खतरे में है पांचवी अनुसूचि के रूप में आदिवासियों को मिले विशेषाधिकार
इंदौर में संपन्न हुई जयस की ऐतिहासिक प्रदेश स्तरीय कार्यशाला
प्रदेश अध्यक्ष अंतिम मुझालदा व प्रदेश महासचिव गेंदालाल रणदा के नाम पर लगी मोहर
धार जिला जयस अध्यक्ष चुने गये देवराज मल्होत्रा
इंदौर। गोंडवाना समय।
मध्य प्रदेश की व्यापारिक राजधानी इंदौर से जयस का समाजिक आंदोलन की नींव को मजबूती मिलती रही है और उसी नींव पर पर मजबूती के साथ अटूट राजनैतिक आधार स्तंभ खड़ा करने की कवायद भी इंदौर के शिल्पकार अपनी विशेषज्ञता से मंजिल की ओर ले जाने के लिये सीढ़ियों का निर्माण करने में विशेष भूमिका निभा रहे है। मध्य प्रदेश की व्यापारिक राजधानी इंदौर में जयस ने 18 अगस्त रविवार को नया इतिहास रचने के लिये मध्य प्रदेश के कोने-कोने से आये जयस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उनके सुझाव सुनकर रणनीति तैयार किया है। हम आपको बता दे कि इंदौर के ऋतुराज गार्डन में जयस के जाबांज युवाओ की ऐतिहासिक बैठक हुई।
एकजुटता के साथ सामाजिक और राजनीतिक रूप से ताकतवर होकर लड़ना होगा
इंदौर में आयोजित हुई जयस कार्यशाला के मुख्य अथिति 93 वर्षीय सीनियर एडवोकेट मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व एडवोकेट जनरल रह चुके सम्माननीय आनंद मोहन माथुर ने मार्गदर्शन संबोधन में कहा कि देश के जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों का हक है और आदिवासियों को अपना हक हासिल करने के लिए एकजुट होकर सामाजिक और राजनीतिक रूप से ताकतवर होकर लड़ना होगा । इसके साथ में उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रो में संविधान की पांचवी अनुसूचि के रूप में आदिवासियों को मिले विशेषाधिकार खतरे में है। उन्होंने कहा जिस प्रकार जम्मू कश्मीर को धारा 370 के रूप से मिले विशेषाधिकार को केंद्र की मोदी सरकार ने खत्म कर दिया। वैसे ही अनुसूचित क्षेत्रो में धारा 244 (1) को खत्म कर संविधान की पांचवी अनुसूचि के रूप में मिले विशेषाधिकारो पर खतरा है।
लोकतांत्रिक तरीको से ही अपने अधिकारों की लड़ाई लड़कर जीत सकते है
जयस कार्यशाला को संबोधित करते हुये जयस के राष्ट्रीय संरक्षक और मनावर विधायक डॉ हिरालाल अलावा ने कहा विधानसभा चुनावों के बाद जयस के टूटने और बिखर जाने की खबरों को अफवाह बताया और कहा कि आज इंदौर में हो रही जयस कार्यशाला में प्रदेश के कई जिलों से सेकड़ो की संख्या में उपस्थित मौजूद जयस युवा इस बात का सबूत है कि जयस अभी भी एकजुट और ताकतवर है । इसके साथ में पूरे देश के आदिवासी युवाओ को संदेश दिया कि देश के आदिवासी समुदाय अपने अधिकारों की लड़ाई देश की लोकतांत्रिक प्रणाली में रहकर लोकतांत्रिक तरीको से ही अपने अधिकारों की लड़ाई लड़कर जीत सकते है । कभी भी बंदूक के दम पर देश का आदिवासी अपनी लड़ाई नही जीत सकता है । सिर्फ समय की बबार्दी और जनहानि के सिवाय कुछ हासिल नहीं होना है, जिसके लिए उन्होंने पिछले 70 सालों से देश अलग-अलग हिस्सों में आदिवासी समुदाय के माध्यम से बंदूक के दम पर लड़ी जा रही लड़ाई का उदाहरण दिया।
मध्य प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों के जयस युवा हुये शामिल
जयस के राष्ट्रीय संरक्षक ने जयस को आने वाले समय मे ताकतवर बनाने के लिए ग्राम स्तर से लेकर ब्लाक स्तर, तहसील स्तर, जिला स्तर और संभाग स्तर पर जयस कार्यकारिणी बनाकर जयस में अनुशासन समिति गठित करने का सुझाव दिया । इसके साथ ही उन्होंने जयस के प्रदेश अध्यक्ष अंतिम मुझालदा और प्रदेश महासचिव गेंदालाल रणदा की उपस्थिति में सेकड़ो जयस युवाओ की मौजूदगी में सर्वसम्मति से प्रदेश के कई जिलों के जयस जिला अध्यक्षो की घोषणा भी किया और अगामी 8 सितम्बर को झाबुआ में सर्वसम्मति से जयस महापंचायत करने का निर्णय लिया गया।
जयस एकजुट होकर सरकार को दिखाये अपनी ताकत
जयस कार्यशाला में उपस्थित व्हिसल ब्लोअर डॉ आनंद रॉय ने कहा कि आने वाले समय में जयस को एकजुट होकर सरकार को अपनी ताकत दिखाना चाहिए, क्योंकि वर्तमान कांग्रेस सरकार यह भूल रही है की प्रदेश में जयस के सहयोग से कांग्रेस की सरकार बनी है। खरगोन जयस संरक्षक राजेंद्र पंवार ने कहा कि जयस की प्रदेश में कही भी बैठक हो जयस को ही प्राथमिकता देना चाहिए क्योंकि जयस ने ही प्रदेश में बेरोजगार युवाओं को नई पहचान दी है । इसलिए जयस को कभी भी अनदेखा नहीं करने की सलाह युवाओ को दिया। जयस कार्यशाला में पधारे जकास के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश महावि ने कहा कि पद मिलने के बाद जयस युवा अनुशासन में रहे है। जयस को मजबूत बनाने की दिशा में काम करे, अन्यथा उनके पद स्वत: समाप्त हो जायेंगे। जयस कार्यशाला में हरदा से पहुचे ध्रुव चौहान ने कहा जयस ही आने वाले समय के आदिवासी समाज का भविष्य है, इसलिए सभी युवा मिलकर जयस को मजबूत करे । इंदौर में आयोजित हुई जयस कार्यशाला का संचालन झाबुआ जयस प्रभारी बाबू भाई डामोर और इंदौर जयस प्रेसिडेंट रविराज बघेल ने सफलता पूर्वक किया।
Great initiative
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