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अंग्रेजों को मुस्तैदी से जवाब देने में आदिवासी समाज कभी नहीं हटा पीछे-ओमकार मरकाम

अंग्रेजों को मुस्तैदी से जवाब देने में आदिवासी समाज कभी नहीं हटा पीछे-ओमकार मरकाम

आदिवासी शहीदों ने स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहूती देकर दिया योगदान-सुखदेव पांसे

हंसिया से अंग्रेजी हुकुमत से हक लेने वाले शहीदों को किया नमन व परिजनों का किया सम्मान

टुरिया में शहीद मेले का समारोह पूर्वक हुआ आयोजन

सिवनी। गोंडवाना समय। 
1930 में हुए जंगल सत्याग्रह में अपने प्राणों की शहादत देने वाले जिले के आदिवासी शहीदों के सम्मान में शहीद मेले का आयोजन कुरई विकासखण्ड के ग्राम टुरिया में मध्य प्रदेश शासन के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुखदेव पांसे एवं मध्य प्रदेश शासन के जनजातीय कार्य विभाग, विमुक्त घुम्मकड़ अर्द्ध घुम्मकड़ जनजातीय कल्याण विभाग मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम के मुख्य आतिथ्य में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बरघाट विधायक श्री अर्जुन काकोड़िया ने किया।
कार्यक्रम में अतिथियों ने सर्वप्रथम जंगल सत्याग्रह में शहीद हुये आदिवासी समाज के श्रीमती रेनो बाई, श्रीमती मुड्डे बाई, श्रीमती देभो बाई एवं श्री बिरझु भोई के सम्मान में
निर्मित शहीद स्मारक में दीप प्रज्वलन एवं श्रद्धा सुमन अर्पित किये तथा शहीदों के परिजनों को शाल श्रीफल से सम्मानित किया गया।
इस अवसर में पूर्व विधायक श्री रजनीश ठाकुर, श्री राजकुमार खुराना, कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री कुमार प्रतीक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारी कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में आम जनों की उपस्थिति रही।

आदिवासी समाज ने प्रकृति की हमेशा किया रक्षा 

मध्यप्रदेश शासन के जनजातीय कार्य विभाग, विमुक्त घुम्मकड़ अर्द्ध घुम्मकड़ जनजातीय कल्याण विभाग मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम ने अपने उद्बोधन में 9 अक्टूबर 1930 को जंगल सत्याग्रह में अपने प्राणों की आहुति देने वाले आदिवासी शहीदो को याद करते हुए कहा हमारी स्वतंत्रता के लिये अंग्रेजी शासन के विरोध में अपने प्राणों को त्यागने वाले यह शहीद आज बीच नही है किंतु उनका देश सेवा का लक्ष्य हमारे बीच हमेशा रहेगा। शहीदो की यह शहादत आने वाली पीढ़ी को हमेशा प्रोत्साहित करते रहेगी। आदिवासी समाज के शहीदो ने देश की स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने के साथ ही प्रकृति की हमेशा रक्षा की है।

राहूल गांधी व कमल नाथ की ओर से किया नमन

आगे अपने संबोधन आदिम जाति कल्याण मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री का निर्देश है शहीद परिवार के सदस्यों का सम्मान करते हुये शहादत दिवस मनायेंगे। उन्होंने कहा कि आज हमारे बीच में मौजूद शहीद परिवार को नमन करता हूं। हमारे शहीद भले ही हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनका उद्देश्य व उनके जीवन का लक्ष्य हमारे बीच में है, हमें गर्व होता है विश्व की प्रगति पर आदिवासियों की सच्चाई का सबसे बड़ा अगर प्रमाण किसी को देखना है कि ऐसे जगह पर हम आते है। जहां पर शहादत के मूल्यों को सहेजकर रखने में हमें संबल मिलता है।

