कमल नाथ बना रहे आदिवासियों से करीबी, सिवनी कांग्रेस के पदाधिकारी बना रहे दूरी और करा रहे कांग्रेस सरकार की किरकिरी
सिवनी मुख्यालय में हजारों की संख्या में एकत्र हुये आदिवासियों ने भरी हुंकार नहीं सहेंगे अत्याचार
आदिवासी शहीद सम्मान कार्यक्रम में आदिवासी अधिकारी का युवक कांग्रेस अध्यक्ष ने किया था अपमान
आदिवासी अधिकारी कर्मचारी संघ के साथ सर्व आदिवासी समाज ने सौंपा ज्ञापन
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आदिवासियों के लिये वचन पत्र में शामिल किये गये वचनों को एक एक करके पूरा करने में लगे हुये है। आजादी के बाद से आदिवासी समाज के अनेक संगठन और जनप्रतिनिधियों के द्वारा आदिवासियों की अनेक ऐसी मांग लंबित थी उन मांगों को मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कमल नाथ के बैठने के बाद से ही उन्होंने पूरा करने का प्रयास किया है। आदिवासियों के हित अधिकारों को लेकर योजनाओं को लागू कर उन्हें क्रियान्वयन कराने से आदिवासियों में कांग्रेस सरकार और कमल नाथ के प्रति विश्वास बढ़ता जा रहा है। वहीं आदिवासी बाहुल्य जिला छिंदवाड़ा में भले ही कमल नाथ बीते 40 वर्षों से आदिवासी से अपने रिश्ते और संबंध मजबूत बनाते आ रहे है इसी का परिणाम रहा है कि सर्वाधिक आदिवासी मतदाता वाला जिला छिंदवाड़ा में वे सांसद, केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री तक बनने में कामयाब हुये है लेकिन बीते वर्षों में जब भाजपा की सरकार मध्य प्रदेश में आई तो कांग्रेस से आदिवासी मतदाता मध्य प्रदेश में दूरी बनाता हुआ परिणामों पर नजर डाले तो स्पष्ट दिखाई दिया और कांग्रेस से आदिवासियों की इसी दूरी को समाप्त करने के लिये मुख्यमंत्री कमल नाथ आदिवासियों के लिये मध्य प्रदेश के खजाना के साथ खोलने के साथ ही अनेक योजनाओं के माध्मय से लाभ देने का प्रयास कर रहे है यहां तक आदिवासियों के जन्म से मृत्यू संस्कार की चिंता कर उन्होंने मुख्यमंत्री मदद योजना बनाकर लाभ देने का प्रयास कर रहे है ताकि कांग्रेस से पूरे मध्य प्रदेश में आदिवासियों का करीबी रिश्ता फिर से मजबूत हो सके।मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आदिवासियों के हक अधिकार ही नहीं उनके धर्म, संस्कृति, भाषा, विद्यार्थियों से लेकर युवाओं के लिये रोजगार, क्षेत्र का विकास के साथ साथ जिन्होंने आजादी की लड़ाई में ऐतिहासिक बलिदान दिया उनके याद में जबलपुर में प्रेरणा केंद्र बनाने के लिये बजट भी स्वीकृत किया है। मध्य प्रदेश पहला राज्य है जहां पर सबसे पहले और पहली बार पूरे प्रदेश में विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासियों को अवकाश के साथ साथ धूमधाम से त्यौहार उत्सव के रूप में मनाये जाने के लिये ब्लॉक से लेकर जिला मुख्यालय में कार्यक्रम आयोजन के लिये बजट भी स्वीकृत किया था। इतना ही नहीं आदिवासियों की आर्थिक स्थिति की चिंता करते हुये मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आदिवासियों को दस हजार रूपये तक राशि एटीएम से निकालने के लिये खाते में जमा करवाने की योजना बनाया है ताकि उन्हें सेठ, साहूकारों से कर्ज न लेना पड़े और इसके लिये उन्होंने अनुसूचित क्षेत्र में साहूकारी लाईसेंस के नियमों को भी बदलकर नये प्रावधान करने की योजना बनाया है। