सरकार मीडिया की आजादी के लिए हमेशा प्रतिबद्ध, मीडिया मंचों के लिए महत्वपूर्ण है कि वह जनता की आवाज को सुने
नई दिल्ली। गोंडवाना समय।सूचना एवं प्रसारण, पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कामकाज, सुधार और परिवर्तन वे तीन स्तम्भ हैं, जिन पर नये भारत का दृष्टिकोण आधारित है। वह केरल के कोच्चि में मलयालय मनोरमा कंपनी लिमिटेड द्वारा आयोजित न्यू इंडिया : गवर्नमेंट एंड मीडिया नामक न्यूज कॉन्क्लेव में मुख्य वक्तव्य देते हुये श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त, आतंक मुक्त, जातिवाद मुक्त, साम्प्रदायिकता मुक्त और निर्धनता मुक्त नये भारत का सपना संजोया है। उन्होंने कहा, हमारा देश विविधता वाला देश है। विविधता भारत की आत्मा है। जियो और जीने दो, भारतीय दर्शन का आधार है।
मीडिया की आजादी लोकतंत्र की बुनियाद
केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया की स्वतंत्रता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा मीडिया की आजादी लोकतंत्र की बुनियाद है लेकिन यह भी समझना चाहिए कि एक लोकतांत्रिक समाजमें आजादी को उत्तरदायित्व के साथ जुड़ा होना चाहिए। उत्तरदायित्व के साथ जुड़ी आजादी नियम से बंधी आजादी नहीं होती। वह अपने तरीके से खुद को नियमों में ढालती है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा
कि भीड़ हिंसा की घटनाएं देश में सोशल मीडिया में फैलाई जा रही अफवाहों के कारण हो रही है। यह सोशल मीडिया में स्व-नियामक व्यवस्था या प्राधिकार के अभाव में होता है।
सरकार हर तरह की आलोचना का करती है स्वागत
इस दौरान एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार हर तरह की आलोचना का स्वागत करती है, क्योंकि इससे शासन की समझ मिलती है। उन्होंने कहा, हम स्वतंत्र संस्थाओं में विश्वास करते हैं, क्योंकि ये लोकतंत्र की ताकत होते हैं। कश्मीर में मीडिया की आजादी का उल्लेख करते हुए श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हालांकि वहां उचित प्रतिबंधों का दौर रहा है, लेकिन ज्यादातर प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है। हम जल्द ही सामान्य स्थिति में पहुंच जाएंगे और नये कश्मीर तथा नये भारत को देखेंगे। यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया था।मीडिया से विभिन्न भाषाभाषी लोगों के बीच सेतू की भूमिका निभाने का आग्रह
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडिया कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से कोच्चि में आयोजित मलयाला मनोरमा कॉनक्लेव 2019 को सम्बोधित किया। प्रधानमंत्री ने केरल के लोगों को और अधिक जागरूक बनाने औरभारत के स्वतंत्रता आंदोलन में समर्थनकारी भूमिका के लिए मलयाला मनोरमा के योगदान की प्रशंसा की। सम्मेलन का विषय नया भारत के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि नए भारत के मूल में व्यक्तिगत आंकाक्षाएं, सामूहिक प्रयास और राष्ट्रीय प्रगति के लिए स्वामित्व की भावना है। उन्होंने बल देते हुए कहा कि नया भारत भागीदारी मूलक लोकतंत्र, नागरिक केन्द्रित सरकार और नागरिकों की सक्रियता के बारे में है। उन्होंने कहा कि नया भारत उत्तरदायी जनता और उत्तरदायी सरकार का युग है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नए भारत की भावना नए क्षेत्रों में दिखाई दे रही है, चाहे खेल हो या स्टार्टअप। उन्होंने कहा कि छोटे शहरों और गांवों के साहसी युवा अपनी आकांक्षाओं को उत्कृष्टता में बदल रहे हैं और भारत को गौरव प्रदान कर रहे हैं। यह वैसा भारत है जहां किसी भी व्यक्ति के लिए भ्रष्टाचार विकल्प नहीं है। केवल सक्षमता ही तौर-तरीका है। उन्होंने बल देते हुए कहा कि नया भारत प्रत्येक 130 करोड़ भारतीयों की आवाज