1857 के लड़ाई में भी गोंड राजा नहीं हटे थे पीछे-

आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार मरकाम ने कहा कि अंग्रेज जब क्रूरता के साथ मानवता को कुचलते हुये, जीवन के मूल्यों को कीड़े मकोड़े की तरह एक ऐसी दशा पर ले जाना चाहते थे और अपनी हुकुमत की क्रूरता पर हमारे मानवीय मूल्यों को जबरदस्ती नीचे दबाकरके उसके ऊपर बैठकर राज करना चाहते थे। मैं ये कह
सकता हूं कि अगं्रेजों की नीति ये थी कि हजारों ईमानदारों की लाश पर ऊपर अपनी गद्दी बैठालकर राज चलाने वाले, नीति चलाने वाले अंग्रेजों को मुस्तैदी से जवाब देने में आदिवासी समाज कभी पीछे नहीं हटा है। हमारा आदिवासी समाज मुझे इस बात पर गर्व होता है जब पूरा भारत समाज मुगलों का गुलाम था और जब मुगल शासक अकबर पूरी तरह से हिन्दुस्तान की सरजमी पर अपने हुकुमतों का हर जगह अनुसरण करा लिया था। उस समय भी हमारे हमारे गोंड शासक रानी दुर्गावती ने उनके सेना को 100 किलोमीटर दूर खदेड़ कर लोहा लेने में कभी पीछे नहीं हटी।
आजादी की लड़ाई में हमारे महाकौशल की पवित्र भूमि पर जिस तरह से 1930 की ये शहादत है उसके पहले का सिलसिला हम और आप और नहीं भूल सकते है। वर्ष 1857 की लड़ाई का देश के अंदर अंग्रेजोें के खिलाफ लड़ाई लड़ने की जब बात पूरे देश में फैली थी हमारे गोंड राजा उसमें कभी पीछे नहीं हटे थे। मध्य भारत का केंद्र बिंदु देश के केंद्र बिंदु जबलपुर पर जब राजा श्ांकरशाह व रघुनाथ शाह की शहादत को हम देखते है हमारा सीना चौड़ा हो उठता है, पिता पुत्र एक साथ शहादत की राह पर चल बसे।

वन अधिनियम में आदिवासियों की जीवन रक्षा करना क्यों जरूरी नहीं किया गया-

आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार मरकाम ने आगे कहा कि आज यहां पर आकर हमें हमारे हंसिया, जो हमारा बहुत बड़ा कृषि कार्य के लिये हमारे बहुत बड़ा मददगार अस्त्र है। उसके माध्यम से हमारे लोग अपने हक के लिये यहां पर आये थे। जब अंगे्रजों ने 1927 में वन अधिनियम बनाया था और भारत का हजारों वर्ष पहले
जब विकास नहीं हुआ था उस समय जंगलों में जीव जंतुओं से पूर्वज लोग मुकाबला करके जीवित रहते थे जंगलों में अपने जीवन रक्षा करते थे। कुछ लोगों अपनी शौक के लिये उन शेरों का शिकार किया कुछ लोगों ने अधिनियम बनाया, वन अधिनियम बनाया गया 1927 में वन अधिनियम बनाया गया उसके बाद ये बनाया गया कि जंगल के अंदर शुद्ध वातावरण रखने के लिये शुद्ध व्यवस्था रखने के लिये कानून बनाया जाये, वन अधिनियम बनाया जाये, मैं तो आज ये कहना चाहता हूं कि उसके अंदर रहने वाले हजारों वर्ष से हमारे जो लोग है उनके मानवीय मूल्यों की सुरक्षा क्यों नहीं हुआ, क्या वो वन अधिनियम पर उनके हित और व्यवस्थाओं के लिये कानून क्यों नहीं बनाया गया। जंगलों में शेर रखना जरूरी है, जंगलों की पर्यावरण की रक्षा जरूरी है ये किसके लिये जरूरी है ये मानव के लिये जरूरी है तो वहां पर रहने वाले आदिवासी की जीवन की रक्षा करना क्यों जरूरी नहीं हुआ।

