आदिवासी समाज के विकास से देश के विकास को गति मिलेगी-अशोक शाह
विश्व आदिवासी दिवस पर उराँव आदिवासी समाज का मिलन समारोह संपन्न
भोपाल। गोंडवाना समय।उराँव आदिवासी के संगठन, आदिवासी रोहतास समाजिक मंडल द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर मिलन समारोह ओल्ड कैम्पियन सभागार में आयोजित हुआ। इस अवसर पर समाज के दो हजार से ज्यादा लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए म प्र के प्रिंशिपल सेक्रेट्री श्री अशोक शाह ने कहा कि आदिवासी समाज के विकास में समाज के हर सदस्य का प्रयास आवश्यक है।
आदिवासी समाज के विकास से देश के विकास को गति मिलेगी। श्री अशोक शाह ने समारोह मे पधारे लोगों को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई दिया ।
समाज के साथ राष्ट्र के विकास में दे अपना योगदान-हेरमन लकड़ा
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित उरांव जनजाति समाज के मिलन समारोह में समाज के अध्यक्ष हेरमन लकड़ा ने मिलन समारोह में आए हुए समाजिक सगाजनों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि हमारा समाज निरंतर विकास की दिशा मे आगे बढ़ रहा है तथा राष्ट्र के विकास में भी अपना योगदान दे रहा है।उरांव समाज बहुत ही जुझारू समाज व हर क्षेत्र में कर रहा प्रगति-महेन्द्र भगत
कार्यक्रम के संयोजक एवं समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष महेन्द्र कुमार भगत ने कहा कि उराँव समाज बहुत ही जुझारू समाज है तथा आज हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। इस अवसर पर अन्य वक्ताओ ने भी समाज के उत्थान पर जोर डालते हुए कदम से कदम मिलाकर चलने की अपील किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर डॉ जे टी एक्का, यशवंत नागले, ममता एक्का, वित्फ्रेड लाकड़ा, विपिन टोप्पो, फा अथनस लकड़ा, उपस्थित रहे।सालोमैना ग्रुप एवं बिरसामुंडा समिति ने प्रस्तुत किया पारंपरिक नृत्य
विश्व आदिवासी दिवस के पर उरांव जनजाति समाज के मिलन समारोह के अवसर पर सालोमैना ग्रुप एवं विरसामुंडा समिति द्वारा पारंपरिक नृत्य का मनोरम प्रस्तुति दिया गया। विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम मेइंदौर, शिवपुरी, ग्वालियर, होशंगाबाद सहित म प्र के तमाम शहरों से उरॉव समाज के सदस्य पहुंचकर उन्होंने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय देते हुये अपनी जवाबदारी पूरा करने में योगदान दिया।
विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम का कुशल संचालन श्रीमती प्रेमशिला मिंज व धन्यवाद ज्ञापन आल्विश लकड़ा ने प्रस्तुत किया। विपिन टोप्पो ने कार्यक्रम में पधारे अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में पधारे लोगों
के लिए सहभोज की भी व्यवस्था की गई थी।