5000 उधार लेकर किराये के भवन में की थी शुरूआत, आज 30 हजार आदिवासी बच्चों को दे रहे नि:शुल्क पढ़ाई के साथ छात्रावास की सुविधा
खुद का कोई आफिस नहीं, पेड़ के नीचे बैठकर करते है मीटिंग और बच्चों के साथ बैठकर करते है भोजन
कलिंगा इंस्टीट्यूट आॅफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी एंड कलिंगा इंस्टिट्यूट आॅफ शोसल साइंस है देश दुनिया के लिये प्रमाण
उड़ीसा। गोंडवाना समय।कुल 60 हजार बच्चों में 30 हजार आदिवासी बच्चों को के जी से लेकर पी जी नि:शुल्क पढ़ाई के साथ रहना-भोजन-पानी के साथ स्वास्थ्य की देखभाल, खेल के क्षेत्र में भी बच्चों को हुनरमंद बनाया जा रहा है। प्राकृतिक वातावरणयुक्त हरा भरा कैंपस में बच्चों को नि:शुल्क शिक्षण के साथ साथ अन्य क्षेत्रों में पारंगत करने का कार्य उड़ीसा के भुवनेश्वर में कलिंगा इंस्टीट्यूट आॅफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी एंड कलिंगा इंस्टिट्यूट आॅफ शोसल साइंस के माध्यम से किया जा रहा है।
यहां पर लगभग 60 हजार बच्चों को नि:शुल्क शिक्षण छात्रावास के साथ दिया जा रहा है जिसमें से 30 हजार आदिवासी समुदाय के बच्चे शामिल है जिनमें उड़ीसा की 62 जनजाति वर्ग जिसमें 13 प्रिमिटिव जनजाति वर्ग के बच्चे शामिल है ।
ऐसी शिक्षण संस्थान को देखने, प्रबंधन, संचालक, प्रारंभकर्ता के साथ साथ अध्ययनरत बच्चों से रूबरू होने के लिये पहुंचे मध्य प्रदेश के मनावर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने अब मध्यप्रदेश में भी ऐसे ही शिक्षण संस्थान खोलने के लिये प्रयास प्रारंभ कर दिया है और इस संबंध में उनकी मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव श्री एस आर मोहंती से चर्चा भी हुई है।
वहीं उक्त शिक्षण संस्थान की नींव रखने वाले सादा जीवन उच्च विचार और अपना जीवन सेवा में समपर्ण करने वाले उड़ीसा के कंधमाल लोकसभा से बीजेडी सांसद श्री आच्युतया सामंता ने भी मध्य प्रदेश में ऐसे शिक्षण संस्थान खोलने के लिये मदद करने के लिये मध्य प्रदेश आने के लिये विधायक डॉ हीरालाल अलावा का अनुरोध स्वीकार कर लिया है ।
विधायक डॉ हीरालाल अलावा बच्चों को दिया मार्गदर्शन
मध्य प्रदेश से मनावर विधानसभा क्षेत्र के विधायक और एम्स में डॉक्टरी का पेशा छोड़कर अपने गांव व क्षेत्र के साथ देश भर में समाजसेवा के लिये मैदान में आने वाले जयस के राष्ट्रीय सरंक्षक डॉ हीरालाल अलावा 27 सितंबर 2019 को उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में कलिंगा इंस्टीट्यूट आॅफ शोसल साइंसेस और कलिंगा इंस्टिट्यूट आॅफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी के फाउंडर और उड़ीसा के कंधमाल लोकसभा से बीजेडी सांसद श्री आच्युतया सामंता से मिलने का सौभाग्य मिला।वहां पर उन्हें यह जानकारी मिली कि कलिंगा इंस्टीट्यूट आॅफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी एंड कलिंगा इंस्टिट्यूट आॅफ शोसल साइंस की शुरूआत वर्ष 1991-1992 में मात्र 5 हजार रुपये उधार लेकर किराये के भवन में आदिवासी छात्र-छत्राओ के लिए नि:शुल्क शिक्षण संस्थान शुरू किया गया था और आज इस यूनिवर्सिटी में लगभग 60 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे है।
मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही शिक्षण संस्थान तैयार करने के लिये करेंगे मदद-
जिसमे लगभग 30 हजार आदिवासी बच्चे है, जिसमे उड़ीसा के 62 ट्राइबल कम्युनिटी के आदिवासी बच्चे शामिल है। जिसमें 13 प्रिमिटिव ट्राइब के बच्चे है, जिन्हें ऐसा कैम्पस उपलब्ध कराया गया है जो ग्लोबल वार्मिग को ध्यान रखते हुवे बिल्कुल नेचुरल प्रकृति का एहसास कराता है। इसमें सभी आदिवासी स्टूडेंट्स गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार से होते है। जिनको के जी से पी जी तक सारी पड़ाई और रहना खाना फ्री है।इस संस्थान से 5000 आदिवासी बच्चे नेशनल और इंटरनेशल प्लेयर तैयार किये है देश के लिए उस महान शख्स की सादगी ऐसी है कि वे आज भी सादी चप्पल में और किराये के मकान में रहते है।
श्रीमान आच्युतया सामंता जी से मध्यप्रदेश आने का विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने अनुरोध किया उन्होने भी अनुरोध को स्वीकार करते हुये मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने के लिए अगले माह में आने का वादा किया और कलिंगा यूनिवर्सिटी की तरह ही मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्रो में ऐसा शिक्षण संस्थान तैयार करने में सहयोग करने की बात कहा है।
सारे कैंपस में लगा है सोलर सिस्टम-
सारे केम्पस में बिजली के लिए सोलर सिस्टम का उपयोग किया जाता है। इस सारे कैम्पस को इसके संचालक और संस्थापक श्री डॉ आच्युतया सामंता का कोई भी आॅफिस नहीं है।सारे अधिकारियों की मीटिंग पेड़ के नीचे ही करते है और और दूसरे तीसरे दिन खुद आकर बच्चो के बीच भोजन करते है ताकि भोजन की क़्वालिटी अच्छी बनी रहे।