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आदिवासियों के देव स्थलों को राजस्व रिकार्ड के साथ साथ सौंदर्यीकरण की योजना भी बनाया है, वहीं आदिवासियों की भाषा को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल करने की योजना भी बनाया, आदिवासियों को जिला, ब्लॉक में कार्यक्रम आयोजन के लिये जमीन आबंटन किये जाने के लिये योजना बनाकर अमलीजामा पहनाना प्रारंभ करवा दिया है, मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों व युवाओं के लिये शैक्षणिक अध्ययन के साथ साथ रोजगार के लिये योजनाएं बनाया है, मुख्यमंत्री कमल नाथ ने वनाधिकार पट्टों के मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट में समय रहते वन अधिकार अधिनयम के मामले में विस्थापित होने की कगार पर खड़े लाखों आदिवासियों को राहत दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है, मुख्यमंत्री ने आदिवासी सलाहकारी समिति जो वर्षों से कागजों में संचालित हो रही थी उसमें विधायकों को शामिल कराकर स्वयं उसके अध्यक्ष बनकर आदिवासियों के विकास के लिये आने वाले बजट का दुरूपयोग न हो इसकी तक चिंता किया है।
ऐसी अनेक योजनाएं है जो कि मुख्यमंत्री बनने के बाद कम समय में प्रयास किया है ताकि आदिवासी समाज कांग्रेस के प्रति पुन: विश्वास के साथ करीब आ सके लेकिन उनके ही अपने गृह जिला के करीब सिवनी जिले में कांग्रेस पदाधिकारी के द्वारा सार्वजनिक रूप से कृत्य करने के बाद सिवनी जिला कांग्रेस कमेटी भी संरक्षण देकर कंधा से कंधा मिलाकर अपमान करने वाले का साथ दे रही है। सिवनी जिले में आदिवासी शहीद मेला में आयोजित आदिवासी शहीद सम्मान समारोह में कांग्रेस के प्रदेश व जिला पदाधिकारियों व दो मंत्रियों की उपस्थिति में युवक कांग्रेस अध्यक्ष के द्वारा सार्वजनिक रूप से आदिवासियों का अपमान करने का मामला अब सिवनी जिला से लेकर मध्य प्रदेश के अन्य जिलो तक पहुंच रहा है जिससे मुख्यमंत्री कमल नाथ की मेहनत पर सिवनी जिले की कांग्रेस पानी फेरकर किरकिरी कराकर आदिवासियों से कांग्रेस की दूरी बनाने में अहम भूमिका बना रही है जबकि आने वाले समय में पंचायत व नगरीय निकाय के चुनाव होने है और ऐसे समय में कांग्रेस द्वारा इस तरह के कृत्य किये जाने को लेकर आदिवासी समाज में आक्रोश के साथ नाराजगी बढ़ रही है।
सिवनी। गोंडवाना समय।
बीते 9 अक्टूबर को आदिवासी बाहुल्य ब्लॉक कुरई में जंगल सत्याग्रह में शहीद हुये आदिवासी शहीदों के सम्मान में प्रतिवर्ष शासकीय कार्यक्रम आयोजित कर आदिवासी शहीदों के परिवार का सम्मान कार्यक्रम
के साथ आदिवासी शहीद मेला का आयोजन भी किया जाता है। इस वर्ष भी 9 अक्टूबर 2019 को आदिवासी शहीदों के सम्मान में जिला प्रशासन व आदिवासी विकास विभाग के द्वारा आपकी सरकार आपके द्वार के साथ साथ आदिवासी शहीदों के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। वहीं कार्यक्रम में सिवनी जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुखदेव पांसे व आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार मरकाम, क्षेत्रिय विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया, कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजकुमार खुराना सहित कांग्रेस के वरिष्ठ से लेकर छुटभैया नेता भी मंच से लेकर कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थे। वहीं हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के सगाजन भी कार्यक्रम स्थल में उपस्थित थे और प्रतिवर्ष की भांति संपूर्ण कार्यक्रम की जिम्मेदारी व जवाबदारी आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त सहित विभागों के अधिकारी कर्मचारी की होती है उसी तरह 9 अक्टूबर 2019 को आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त एस एस मरकाम भी कार्यक्रम के सफल संचालन के लिये अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
