मुख्यमंत्री जी, मेरे गिरवी रखे जेवर वापस दिलवा दीजिये
आदिवासी रतनलाल पुसाम ने अनुसूचित ब्लॉक लखनादौन में रखे जेवर वापस दिलाने मुख्यमंत्री से की प्रार्थना
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ आदिवासियों के हित में निरंतर कल्याणकारी फैसला ले रहे है और पहली बार मध्य प्रदेश में विश्व आदिवासी दिवस के दिन अवकाश घोषित किया गया था जिससे आदिवासी समाज के लोगों ने मिलजुलकर खुशीपूर्वक आदिवासी दिवस ध्ूामधाम से मनाया था और विश्व आदिवासी दिवस के दिन ही ऐतिहासिक फैसला अनुसूचित ब्लॉक के आदिवासियों के जेवर-जमीन वापस दिलाये जाने के लिये घोषणा करते हुये कहा था कि इसके लिये सरकार ने पूरी तैयारी कर लिया है।
सिवनी। गोंडवाना समय।मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने 9 अगस्त 2019 को विश्व आदिवासी दिवस के दिन छिंदवाड़ा में घोषणा किया था कि अनुसूचित ब्लॉक में जिस किसी भी आदिवासी भाई बहन के जेवर-जमीन गिरवी रखे होंगे उन्हें जेवर-जमीन वापस दिलाई जायेगी और उनका कर्ज माफ किया जायेगा और इसके लिये सरकार ने पूरी तैयारी भी कर लिया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की घोषणा के बाद मध्य प्रदेश के अनुसूचित ब्लॉकों में सेठ-साहूकारों के कर्ज में डूबे हुये आदिवासियों को उम्मीद थी कि उनका कर्ज माफ हो जायेगा और उनकी गिरवी रखी हुई जेवर व जमीन उन्हें वापस मिल जायेंगे लेकिन मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के द्वारा घोषणा किये जाने के लगभग 100 दिन पूर्ण हो चुके है लेकिन अनुसूचित ब्लॉक में शायद ही किसी आदिवासी की कांग्रेस की सरकार ने जेवर-जमीन वापस दिलाया हो यदि ऐसा होता है वह सफलता की कहानी बनकर समाचार पत्र की सुर्खियां जरूर बनती।
रतनलाल पुसाम ने जेवर वापस दिलाने मुख्यमंत्री के नाम लिखा प्रार्थना पत्र
गोंडवाना समय समाचार पत्र ने मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की घोषणा अनुरूप मध्य प्रदेश के 89 ब्लॉकों के उन आदिवासियों की आवाज बनकर या माध्यम बनकर मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ तक पहुंचाने के लिये अभियान चलाना प्रारंभ किया है जिमसें सिवनी जिले के अनुसूचित ब्लॉक लखनादौन के ग्राम लिंगपानी, पोस्ट पाठादेवरी, थाना-धूमा, तहसील-लखनादौन,जिला-सिवनी के गोंड जनजाति वर्ग के रतनलाल पुसाम पिता सुखचंद पुसाम मोबाईल नंबर-7089476973 ने अपने जेबर अनुसूचित ब्लॉक लखनादौन के अशोक ट्रेडिंग कंपनी और श्री चिरौंजीलाल कंधीलाल जैन के यहां पर अपने गिरवी रखे हुये जेवर वापस दिलाये जाने के लिये प्रार्थना पत्र मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के नाम लिखा है। वही रतनलाल पुसाम ने यह भी बताया कि उसके पास खेती किसानी के लिये अत्याधिक पैसा की आवश्यकता इसलिये उसने कर्ज लिया था। इससे एक बात और साफ हो रही है कि किसान कल्याण विभाग व सरकार आदिवासियों के लिये खेती किसानी से संबंधित अनेकों योजनायें चला रही है तो फिर क्यों आदिवासी किसानों को खेती किसानी के लिये अपने जेबर गिरवी रखना पड़ रहा है ।
मुझे नोटिस दिये बिना जेवर बेच डाले ?
हम आपको बता दे कि अनुसूचित ब्लॉक लखनादौन में आदिवासी रतनलाल पुसाम ने लखनादौन के अशोक टेडिंग कंपनी के पास चांदी 478 ग्राम गिरवी रखकर 7800 रूपये एवं लखनादौन के ही श्री चिरौंजीलाल कंधीलाल जैन यहां पर सोना 1.3 ग्राम गिरवी रखकर 2200 रूपये जून-जुलाई 2019 में लिया था। जेवर गिरवी रखकर रकम पाने वाले रतनलाल पुसाम से सिर्फ छह माह के लिये गिरवी रखने के दौरान शर्त भी लिखवाई गई है।
शर्त में जेवर गिरवी रखने वाले अशोक ट्रेडिंग कंपनी व श्री चिरौंजीलाल कंधीलाल जैन ने यह लिखवाया है कि यह जेवर पूरी तरह चोखा नहीं है बल्कि बट्टे वाला है। इस पर 2.5 रूपया सैकड़ा माहवार के हिसाब से ब्याज देनदार रहूंगा। इसके साथ ही मैं यह वचन देता हूं कि गिरवी रखी हुई वस्तु में छह माह के अंदर मूलधन तथा ब्याज की राशि चुकाकर छुड़ा लुंगा अथवा फिर से यह करारनाम लिखुंगा या पुन: हस्ताक्षर करूंगा अन्यथा चिरौंजीलाल कंधीलाल जैन एवं अशोक ट्रेडिंग कंपनी को अधिकार होगा कि मुझे नोटिस दिये बिना जेवर बेच डाले। मैं कोई आपत्ति करने का अधिकारी नहीं रहूंगा सहित अन्य शर्तों का उल्लेख किया गया है।