स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी से जिले में फैला नीम-हकीमों का मकड़जाल
गंभीर बीमारी तक का इलाज कर हैं नीम-हकीम
आदेगांव। गोंडवाना समय।जिले भर में स्वास्थ्य विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते नीम-हकीम बढ़ते जा रहे हैं और भोले-भाले ग्रामीणों को फर्जी तरीके से डिग्री और डॉक्टर बताकर उनका इलाज कर उनकी जान जोखिम में डाल रहे हैं। नीम-हकीम एमबीबीएस डॉक्टरों की तरह क्लिनिक खोलकर ग्रामीणों का उपचार कर रहे हैं। खास व अहम बात तो यह है कि हर एक बीमारी का इलाज कर रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को इन नीम-हकीमों पर नकेल कसने की फुर्सत नहीं मिल रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग इन नीम-हकीमों पर अप्रत्यक्ष रूप से मेहरबान बने हुए हैं।
कलेक्टर ने जारी किया था फरमान पर स्वास्थ्य विभाग बना रहा अनजान-
अखबारों में सुर्खियों के बाद तत्कालीन कलेक्टर गोपाल चंद्र डाड ने फर्जी डॉक्टरी का पेशा चलाने वाले यानी नीम-हकीमों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग को राजस्व और पुलिस विभाग के साथ मिलकर कार्रवाई करने का फरमान जारी किया था। यह फरमान कलेक्टर के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग के सीएचएमओ द्वारा ही जारी किया था लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी फरमान जारी करने के बाद धृतराष्ट बनकर बैठे हुए हैं। नीम-हकीमों पर कार्रवाई करना तो दूर उनकी क्लिनिकों की जांच तक नहीं की है। आलम यह है कि बेखौफ और बड़े-बड़े बोर्ड लगाकर लोगों को गुमराह कर उनका इलाजज कर रहे हैं और लोगों की जान के दुश्मन बन रहे हैं। ऐसा ही आलम लखनादौन विकासखंड के आदेगांव क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। जहां थाने से चंद दूरी पर गंज वार्ड में और तीन किलोमीटर की दूरी पर सागर गांव में ये नीम-हकीम डॉक्टर बनकर उपचार करते नजर आ रहे हैं।हर बीमारी का उपचार कर रहे नीम-हकीम-
आदेगांव के गंज में एम के विश्वास मां मनसा क्लिनिक के नाम पर अपने घर में मरीजों का उपचार कर रहे हैं। उनके द्वारा बकायदा प्राचार-प्रसार के लिए घर पर बड़ा सा बोर्ड भी लगाया हुआ है। सबसे खास बात तो यह है कि सुगर,मलेरिया,खांसी,टायफाइड,सर्दी-जुखाम,गठियाबाद,सिरदर्द,दाद-खाज खुजली,बवासीर,भंगदर जैसी बीमारी का उपचार कर रहे हैं। जबकि सुगर,मलेरिया,टायफाइड जैसी गंभीर बीमारी की जांच पैथॉलाजी में जांच होने के बाद ही उसका उपचार किया जाता है लेकिन एमके विश्वास स्वास्थ्य विभाग को ठेंगा दिखाते हुए इलाज कर मोटी कमाई कर रहे हैं। बताया तो यह भी जाता है कि दवा दुकान से दवा लाकर मरीजों को खुद दवाई देते हैं। इसी तरह सागर गांव में भी नीम-हकीम का बोलबाला है। यहां पर भी झांसे में आकर अपनी जान जोखिम में डालकर उपचार करवाने जा रहे हैं। मरीजों की लगी हुई कतार खुद ब खुद बयां कर रही है कि नीम-हकीम के झांसे में लोग आकर उनके यहां पर जा रहे हैं।इनका कहना है ....
गांव के लोग खुद भी इन नीम-हकीमों की थाने में जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। मैं फ्री होकर जिले के सभी नीम-हकीमों की डिग्रियां देखूंगा और उनके खिलाफ एफआईआर कराउंगा।डॉ. केआर साक्य मुख्य चिकित्सा अधिकारी सिवनी।