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आदिवासियों की योजना में छूट गया सिवनी का नाम

आदिवासियों की योजना में छूट गया सिवनी का नाम 

भोपाल। गोंडवाना समय। 
सामुदायिक भवन/देव स्थान भवन निर्माण के लिये भूमि आबंटन के को लेकर शामिल जिलों में सिवनी का नाम नहीं होने से कार्यालय आयुक्त आदिवासी विकास मध्य प्रदेश से 9 अक्टूबर को जारी हुआ आदेश सोशल मीडिया में बायरल हो रहा है वहीं साथ में उक्त पत्र बबाल भी मचा रहा है कि आखिर सिवनी जिले को क्यों छोड़ दिया गया है। वहीं हम आपको बता दे कि मध्य प्रदेश शासन के आदिम जाति कल्याण मंत्री स्वयं 9 अक्टूबर को सिवनी जिले के प्रवास पर थे और वे आदिवासी शहीद दिवस के रूप में आयोजित होने वाले कार्यक्रम शहीद मेला व आदिवासी सम्मान समारोह कार्यक्रम में शामिल हुये थे और उसी दिनांक पर आदिवासी बाहुल्य व 5 जनजाति ब्लॉक वाला जिला सिवनी का नाम आदेश मे होने से चर्चा का विषय बन गया है।

आदेश में ये लिखाा हुआ है 

हम आपको बता दे कि कार्यालय आयुक्त आदिवासी विकास मध्य प्रदेश के द्वारा जारी आदेश में संभाग स्तरीय, जिला स्तरीय, विकासखण् ड स्तरीय, सामुदायिक भवन/देव स्थान भवन निर्माण के स्वीकृति की कार्यवाही संलग्न सूची अनुसार प्रक्रियाधीन है । अत: आपके जिले से संबंधित निर्माण कार्य हेतु संभाग स्तरीय भवन निर्माण के िलये 4000.00 वर्गमीटर, जिला स्तरीय के लिये 2000.00  वर्गमीटर तथा विकासखण्ड स्तरीय भवन के लिये 1000.00 वर्गमीटर भूमि की आवश्यकता होगी।
  जारी आदेश में यह उल्लेखिता है कि अत: संलग्न सूची अनुसार निर्माण कार्यों के लिये उपरोक्तानुसार भूमि का आबंटन शीघ्र किया जाना सुनिश्चित करें जिससे उक्त भवन निर्माण कार्य के प्रांरभ की कार्यवाही विभाग द्वारा शीघ्र की जा सके। कृपया इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देवें।
दीपाली रस्तोगी आयुक्त आदिवासी विकास विभाग मध्य प्रदेश भोपाल के हस्ताक्षर से जारी आदेश जो कि सहायक आयुक्त/ जिला संयोजक के नाम से पहुंचाया गया है ।

इन जिलो के है कैसे रह गया सिवनी का नाम

जबलपुर, ग्वालियर, शहडोल, शिवपुरी, गुना, अशोक नगर, दतिया, उमरिया, डिंडौरी, छिंदवाड़ा, मण्डला, बालाघाट, श्योपुर, मुरैना, भिण्ड, अनूपपुर, बैतूल, हरदा, खण्डवा, झाबुआ, रतलाम, बड़वानी की ओर आवश्यक कार्यवाही हेतु ।

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