निर्यातकों द्वारा आईजीएसटी के रिफंड के धोखाधड़ी वाले दावों के खिलाफ हुई कार्यवाही
डीजीजीआई और डीआरआई के छापों में लगभग 1200 अधिकारी थे शामिल
नई दिल्ली। गोंडवाना समय।फजीर्वाड़े के आधार पर आईजीएसटी का दावा कर रहे निर्यातकों के खिलाफ जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) और राजस्व इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीआरआई) ने देशभर में 336 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों के कई शहरों में एक साथ की गई। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की दो प्रमुख खुफिया एजेंसियों का यह संयुक्त अभियान सीबीआईसी के इतिहास में अपनी किस्म का ऐसा पहला अभियान था जिसमें दोनों एजेंसियों के लगभग 1200 अधिकारी शामिल थे। डाटा विश्लेषण के आधार पर दोनों एजेंसियों में नजदीकी समन्वय से एक खुफिया जानकारी द्वारा पता चला कि कुछ निर्यातक आईजीएसटी के आधार पर निर्यात कर रहे हैं और बहुत कम या फर्जी आपूर्ति के आधार पर पूरा इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) ले रहे हैं।
इसके अलावा निर्यात पर रिफंड के रूप में आईजीएसटी भुगतान के दावे भी किए गए हैं। एनालिटिक्स और जोखिम प्रबंधन महानिदेशालय (डीजीएआरएम) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर विश्लेषण किया गया जिसमें कुछ निर्यातकों के समतुल्य जीएसटी डेटा के साथ कस्टम के निर्यात डेटा में कुछ रेड फ्लैग संकेतक फिल्टर भी लागू किए गए। यह भी पता चला कि इन निर्यातक-आपूर्तिकतार्ओं ने कर का एक भी पैसा नकद जमा नहीं किया है। कुछ मामलों में आईटीसी द्वारा अदा किया गया कर इन फर्मों द्वारा लिए गए आईटीसी से अधिक था। इस खुफिया जानकारी के आधार पर इन निर्यातकों और उनके आपूर्तिकतार्ओं के परिसर पर जबरदस्त छापेमारी की गई।