के.जी. से पी.जी. तक नि:शुल्क शिक्षा व छात्रावास की सुविधा
उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में कलिंगा इंस्टीट्यूट आॅफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी एंड कलिंगा इंस्टिट्यूट आॅफ शोसल साइंस जहां पर लगभग 30 हजार आदिवासी बच्चे के.जी. से पीजी तक नि:शुल्क शिक्षण प्राप्त करने के साथ में ही उन्हें वहां पर रहने और खाने की सुविधा भी नि:शुल्क है।100 बिस्तरीय अस्पताल की भी है सुविधा
यहां पर शिक्षा ही प्रदान नहीं की जाती है इसके साथ ही बच्चों का स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जाता है अर्थात यहां पर सिर्फ शैक्षणिक सुविधा ही नहीं साथ में यहां पर अध्ययन करने वाले बच्चों के लिये 100 बिस्तरीय अस्पताल की भी नि:शुल्क सुविधा है । वह कलिंगा इंस्टीट्यूट आॅफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी एंड कलिंगा इंस्टिट्यूट आॅफ शोसल साइंस प्रांगण की सीमा के अंदर ही माजूद है ।पोष्टिक आहार के साथ मिलता है शुद्ध पेयजल
कलिंगा इंस्टीट्यूट आॅफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी एंड कलिंगा इंस्टिट्यूट आॅफ शोसल साइंस कैम्पस के अंदर ही शिक्षण प्राप्त कर रहे बच्चों की बोद्धिक क्षमता के साथ साथ शारीरिक रूप से हष्ट-पुष्ट रखने के लिये उन्हें पोष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां पर प्रतिदिन 12 हजार किलो चावल, 3000 किलो दाल और प्रतिदिन बच्चो को 65 हजार अंडे और पूरे कैम्पस में पीने के लिए शुद्ध और साफ पानी के लिए आरो प्लांट भी है। यहां पर लगभग 30 हजार आदिवासी बच्चो का खाना आधुनिक टेक्नोलॉजी से सिर्फ 2 घंटे में ही एक साथ भोजन तैयार हो जाता है। यहां पर बच्चों को ताजी मछली मिले उसके लिए कैम्पस के अंदर ही कृत्रिम तालाब का भी निर्माण किया गया है, जहां मछली पालन किया जाता है।सीसीटीव्ही, वायफाई की सुविधा के साथ खेल मैदान भी मौजूद
कलिंगा इंस्टीट्यूट आॅफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी एंड कलिंगा इंस्टिट्यूट आॅफ शोसल साइंस का पूरा प्रांगण क्षेत्र वायफाई सुविधायुक्त बनाय गया।पूरे केम्पस के अंदर 3 हजार 600 सीसीटीवी कैमरे लगे हुये है। इस कैम्पस में 5000 आदिवासी बच्चे नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ी तैयार है। यहां के आदिवासी बच्चे रग्बी के वर्ल्ड चेम्िपयन है। यहाँ के आदिवासी लड़कियां तीरंदाजी में गोल्ड मेडलिस्ट भी है। यहाँ बच्चों को खेल के लिए आधुनिक खेल मैदान और शिक्षण अध्ययन के बहुउपयोगी लाइब्रेरी की मुफ्त सुविधा है।
Sir, the society will get huge success with your efforts
ReplyDeleteHow may I connect with this social system....it's a very good work please tell me procedure...I am an IT engineer from Delhi....
ReplyDelete8196991033....it's my personal number u may contact me....and I want to teach them about INFORMATION TECHNOLOGY......
ReplyDeletePlease contact me as soon as possible
ReplyDeleteवहुत अछा,but शुरखियो पे रहना छोड़ो दुनिया में अच्छा काम कर के उदाहरण बना वो।
ReplyDeleteI want to join this movment. I am teacher from kendriya vidyalaya.
ReplyDeleteसराहनीय पहल ! आपके इस उत्साह वर्धक शिक्षा कार्य क्षेत्र से अन्य राज्यों के शिक्षित लोग भी प्रेरणा लेंगे ऐसा मेरा विश्वास है ! आपके मार्गदर्शन मे यकीनन kiit के बच्चें आसमान की ऊचाई छू पाएंगे ! इस पहल के लिए दिल से बधाई !
ReplyDeleteराजू कुमार (पीएचडी इतिहास ) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय .अमरकंटक
Very nice
ReplyDeleteGood
Very good initiative for Indigenous development
ReplyDeleteNice creativity & good achievement
ReplyDeleteRamesh Kumar MARAVI Very good creativity .aadiwasiyo ke Uttam kalyaan hetu .jai bheem.
ReplyDeleteJi kiss ke baare me jitna kha jaye kam he
ReplyDeleteAawo logo ko sath sath online technology se free me earning karwa ye
Har minute har ghanta har haptaha har mahina par saal kuch kamate rahe
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Very nice sir. God bless you. You are real hero.
ReplyDeleteVery nice sir aadiwasi ke uttam kalyan hetu aapko hamari tarfase jay sewa jay johar
ReplyDeleteसभी राज्य में अगर ऐसे इंस्टीटूट हो तो हमारे समाज का उत्थान निश्चित हैं ! रियल हीरो आप हैं सर .....आप को दण्डवत प्रणाम ������
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