है। उन्होंने कहा कि मीडिया मंचों के लिए महत्वपूर्ण है कि वह जनता की आवाज को सुने। सरकार द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने विभिन्न प्रयासों जैसे जीवन की सुगमता, मूल्यों को नियंत्रित रखना, पांच वर्षों में 1.25 करोड़ मकान बनाना, सभी गांवों का विद्युतीकरण, प्रत्येक परिवार को पेयजल उपलब्ध कराना और स्वास्थ्य तथा शिक्षा की आधारभूत ढांचा में सुधार का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 36 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं, छोटे उद्यमियों को 20 करोड़ ऋण दिए गए हैं, आठ करोड़ से अधिक गैस कनेक्शन से धुआं रहित रसोई सुनिश्चित हुई है और सड़क बनाने की गति दोगुनी हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में भावना किस तरह बदली है इसका उल्लेख सिर्फ दो शब्दों में किया जा सकता है। पांच वर्ष पहले लोग पूछते थे कि क्या हम कर पायेंगे? क्या हम गंदगी से कभी मुक्त होंगे? क्या हम नीतिगत निर्बलता समाप्त कर पायेंगे? क्या हम कभी भ्रष्टाचार मिटा पायेंगे? आज लोग कह रहे हैं कि हम करेंगे, हम स्वच्छ भारत होंगे, हम भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र होंगे, हम सुशासन को जनांदोलन बनायेंगे। पहले करेंगे शब्द निराशावादी संदेश देता था अब यही शब्द युवा राष्ट्र की आशावादी भावना को व्यक्त करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार नया भारत बनाने के लिए समग्र रूप से कार्य कर रही है। इस संदर्भ में उन्होंने गरीब लोगों केलिए 1.5 करोड़ मकान बनाने में सरकार के दृष्टिकोण का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया गया है अधिक सुविधा दी गई है, अधिक मूल्य प्रदान किए गए हैं, कम समय में सुविधा दी गई है और सुविधा प्रदान करने में किसी तरह का अितरिक्त खर्च नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि लोगों की जरूरतों को सुना गया है, स्थानीय कारीगरों को शामिल किया गया है और टेक्नालॉजी को इस योजना का महत्वपूर्ण अंग बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नए भारत के हमारे विजन में न केवल देश में रहने वाले लोगों को शामिल किया गया बल्कि विदेश में रहने वाले भारतीयों को भी शामिल किया गया है। भारत की आर्थिक प्रगति में योगदान करने वाले भारतवंशी हमारे लिए गौरव हैं।
प्रधानमंत्री ने अपनी हाल की बहरीन यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें बहरीन की यात्रा करनेवाले प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि उनकी यात्रा का प्रमुख आकर्षण वहां की जेलों में बंद 250 भारतीय लोगों को क्षमा दान करने का शाही परिवार का निर्णय है। प्रधानमंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात में रुपे कार्ड लॉन्च किए जाने का जिक्र किया और कहा कि इससे खाड़ी में काम करने वाले लाखों लोगों को लाभ होगा, जो पैसा स्वदेश भेजते हैं।
प्रधामनंत्री ने स्वच्छ भारत, प्लास्टिक के एकल उपयोग को समाप्त करने, जल संरक्षण, फिट इंडिया तथा प्रमुख आंदोलनों में मीडिया द्वारा निभाई गई सार्थक भूमिका का उल्लेख किया। भारत को एकता सूत्र में बांधने में भाषा की शक्ति के बारे में प्रधामनंत्री ने मीडिया से विभिन्न भाषा-भाषी लोगों को एक साथ लाने में सेतू की भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने सुझाव दिया कि मीडिया एक शब्द को 10-12 भाषाओं में प्रकाशित कर सकता है। एक बार व्यक्ति दूसरी भारतीय भाषा सीख ले तो वह समान सूत्र को जान लेगा और भारतीय संस्कृति की एकात्मता की सराहना करेगा। प्रधामनंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों के सपनों को पूरा करना हमारा कर्तव्य है और हमारे द्वारा बनाया गया भारत पूर्वजों को गौरवान्वित करेगा।