निशक्तजन गरिमा के साथ सशक्त जीवन जीने के लिए समान अवसरों का ले सकें आनंद-थावरचंद गहलोद
आधुनिक एलिम्को प्रोस्थेटिक और आॅर्थोटिक सेंटर के नवीन स्वरूप का उद्घाटन
दिव्यांग छात्रों को विदेशों में शिक्षा के लिए मिल रही छात्रवृत्तियां
कानपूर/उत्तरप्रदेश। गोंडवाना समय।केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एलिम्को मुख्यालय में आॅर्थोटिक एवं प्रोस्थेटिक केंद्र के पुनर्निर्मित भवन तथा रियायसी परिसर इमारत का उद्घाटन किया। एलिम्को, कानपुर के अहाते में मेक इन इंडिया की अवधारणा आकार लेगी। एलिम्को की आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत दो परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। उद्घाटन करते हुये केंद्रीय मंत्री श्री थावरचंद गहलोद ने कहा कि 2014 से पहले दिव्यांगजनों की तरफ आवश्यक ध्यान नहीं दिया जा रहा था। आज दिव्यांग छात्रों को विदेशों में शिक्षा के लिए छात्रवृत्तियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना से छह वर्ष से कम आयु के 2022 बधिर बच्चों को लाभ मिला है पर उन्होंने सुनना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि जल्दी ही एलिम्को गले के कैंसर के मरीजों के लिए ह्यवॉयस बॉक्सह्ण विकसित करने के लिए टीओटी करेगा और परियोजना पूरी होने पर गले का यह प्रॉस्थेटिक आम जनता को करीब 3000 रुपये में उपलब्ध होगा। उन्होंने एलिम्को के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद की बीमा योजना की सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये करने और उनकी मेडिकल छुट्टियां 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन करने की घोषणा कर उन्हें दीवाली से पहले ही दीवाली का उपहार दे दिया। निशक्त जनसशक्तिकरण विभाग की सचिव श्रीमती शकुंतला डी.गैमलिन ने कहा कि एलिम्को के आधुनिकीकरण इस क्षेत्र के निशक्तजनों को आधुनिक पुनर्वास सुविधाएं मिल सकेंगी। इस अवसर पर अकबरपुर के सांसद श्री देवेन्द्र सिंह भोले, कानपुर नगर के सांसद श्री सत्यदेव पचौरी, विधायक श्री महेश त्रिवेदी, विधायक और उत्तर प्रदेश की राज्यमंत्री श्रीमती नीलिमा कटियार, उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री श्रीमती कमल रानी वरुण, विधायक श्री अभिजीत सिंह संगा, श्री भगवती प्रसाद और एलिम्को के सीएमडी श्री डी.आर.सरीन मौजूद थे। समारोह के दौरान श्री गहलोत ने दिव्यांगजन सशक्तिकरण और उन्हें सम्मान देने वाले प्रतीक चिन्ह से मेल खाते निशक्तजन सशक्तिकरण विभाग के प्रतीक चिन्ह से प्रेरित होकर धातु के सांकेतिक ढांचे वाले स्वावलम्बन वृक्ष का अनावरण किया।