जनजाति मेले में कोयापुनेम के साथ रैंपवॉक, कला, संगीत, विज्ञान भी होगा मुख्य आकर्षण
जनजाती मेले की भव्य आयोजन की तैयारी को लेकर इंदौर में हुई चर्चा
कमलेश गोंड संवाददाताइंदौर। गोंडवाना समय।
गोंडीयन रिश्ते चेरिटी के तत्वाधान में मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में पहली बार जनजाती मेले का आयोजन आगामी समय में 22 दिसम्बर 2019 में किया जा रहा है, उक्त आयोजन को लेकर रविवार 20 अक्टूबर को मध्य प्रदेश की व्यापारिक राजधानी इंदौर में स्थित समर्थ पार्क परिसर में जनजाति मेल आयोजन समिति के द्वारा विभिन्न तैयारियों को लेकर एक दिवसीय बैठक में चर्चा के दौरान आदिम समुदाय के हित में जनजाती संस्कृति के संरक्षण और जागरूकता पर आधारित इस थीम पर आदिम समुदाय के 18 वर्ष से 40 वर्ष के युवा एवं 60 वर्ष तक के विवाहित जोड़ो को जनजाती परिधान के गेटअप में रैंपवॉक कराने की तैयारी में को लेकर विचार विमर्श हुआ।
वहीं जनजाति मेले का आयोजन चेरिटी प्रमुख कोयताड़ संध्या धुर्वे के प्रयासों से किया जा रहा है। मेले में जनजाति कलाकारो की झलक, स्टॉल, लोक गायन, वादन, कला, वर वधू परिचय, पुस्कतों का दान, विज्ञान प्रदर्शनी, रैंपवॉक, कोयापुनेम मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेगा। बैठक के दौरान कोयताड़ संध्या धुर्वे, कुपाड़ अरूण उइके , रायताड़ गीता परतेती, कमलेश गोंड़, तिरु. माणकलाल उईके, तिरु. वीरेंद्र इरपाची, तिरु. सतीश सलामे, शैलेंद्र वरकड़े, तिरु. सुंदरलाल मर्सकोले, तिरुमाय सपना जमरे, नीरज धुर्वे मौजूद रहे।
शिक्षा की ओर बढ़ते कदम और साथ में आपने परंपरा वेशभूषा को लेकर लगातार प्रयास कर रहा है सभी को एकजुट करने प्रयास कर रहा है बेरोजगार युवक युवती को लेकर हमारी अपनी संस्कृति को संभाल कर रखना है और हमारे भीतर का एक डर जो रहा है वो मानसिकता का है उसे दिल दिमाग से निकालना जरूरी है इसलिए इस लिए हमारी टीम 2014 से काम करते हुए आ रही हैं लुटेरी गोडियन रिश्ते चैरिटी एडमिन टीम इंदौर
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