आदेशों को नहीं मान रहे प्राचार्य, वेतन आहरण अधिकारी व लिपिक
आदिवासी विभाग के शिक्षको, अध्यापको की बढ़ा रहे समस्याएं,
आदेश नहीं मानने वालों पर कार्रवाई की मांग
सिवनी। गोंडवाना समय।
आदिवासी विकास विभाग के अंतर्गत प्राचार्य एवं वेतन आहरण अधिकारियों सहित लिपिकों की लापरवाही के कारण अध्यापक, शिक्षक, प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, शिक्षकों की अनेक समस्याएं लंबित है, जानकारी के अनुसार अध्यापक संवर्ग की एन पी एस की अनुदान राशि कई महीनों से अध्यापकों के प्रान खातों में जमा नहीं हुई है, साथ ही क्रमोन्नति के आदेश होने के बाद भी अनेक संकुल प्राचार्य द्वारा क्रमोन्नति नहीं जोड़ी गई है । छठवें वेतनमान की प्रथम एवं द्वितीय किस्त का एरियर्स कई कार्यालयों में लंबित है । वहीं अनेक शिक्षक अध्यापक ऐसे हैं, जिन्हें अभी तक वेतन अप्राप्त है, हड़ताल अवधि का वेतन एवं पूर्व में जारी किए गए डीए एरियर भी अभी तक अनेक कार्यालयों में लंबित पड़े हुए हैं । इसके अलावा शिक्षक संवर्ग के 30 वर्ष का क्रमोन्नत वेतनमान का निर्धारण एवं एरियर का भुगतान भी अब तक लंबित है। साथ ही आई एफ एम आई एस की जानकारी अभी तक अधूरी पड़ी हुई है।
पूर्व में भी कलेक्टर व सहायक आयुक्त द्वारा जारी किये गये है आदेश
पूर्व में भी कलेक्टर एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास द्वारा लंबित प्रकरणों को अति शीघ्र निराकरण करने हेतु आदेश जारी किया गया था परंतु लापरवाह वेतन आहरण अधिकारी एवं प्राचार्य एवं लिपिकों के कारण कई अध्यापक एवं शिक्षक अपनी समस्याओं को लेकर परेशान हैं। इसका सीधा प्रभाव शैक्षणिक कार्य पर पड़ रहा है अब पुन: सहायक आयुक्त द्वारा समस्याओं के निराकरण हेतु आदेश जारी किया गया है । अब देखना यही कि उच्चतर कार्यालयों के आदेश का पालन किस प्रकार होता है । उक्त समस्याओं का समाधान को लेकर उचित कार्यवाही करने वालों में समस्त संघों के पदाधिकारी श्रवण कुमार डहरवाल, संजय तिवारी, श्री कृष्ण कुमार यादव, श्री सुंदरलाल डहरवाल, अविनाश तिवारी, राजकुमार बघेल, मोहम्मद सलीम खान, तान सिंह पटेल, पंतलाल मर्रापा, मनीष मिश्रा, मुकेश ठाकुर, मनीराम वैश, गोविंद उईके, राजेश ठाकुर, अनिल राजपूत, इंद्रकुमार सनोडिया, प्रेम गगन, मनीष तिवारी, श्री राम पटले, प्रीति बख्शी, श्रीमती गायत्री तिवारी, श्रीमती भारती पटवा, अदिति जरगर, चंद्रभान राय, आदि पदाधिकारी द्वारा अति शीघ्र समस्याओं का निराकरण करने की मांग की गई है।