भूमि अधिग्रहण बिल को रोकने में कांग्रेस ने निभाई अहम भूमिका 

आदिम जाति कल्याण मंत्री ने आगे कहा कि इसके लिये हमको आज मुस्तैदी से कमलनाथ की सरकार पर आदिवासियों के हित की रक्षा के लिये अधिकार मिला हुआ है। चाहे जंगल के अंदर रहने वाला हो या शहर में रहने वाला आदिवासी हो विकास सुनिश्चित करना ये हमारी सरकार की जिम्मेदारी है और मुख्यमंत्री कमल नाथ पूरी मुस्तैदी से काम कर रहे है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे कष्ट होता है जिस तरह से हमारे अधिकारों के संरक्षक वर्तमान में केंद्र सरकार के द्वारा होना चाहिये, उसके लिये हमें चुनौितयों की राह पर गुजरना पड़ता है। अधिग्रहण बिल को रोकने के लिये श्रीमती सोनिया गांधी व श्री राहूल गांधी सहित उस समय केंद्र में सांसद कमल नाथ व अन्य सांसद 44 ने मिलकर लड़ाई लड़ी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आवाज बुलंद किया था। किसानों की लड़ाई सदन से सड़क तक लड़ा था और पूरी ताकत के साथ उस अधिनियम को रोका। हमें हमारे अधिकारों को बचाने का अवसर मिला है।

पहली बार 9 अगस्त को अवकाश हुआ घोषित 

आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार मरकाम ने कहा कि हमेशा आदिवासी के हित पर हमारे जो नेता है वो राजनीति नहीं करते है हमारे साथ मानवता के साथ खड़े रहते है और पूरी ताकत के साथ लड़ाई लड़ रहे है। जिस तरह से हमारे अमर शहीदों की शहादत पर हमारी सरकार गंभीरता से सिर्फ बाते ही नहीं कर सकती है। हमारी
सरकार ने राजनीतिक बातों को दिखावा के रूप में पेश नहीं कर रही है बल्कि प्रमाणित रूप में मुख्यमंत्री कमल नाथ ने जो हमारे लिये किया है। आदिवासियों से अस्तित्व जुड़े हुये मामलों पर जब हम संगठित होते है पूरे देश के अंदर मध्य प्रदेश पहला राज्य है जब 9 अगस्त को आदिवासी दिवस पर अवकाश दिया था तो इसके लिये धनराशि की स्वीकृति भी दिलाई थी।

साहूकारी कर्ज में फसे आदिवासी भाइयों को कर्ज से दिलाई मुक्ति 

आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार मरकाम ने समाज की मुख्य धारा से पीछे छूट चुके इस वर्ग को सर्व प्राथमिकता में लेकर सरकार कार्य कर रही है। जिसके परिपालन में मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देशन में 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के अवसर में मुख्यमंत्री मदद योजना के साथ ही विभिन्न योजनाओं को लागू कर आदिवासी समाज के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गयी है। जिसमे मुख्यमंत्री मदद योजना लागू कर आदिवासी समुदाय में महत्व रखने वाले संस्कार जन्म एवं मृत्यु के समय अनाज की व्यवस्था करने के साथ ही प्रदेश की 89 आदिवासी विकासखण्डो की प्रत्येक ग्राम पंचायतों में सामाजिक कार्यक्रम हेतु बर्तन की व्यवस्था की गई है । वही साहूकारी कर्ज में फसे आदिवासी भाइयों को कर्ज से मुक्ति दिलाई है। उन्होंने कहा आदिवासी संस्कृति के संरक्षण की दिशा में भी प्रदेश सरकार द्वारा आदिवासी आस्था केंद्रों एवं शहीद स्मारक को संरक्षित एवं संग्रहित करने का कार्य किया जा रहा, ताकि देश प्रदेश में इन स्थानों को पहचान मिल सके।

आदिवासी समाज का प्रदेश व देश के विकास में अतुलनीय योगदान 

मध्य प्रदेश शासन के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुखदेव पांसे ने आम जनों को संबोधित कर कहा कि आदिवासी समाज का प्रदेश एवं देश के विकास में अतुलनीय योगदान रहा है। आदिवासी शहीदो ने स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देकर अपना योगदान दिया हैं। उन्होंने कहा कि कालांतर में आदिवासी समुदाय समाज की मुख्यधारा से पीछे रह गया है। इन्हीं आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता में लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है ।

