लखनादौन विधायक की अगुवाई में ज्वेलर्स व्यापारियों व मुख्यमंत्री की मीटिंग पर उठ रहे सवाल
अनुसूचित क्षेत्र में जेबर-जमीन गिरवी रखने वाले सेठ-साहूकार परेशान
आदिवासियों से वसूली के लिये लगा रहे राजनैतिक ताकत
हम आपको बता दे सिवनी जिले में अनुसूचित क्षेत्रों सहित सामान्य क्षेत्रों में भी आदिवासियों के जमीन व जेवर गिरवी रखकर हजारों एकड़ जमीन और कई किलो जेबर को रफा दफा कर दिया गया है लेकिन वर्तमान में जिनके पास आदिवासियों के जेबर व जमीन अनुसूचित क्षेत्रों में गिरवी रखा हुये है । ऐसे सेठ साहूकार की रातों की नींद 9 अगस्त 2019 के बाद हराम हो गई है वे अत्याधिक तनाव में आ गये है क्योंकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ का फरमान 9 अगस्त को जैसे ही आया कि अनुसूचित क्षेत्रों में जिन आदिवासियों की जमीन व जेबर को जिस भी सेठ साहूकार ने गिरवी रखा है उसे वापस करना पड़ेगा और नहीं करने वालो को जेल की हवा तक खाना पड़ सकता है और कड़ी कानूनी कार्यवाही होगी । इसके बाद से मध्य प्रदेश के 89 आदिवासी विकासखण्डों में तो सेठ साहूकारों की हालत खराब हो गई है अब वे अपने आप को बचाने के लिये राजनैतिक आकाओं की तलाश कर रहे है । सेठ-साहूकार अपने अपने राजनैतिक आकाओं के साथ में मुख्यमंत्री कमल नाथ से किसी भी तरह इस नियम को शिथिल करने के साथ न ही बनाया जाये या फिर किसी भी तरह से इसे लगभग 1 वर्ष से भी अधिक समय तक की प्रक्रिया नियमों का हवाला देकर बढ़ा दिया जाये ताकि जेवर व जमीन के बदले में दिये गये रूपयों की वसूली सेठ साहूकार कर ले इसको लेकर पूरा जोर लगा रहे है ।
सिवनी। गोंडवाना समय।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने जहां एक ओर विश्व आदिवासी दिवस के दिन अनुसूचित क्षेत्रों से आदिवासी समुदाय के लोगों को साहूकारों से लिये कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिये फैसला लिया और उस पर कड़कता से पालन कराने के लिये जिला स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों को कार्यवाही सुनिश्चित करने के साथ साथ अनुसूचित क्षेत्रों में कर्ज देने वाले साहूकारों को जानकारी जुटाने के भी आदेश भी दिये है यहां तक उन्होंने स्पष्ट कहा कि जिनके जेबर व जमीन गिरवी रखे हुये है उन्हें वापस दिलवाया जाये और जो नहीं मानता है उन पर कड़ी कार्यवाही करों चाहे ऐसे लोगों को जेल ही क्यों न भेजना पड़े। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने स्वतंत्रता दिवस का संदेश कलेक्टर व एसपी को देते हुये जनअधिकार की व्डीयो कांफ्रेसिंग में स्पष्ट रूप से निर्देश दिये है कि अनुसूचित क्षेत्रों में जनजातीय परिवारों पर साहूकारी ऋण विमुक्ति अध्यादेश लाया जायेगा।
जबरन वसूली पर सजा और होगा जुर्माना
