दलपत शाह अभ्यारण को लेकर विधायक ने लिखा असहमति पत्र
नहीं तो पुन: मेरे क्षेत्र के लोगों को झेलना पड़ेगा विस्थापन का दंश
निवास। गोंडवाना समय।निवास विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ अशोक मर्सकोले ने मध्य प्रदेश के अंतर्गत आरक्षित वनों को अभ्यारण्य के रूप में अधिसूचित करने के संबंध में वन मण्डल अधिकारी पश्चिम वन मण्डल मण्डला को पत्र लिखा है। जिसमें विधायक ने वन विभाग द्वारा प्राप्त पत्र का हवाला देते हुये लिखा है कि विधानसभा क्षेत्र निवास अंतर्गत पश्चिम वन मण्डल सामान्य मण्डला के वन परिक्षेत्र कालपी, टिकरिया, मण्डला, बीजाडांडी तथा बरेला के वन क्षेत्र अंतर्गत, राजा दलपत शाह अभ्यारण के लिये वन खण्ड डी-4 कालपी, डी-2 बस्तरा, एन-8 बम्हनी एवं एन-7 हनीमट्टा के लगभग 35, 394.51 हेक्टेयर वन परिक्षेत्र को अभ्यारण तैयार किये जाने हेतु मुझसे सहमति पत्र चाहा गया है। चंूकि मेरा विधानसभा क्षेत्र पूर्व में ही औद्योगिक क्षेत्र मनेरी, चुटका परियोजना सीताखुदरी, डेम, करोंदी डेम में विस्थापित हुये आदिवासी भाई जो कि दर-दर भटकने का दंश झेल रहे है, ऐसी स्थिति में मेरे पूरे विधानसभा क्षेत्र का एक तिहाई हिस्सा यदि इस अभ्यारण हेतु प्रस्तावित किया जाता है तो फिर पुन: मेरे क्षेत्र के लोगों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ेगा। मेरे द्वारा मेरी विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 106 निवास अंतर्गत कोई भी ऐसे प्रोजेक्ट हेतु सहमति प्रदाय नहीं कर सकता हूं जिससे पूर्व की भांति मेरे क्षेत्र की जनता को कोई परेशानी का सामना करना पड़े।
उन्होंने इस पत्र को मेरी असहमति माना जाकर उक्त अधिसूचना के प्रकाशन को रोके जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा जाना उचित होगा उल्लेखित किया है। जिसकी सूचना उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ व वन मंत्री उमंग सिंघार को भी प्रेषित किया है।