आपकी सरकार आपके द्वार योजना सरकार की अभिनव पहल

सरकार ने अपने अल्प कार्यकाल में ही गरीब जरूरत मंद, किसानों एवं आदिवासी समुदाय के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं बनाकर क्रियान्वयन करवाया है। आदिवासी समाज की गौरवशाली परम्परा एवं संस्कृति को सहजने के उद्देश्य से भी सरकार द्वारा मुख्यमंत्री मदद योजना लागू कर पहल की है। वही दूसरी ओर अपने प्रदेश वासियों की सुविधानुसार उनकी मांगो एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा आपकी सरकार आपके द्वार योजना जैसी अभिनव पहल शासन प्रशासन आवेदक के द्वार पहुँची है। योजना में हर सम्भव आवेदनों का मौके पर निराकरण करने के साथ ही अन्य आवेदन जिनका मौके पर निराकरण सम्भव नही है उन्हें समय सीमा तय कर निराकृत किया जा रहा है।

आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्राथमिकता से किया जा रहा पूर्ण

बरघाट विधायक श्री अर्जुन काकोड़िया ने अपने उद्बोधन में आम जनों को सम्बोधित कर कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार आदिवासी समाज के विकास के लिए तेजी से कार्य कर रही है। आदिवासी समाज की गौरवशाली इतिहास को सहजने आदिवासी संस्कृति परम्पराओ के संरक्षण एवं प्रोत्साहित करने की दिशा में सतत कार्य किया जा रहा हैं। आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण किया जा रहा है। साथ ही आदिवासी वर्गो की समस्या के त्वरित निराकरण हेतु कमेटी बनाकर त्वरित कार्यवाही की जा रही है।

आदिवासी परम्परा के सांस्कृतिक कार्यक्रम से गूंज उठा कार्यक्रम स्थल

शहीद मेला में छात्र-छात्राओं द्वारा आकर्षक वेषभूषा पहनकर आदिवासी संस्कृति से जुड़ा हुआ नृत्य कर लोगों का मन मोह लिया।
दर्शक रोमचिंत हो गए और हाथों में मौजूद  मोबाईल से वीडियोग्राफी करते नजर आए। शहीद सम्मान कार्यक्रम होने के कारण मंच में अतिथियों का सम्मान कार्यक्रम नहीं किया गया। कार्यक्रम  के दौरान शहीद स्मारक के पास भवन बनाए जाने की मांग रखी गई। वहीं टुरिया के शहीदों की फोटो,स्मारक कांग्रेस कार्यालय में रखी जाएगी।

आपकी सरकार आपके द्वार योजना अंतर्गत आयोजित शिविर में 172 आवेदन हुए प्राप्त

शहीद मेले के साथ ही कुरई विकासखण्ड के ग्राम टुरिया में आपकी सरकार आपके द्वार का खण्डस्तरीय शिविर का भी आयोजन किया गया था जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा दूर दराज से आए ग्रामीणों की समस्याओं को सुना गया तथा हर सम्भव आवेदनों का मौके में निराकरण किया गया। आयोजित शिविर में कुल 172 आवेदन प्राप्त हुए। इसी तरह शासन की हितग्राही मूलक योजनाओं का हित लाभ का वितरण भी जनप्रतिनिधियों द्वारा किया गया ।

प्रोजेक्ट सर्वोदय कार्ड का जनप्रतिनिधियों ने किया विमोचन

शहीद मेले में प्रभारी मंत्री श्री सुखदेव पांसे एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम सहित अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रोजेक्ट सर्वोदय कार्ड का विमोचन किया गया। प्रोजेक्ट सर्वोदय योजना का उद्देश्य प्रधानमंत्री आवास से लाभांवित हितग्राहियो को प्रदेश शासन की हितग्राही मूलक योजनाओं से लाभान्वित किया जाना है। जिसमें प्रमुख रूप से खाद्य विभाग , महिला एवं बाल विकास विभाग, विद्युत विभाग,  उद्योग विभाग, पशु पालन विभाग, उद्यानिकी विभाग, सामाजिक न्याय विभाग, कृषि विभाग एवं अन्य विभाग सहित कुल 17 विभागों की हितग्राही योजनाओं से लाभांवित किया जाएगा।

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