इसके अनुसार 15 अगस्त 2019 तक जनजातीय बंधुओं पर साहूकारों के जितने कर्ज हैं सबसे उन्हें मुक्ति मिल जाएगी। उनकी गिरवी रखी सम्पत्ति भी उन्हें वापस मिल जाएगी। ऐसे परिवारों पर जो बकाया कर्ज है उसकी जबरन वसूली करने पर सजा और जुमार्ना होगा। तीन साल की सजा होगी और एक लाख रुपए तक का जुमार्ना देना पड़ेगा। सभी कलेक्टरों को निर्देश दिये गये हैं कि वे अपने जिलों के अनुसूचित क्षेत्रों में ऐसे जनजातीय परिवारों और साहूकारों पर नजर रखें। कोई भी साहूकार जबर्दस्ती कर्ज वसूली न कर पाये। ऐसे गैर लाइसेंसी साहूकारों की जानकारी भी मंगाई जा रही है। इस तरह मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गंभीरता के साथ अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी के जेबर व जमीन गिरवी रखने वालों पर कड़कता के साथ कार्यवाही के निर्देश दिये है ।
लखनादौन विधायक की मौजूदगी में ज्वेलर्स व्यापारियों के साथ हुई मुख्यमंत्री की मीटिंग
आदिवासी आरक्षित विधानसभा क्षेत्र लखनादौन के विधायक श्री योगेन्द्र सिंह बाबा अपने विधानसभा क्षेत्र सहित मध्य प्रदेश के अन्य जिलों के ज्वेलर्स व्यापारियों की समस्याओं का समाधान कराने के लिये मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ से मीटिंग कराया और ज्वलेर्स की समस्या का समाधान कराने का निवेदन करते हुये पहल किया है हालांकि समाधान क्या निकला इसकी पुख्ता जानकारी कोई देने को तैयार नहीं है परंतु मुख्यमंत्री कमल नाथ के साथ हुई मीटिंग की फोटो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद लखनादौन विधायक योगेन्द्र सिंह बाबा की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठने लगे है कि आखिर वे ज्वलेर्स व्यापारियों को मुख्यमंत्री से मीटिंग कराने के पीछे उनका मकसद क्या है।
पहले से तय थी बैठक, मैं पहुंचा इत्फाकन
ज्वलेर्स व्यपारियों के साथ मुख्यमंत्री कमल नाथ की मीटिंग को लेकर जब लखनादौन विधायक योगेन्द्र सिंह बाबा से गोंडवाना समय संपादक ने चर्चा किया तो उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कमल नाथ अनुसूचित क्षेत्र से संबंधित सभी जिलो के ज्वेलर्स व्यापारियों के साथ वन टू वन चर्चा कर रहे है और इस संबंध में उनकी समस्याओं की भी जानकारी ले रहे है । लखनादौन विधायक ने बताया कि कि इसके लिये नया रूल बनाया जा रहा है जो जल्द ही सामने आयेगा वहीं उन्होंने बताया कि ज्वलेर्स व्यापारियों की बैठक पहले से ही मुख्यमंत्री के साथ तय थी मैं तो वहां पर इतेफाकन पहुंचा था और जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री कमल नाथ जी ने मुझे भी मीटिंग में शामिल होने के लिये बुलाया था तब मैं मीटिंग में शामिल हुआ ।
आदिवासियों को मिले न्याय और साहूकारों को लेना होगा लाईसेंस
विधायक योगेन्द्र सिंह बाबा ने गोंडवान समय से चर्चा में बताया कि मुख्यमंत्री कमल नाथ व ज्वेलर्स व्यापारियों के बीच में हुई चर्चा को लेकर उन्होंने आगे बताया कि अब सेठ साहूकारों को लाईसेेंस लेना होगा और लाईसेंस भी उन्हें भी मिलेगा जो सरकार के सारे नियमों को पालन कर रहे है उन्हें ही लाईसेंस दिया जायेगा वहीं पूराने लाईसेंस को भी समाप्त कर दिया गया है । मुख्यमंत्री कमल नाथ की मंशा है कि आदिवासियों के साथ न्याय हो इसलिये वे अनुसूचित क्षेत्र में नये रूल बनवाकर लागू कराने का प्रयास कर रहे है ।