प्राचीन प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा व संरक्षण हम सभी का कर्तव्य
देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान के 5 वें दीक्षांत समारोह संपन्न
नई दिल्ली। गोंडवाना समय।केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, श्री प्रकाश जावड़ेकर ने देहरादून में भारतीय वन अनुसंधान संस्थान के 5 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण करना सभी का कर्तव्य है और वानिकी के छात्र इस प्रयास में अपना बड़ा योगदान कर सकते हैं। श्री प्रकाश जावड़ेकर ने वनों के संरक्षण को एक जन आंदोलन बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि वन अधिकारी वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन यह जंगलों में रहने वाले लोगों की मदद के बिना संभव नहीं होगा। मानव-हाथी संघर्ष के मुद्दे पर, मंत्री ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जंगलों में वन्यजीवों के लिए पर्याप्त संसाधन हों ताकि वह मानव बस्तियों में आने के लिए बाध्य न हों।
इससे पूर्व दिन में, मंत्री ने देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान में गेस्ट हाउस और महिला छात्रावास के नए भवनों का उद्घाटन किया। श्री प्रकाश जावड़ेकर ने संस्थान की वार्षिक आम बैठक को भी संबोधित किया। उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण मंत्री श्रीहरक सिंह रावत भी इस अवसर पर उपस्थित थे। मंत्री ने वार्षिक रिपोर्ट और संस्थान की वार्षिक आम बैठक की प्रस्तुति की भी अध्यक्षता की। इस अवसर पर श्री प्रकाश जावड़ेकर ने भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्राचीन प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि हमें सतत विकास के लिए एक मार्ग तैयार करना होगा जो हमारी प्राकृतिक विरासत के संरक्षण के साथ-साथ विकास जरूरतों को संतुलित भी कर सके। इस संबंध में उन्होंने वन्यजीवों के जीनोमिक्स का अध्ययन करने के लिए अद्वितीय प्रयोगशाला स्थापित करने में भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने लुप्तप्राय पक्षी, द ग्रेट इंडियनबस्टर्ड के संरक्षण के प्रयासों के लिए भी वैज्ञानिकों को बधाई दी। इस अवसर पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वन महानिदेशक और विशेष सचिव श्रीसिद्धांत दास, एफआरआई के चांसलरऔर भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद, देहरादून के महानिदेशक, डा. एस सी गरोला और एफआरआई के वाइस चांसलर श्री ए एस रावत भी उपस्थित थे।