समाज और देश को नई दिशा देने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका-राज्यपाल
34 सेवानिवृत्त शिक्षक और 20 मेधावी छात्र-छात्राएं सम्मानित
छत्तीसगढ़/बेमेतरा। गोंडवाना समय।राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि शिक्षक कभी रिटायर नहीं होतें है। वे हमेशा शिक्षा का दीप जलाते रहते हैं और समाज को मार्गदर्शन देने में उनकी बड़ी भूमिका रहती है। ़शिक्षक एक दीपक के समान होता है जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान ही नही होता, बल्कि आज व्यवहारिक एवं नैतिक शिक्षा की अधिक जरूरत है। इस आशय के विचार राज्यपाल सुश्री उइके ने बेमेतरा के कृषि उपज मंडी प्रांगण में आयोजित 34 वें शिक्षक सम्मान समारोह के अवसर पर व्यक्त किए। इस अवसर पर राज्यपाल ने सेवानिवृत्त उत्कृष्ट 34 शिक्षकों और 20 मेधावी छात्र-छात्राओं को शाल-श्रीफल और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू एवं छ.ग. विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकेश वर्मा, बेमेतरा के विधायक श्री आशीष कुमार छाबड़ा विधायक नवागढ़ श्री गुरूदयाल सिंह बंजारे विशेष रूप से उपस्थित थे।
शिक्षक देश को नेता-अभिनेता और अच्छे नागरिक देते है
राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने कहा कि शिक्षक जीवन पर्यन्त समाज और देश को नई दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही है कि वह देश को नेता-अभिनेता और अच्छा नागरिक देता है। उन्होंने कहा कि आचार-व्यवहार और अनुशासन से शिक्षा ग्रहण करने से वह बहुत ऊंचाईयों तक पहुंचता है। सुश्री उइके ने कहा कि शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में बेमेतरा में विगत 34 वर्षों से आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में शामिल होते हुए मैं गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। इस गरिमामय कार्यक्रम में इसके पहले भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एवं लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन भी शामिल हो चुके हैं।विद्यार्थी परीक्षा में असफल होने पर न हो निराश
राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने अपने गुरूजनों को प्रणाम करते हुए कहा कि वे गुरूजनों के आशीर्वाद से ही इस मुकाम तक पहुंची है। सार्वजनिक जीवन में आने के पूर्व वे कॉलेज में अध्यापन का कार्य भी कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि पहले की शिक्षा में आचार विचार और संस्कार भी था। राज्यपाल ने बेमेतरा में अनवरत 34 वर्षों से जारी शिक्षक सम्मान समारोह के लिए बेमेतरा विधायक को अपनी बधाई एवं शुभकामनाए दी। यह आयोजन आगे भी निरंतर जारी रहे। उन्होंने विद्यार्थियों को परीक्षा में असफल होने पर निराश नहीं होने की समझाइश दी। वे अपना हुनर और हौसला बुंलद रखे तो सफलता निश्चित ही मिलती है। राज्यपाल ने प्रतिभावान छात्रछात्राओं एवं दान दाताओं को बधाई दी।बेमेतरा की पहचान अब शिक्षक सम्मान समारोह के रूप में होने लगी है
राज्यपाल द्वारा शिक्षक सम्मान समारोह समिति बेमेतरा द्वारा प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया गया। शिक्षक सम्मान समारोह समिति के पूर्व संरक्षक एवं गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने यहां सम्मानित किए गएशिक्षकों और प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षकों ने आने वाली पीढ़ी को सजाने-संवारने में अपना जीवन लगा दिया है। इसके साथ ही उन्होंने प्रतिभावान बच्चों को भी बधाई देते हुए कहा कि आयोजन का यह 34 वर्ष है। उन्होंने कहा कि बेमेतरा के शिक्षक सम्मान समारोह की विशेषता है कि इस कार्यक्रम का आयोजन दलगत भावना से ऊपर उठकर समाज के विभिन्न वर्गों के सहयोग से किया जाता है तथा इसकी गरिमा रही है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक शिक्षक से राष्ट्रपति के पद पर सुशोभित हुए। बेमेतरा की पहचान अब शिक्षक सम्मान समारोह के रूप में होने लगी है। विधायक बेमेतरा ने अच्छी परंपरा का निर्वहन किया है। उन्होंने बच्चों से भौतिकवादी चकाचौंध से दूर रहकर अपनी पढ़ाई लिखाई में ध्यान देने की समझाइश दी।
एक परिवार द्वारा नेत्रदान करने पर राज्यपाल द्वारा किया गया सम्मानित
विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति डॉ. एम. के. वर्मा ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य का सर्वांगीण विकास करना है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि मनुष्य की आत्मा के अंदर मानवता एवं जीवजन्तु के प्रति आदर भाव रखें, समाज के बीच ऐसे गुण को आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में शिक्षकों के साथ ही बहुत से लोग हैं, जिनसे सीखने की आवश्यकता है।आयोजन समिति के संरक्षक एवं विधायक श्री आशीष कुमार छाबड़ा ने कहा कि बेमेतरा के पूर्व विधायक स्व.रेवेन्द्र वर्मा द्वारा सन 1986 से शुरू किया गया शिक्षक सम्मान समारोह की परंपरा जारी है। जिसमें सेवानिवृत शिक्षकों के साथ-साथ प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का सम्मान किया जाता है। यह आने वाली पीढ़ी को संजोने का एक प्रयास है, गुरू की महिमा सर्वाेच्च है। आभार प्रगट करते हुए कलेक्टर श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी ने कहा कि राज्यपाल महोदया ने इस कार्यक्रम में शामिल होकर इस आयोजन की गरिमा बढ़ाई। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिन्दगी अनमोल है के बारे में राज्यपाल ने जो अपने विचारों से आर्शीवचन कहें वह सराहनीय है। नेत्रदान पखवाड़ा के अंतर्गत बेरला के एक परिवार द्वारा नेत्रदान करने पर राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया गया।जिन्दगी अनमोल है, इसे खुलकर जिएं
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने बेमेतरा में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह के अवसर पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत आत्महत्या रोकथाम दिवस के मौके पर हस्ताक्षर अभियान में शामिलहोकर हस्ताक्षर किए। उन्होंने अपने संदेश में लिखा है कि जिन्दगी बहुत अनमोल है, जिन्दगी खुल कर जिएं। सुश्री उइके ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति असफल हो जाता है तो उसे जागरूक करना आवश्यक है ताकि वह आत्महत्या न करे। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कविता साहू, कमिश्नर दुर्ग दिलीप वासनिकर, पुलिस महानिरीक्षक हिमांशु गुप्ता, पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर, सेवानिवृत शिक्षक सहित गणमान्य नागरिक प्रतिभावान छात्र/छात्राएं उपस्थित थे।