समाज के निचले तबकों को न्याय न मिलना संवेदनशील मामला-सुश्री अनुसुइया उईके
राजभवन पहुंच ग्रामीणों ने बताई अपनी व्यथा
राज्यपाल ने पुलिस महानिदेशक को दिए कार्यवाही के निर्देश
रायपुर। गोंडवाना समय।
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने मंगलवार को दुर्ग जिले के ग्राम सांकरा एवं सिरसाकला से आए ग्रामीणों की समस्याओं को पूरे धैर्य और गंभीरता से सुनीं। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनके प्रकरणों की वस्तुस्थिति की जानकारी मंगाई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। राज्यपाल ने कहा कि समाज के कमजोर वर्ग विशेषकर आदिवासी महिलाओं के साथ मारपीट करना वाकई संवेदनशील मामला है। ऐसे विषयों पर अवश्य कार्यवाही की जाएगी और आवेदकों को न्याय दिलाया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि यदि समाज के निचले तबके का कोई व्यक्ति पुलिस या अन्य अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्या लेकर पहुंचते हैं, तो उनकी बातों को संवेदनलशीलता से सुनकर उन पर समुचित कार्यवाही की जानी चाहिए। राज्यपाल ने इन प्रकरणों पर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश पुलिस महानिदेशक को दिए हैं।
आदिवासी परिवार के साथ मारपीट पर नहीं लगाया एट्रोसिटी एक्ट
प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि दुर्ग जिले के ग्राम-सांकरा निवासी आदिवासी श्री खूबचंद ठाकुर के परिवार के साथ मारपीट की गई। पीड़ित पक्ष जब थाने पहुंचे तो सामान्य धारा के तहत रिपोर्ट लिखी गई और अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत प्रकरण दर्ज नहीं की गई तथा न्यायालय में गवाह को भी प्रस्तुत नहीं किया गया, जिसके कारण आरोपी पर कार्यवाही नहीं हुई। इसी तरह प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि ग्राम सिरसाकला की श्रीमती सावित्री ठाकुर और श्री दिनेश ठाकुर के साथ मारपीट की गई, पर आज तक कार्यवाही नहीं हुई। इस संबंध में थाना प्रभारी सहित पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों के समक्ष आवेदकों ने अपना पक्ष रखा, उसके बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला। ग्रामीणों ने बताया कि उनके साथ जब कोई घटना होती है और वे उनकी शिकायत करने थाने पहुंचते हैं तो पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों का व्यवहार उनके प्रति अनुकूल नहीं होता है। कई बार तो ऐसा भी हुआ कि आरोपी के बजाय पीड़ित के खिलाफ ही कार्यवाही कर दी गई।