आदिवासी शहीद सम्मान समारोह कार्यक्रम के मंच पर ही मौजूद युवक कांग्र्रेस जिला अध्यक्ष आनंद पंजवानी के द्वारा आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त एस एस मरकाम के साथ वाद विवाद करते हुये सार्वजनिक रूप से मर्यादित व अशोभनीय भाषा का उपयोग करते हुये उन्हें धमकी तक दी गई। सूत्र बताते है कि घटनाक्रम के संबंध में स्थिति तो यहां तक बन गई थी युवक कांग्रेस के कुछ पदाधिकारी तो सहायक आयुक्त एस एस मरकाम के साथ मारपीट तक करने पर उतारू हो रहे थे और भला बुरा कह रहे थे। सार्वजनिक रूप से सहायक आयुक्त एस एस मरकाम के साथ आदिवासी समाज का अपमान किये जाने के मामले में त्वरित रूप से आदिवासी समाज के वरिष्ठ जनों की सलाह पर शांति कायम रही अन्यथा कार्यक्रम स्थल पर ही बबाल भी मच सकता था ।
घटनाक्रम को देखते हुये दोनों मंत्री ने और प्रशासन के अधिकारियों ने भी चुपचाप रहने की सलाह देकर मामले को शांत कराना उचित समझा चूंकि आदिवासी शहीद सम्मान कार्यक्रम में ही आदिवासी समाज के अधिकारी और आदिवासी समाज का सार्वजनिक रूप से अपमान करने का कृत्य कांग्रेस की सरकार में कांग्रेस के ही जिम्मेदारी पदाधिकारी के द्वारा किया जाने को लेकर आदिवासी समाज में ही नहीं अधिकारी कर्मचारी में भी नाराजगी व्याप्त थी और कांग्रेस पार्टी के द्वारा के ऐसे कृत्य पर पर्दा डालकर संरक्षण देकर बढ़ावा दिये जाने के बाद आदिवासी समाज के बुद्धिजीवियों के द्वारा किये गये चिंतन मंथन के बाद विरोध की चिंगारी ग्रामीण अंचल से निकलकर सिवनी शहर तक पहुंच गई है वहीं कम संख्या में प्रारंभ हुआ विरोध व ज्ञापन का सिलसिला सोमवार के दिन जिला मुख्यालय में जन सैलाब में बदल गया और युवक कांग्रेस अध्यक्ष पर कार्यवाही को लेकर समस्त अधिकारी कर्मचारी संघ के द्वारा 14 अक्टूबर 2019 दिन सोमवार को सर्व आदिवासी समाज के साथ साथ अनेक संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ व पुलिस अधीक्षक के नाम कार्यवाही को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है।
सहायक आयुक्त के सम्मान में निकाली रैली और युवक कांग्रेस अध्यक्ष पर कार्यवाही को लेकर सौंपा ज्ञापन
समस्त अधिकारी कर्मचारी संघ जिला-सिवनी एवं सर्व आदिवासी समाज के संयुक्त तत्वाधान में सिवनी जिला मुख्यालय में सिवनी जिले के प्रत्येक ब्लॉकों से पहुंचे हजारों की तादात में एकजुट हुये आदिवासी समाज के सगाजनों ने रैली निकालकर हुंकार भरते हुये आदिवासियों पर अत्याचार नहीं सहेंगे, नहीं सहेंगे अत्याचार का नारा लगाया और अपने हक अधिकारों को लेकर सुरक्षा की मांग किया।एकजुट हुये अधिकारी कर्मचारी व सर्व आदिवासी समाज के द्वारा सौंपे गये ज्ञापन को मुख्यमंत्री के नाम एवं पुलिस अधीक्षक के नाम सौंपा गया है। सौंपे गये ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि हम समस्त अधिकारी/कर्मचारी जिला-सिवनी आपसे विनम्र अनुरोध करते है कि दिनांक 9 अक्टूबर 2019 को स्थान शहीद आदिवासी सम्मान समारोह टुरिया सामुहिक सभा मंच विकासखण्ड कुरई में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग सिवनी श्री एस एस मरकाम के साथ श्री आनंद पंजवानी अध्यक्ष जिला युवा कांग्रेस सिवनी द्वारा सार्वजनिक सभा मंच में अमर्यादित अशोभनीय भाषा का प्रयोग करते हुये अभद्रता की गई है।
जिससे समस्त अधिकारी/कर्मचारी में आक्रोश व्याप्त है। ऐसे कृत्य की घोर निंदा करते हुये हम समस्त अधिकारी कर्मचारी आपसे विनम्र आग्रह करते है कि ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करते हुये उसके विरूद्ध सक्त कार्यवाही किये जाने हेतु हम समस्त कर्मचारी अधिकारी आपसे विनम्र मांग करते है कि ताकि भविष्य में किसी अन्य अधिकारी/कर्मचारी के साथ ऐसा बर्ताव न किया जा सके। अत: संबंधित के विरूद्ध उचित कार्यवाही किये जाने हेतु ज्ञापन सौंपा गया।