-युद्ध का प्रतीक बन गए थे
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त श्री टी.एन. शेषन के निधन पर निर्वाचन आयोग ने की संवेदना व्यक्त
मुख्य चुनाव आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा ने कहा श्री शेषन हमेशा राष्ट्र के लिए एक आदर्श रहेंगे
नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
निर्वाचन आयोग ने चेन्नई में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त श्री टी.एन. शेषन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
श्री शेषन को सम्मान देने के लिए सोमवार को निर्वाचन सदन में एक शोक सभा का आयोजन किया गया। उप चुनाव आयुक्त श्री सुदीप जैन, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त के प्रति अंतिम सम्मान व्यक्त करने के लिए आयोग की ओर से चेन्नई पहुंच रहे हैं।
स्वर्गीय श्री टी.एन. शेषन, भारत के 10 वें मुख्य चुनाव आयुक्त
निर्वाचन आयोग देश के 10 वें मुख्य चुनाव आयुक्त श्री टी.एन. शेषन के दु:खद निधन पर हार्दिक शोक व्यक्त करता है। श्री टी.एन. शेषन भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1955 बैच के तमिलनाडु कैडर के प्रतिभाशाली अधिकारी थे। वे 12 दिसंबर, 1990 से लेकर 11 दिसंबर, 1996 तक देश के मुख्य चुनाव आयुक्त रहे। इससे पहले, वे कैबिनेट सचिव भी रहे थे। श्री शेषन ने अपने पद के उच्च मानक स्थापित किए। अपने जीवन काल में किवदंती बने श्री शेषन हमेशा हमारे लिए, सभी मुख्य चुनाव आयुक्तों के लिए और चुनाव आयोग के लिए आने वाले समय में प्रेरणा स्रोत रहेंगे।
निर्वाचन आयोग की प्रतिष्ठा को ऊंचाइयों पर पहुंचाया
श्री शेषन ने चुनावी प्रक्रिया में काफी बदलाव किए। मुख्य चुनाव आयुक्त के संवैधानिक पद पर रहते हुए उन्होंने चुनावी धांधलियों, हिंसा और बाहुबल के प्रयोग पर सख्त रुख अपनाते हुए निर्वाचन आयोग की प्रतिष्ठा को ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। जब तक वे पद पर बने रहे, निर्वाचन आयोग का स्तर ऊंचा रहा। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत निर्वाचन आयोग को प्रदत्त स्वायत्ता और अधिकारों को पुन:स्थापित किया। चुनावी प्रक्रिया की केवल एक प्रबंधन के रूप में निगरानी करने से इंकार करते हुए उन्होंने धन, शराब, बाहुबल, वोट कैपचरिंग जैसी बुराइयों से चुनाव को मुक्त करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य किया। एक नौकरशाह के करियर से उन्होंने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में अपने आपको इस रूप में पुन:स्थापित किया, जिसने लोगों को उनके वोट की ताकत की याद दिलाई।
वे हमेशा निर्वाचन आयोग में प्रेरणा प्रदान करते रहेंगे
श्री शेषन सही समय पर, सही स्थान पर, बैठने वाले सही व्यक्ति थे। वे चुनावी भ्रष्टाचार के खिलाफ धर्म-युद्ध का प्रतीक बन गए थे। उन्होंने ऐसा माहौल और चेतना पैदा की, जिसके द्वारा नागरिकों ने यह अनुभव किया कि वे चुनाव में मुख्य हितधारक हैं। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने अपने जीवन के अंतिम 22 वर्ष चेन्नई में शांतिपूर्वक व्यतीत किए। कुल मिलाकर वे लोगों के लिए जीवित किवदंती बन गए थे। वे हमेशा युवा मतदाताओं के साथ-साथ बुजुर्गों की कल्पना को भी मंत्रमुग्ध करते रहे। वे उत्कृष्ट सांस्कृतिक मूल्यों से परिपूर्ण थे, जिसका उन्होंने कठिन समय में भी पालन किया। वे हमेशा चुनाव आयोग और राष्ट्र के लिए आदर्श बने रहेंगे। श्री शेषन अपने पीछे आयोग की समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं और वे हमेशा निर्वाचन आयोग में प्रेरणा प्रदान करते रहेंगे। हम दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हैं।