108 में हुई महिला की डिलेवरी, जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित
घंसौर। गोंडवाना समय।जिले के आदिवासी अंचल घंसौर में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद चिंताजनक स्थिति में है। कहने को सरकारी अस्पतालों की करें तो घंसौर मुख्यालय सहित घंसौर ब्लॉक में कांक्रीट के प्राथमिक व उपस्वास्थ्य केंद्र बना दिये गये हैं परंतु डॉक्टरों के आभाव में सर्वाधिक जनसंख्या में निवासरत गरीब आदिवासी सहित अन्य वर्गों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। विकासखण्ड घंसौर के खाल्हेघाट क्षेत्र के ग्राम सेलुआ का मामला स्वास्थ्य सुविधाओं को आईना दिखा रहा है । जहाँ 108 वाहन पर ही एक महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। बताया जाता है कि सोमवार के दिन सेलुआ निवासी श्रीमती माधुरी यादव की प्रसव पीड़ा शुरू होने पर परिवार जनों द्वारा वाहन 108 पर सूचना दी गई। जिसके बाद 108 वाहन जच्चा को लेने ग्राम सेलुआ पहुँचा । जिसके बाद 108 वाहन महिला को लेकर निकल गई परंतु नजदीकी उपस्वास्थ्य केंद्र केदारपुर में डॉक्टर नहीं होने के कारण महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घंसौर के लिए रवाना किया गया लेकिन बीच रास्ते में ही माधुरी ने एक बच्ची को जन्म दिया। वहीं वाहन 108 में हुए इस प्रसव ने जहाँ यादव परिवार को पुत्री रत्न दिया । तो वहीं डिलेवरी के दौरान हुई परेशानी ने क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं को आईना दिखा दिया । उपस्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टरों की कमी जहाँ आदिवासी समुदाय के साथ साथ अन्य वर्गों के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। वहीं सरकार के बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों पर भी प्रश्न चिन्ह लगाने का काम क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं ने कर रखा है। फिलहाल सेलुआ निवासी माधुरी व उनकी पुत्री पूरी तरह स्वस्थ बताई जा रही हैं।