ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं
रक्षा मंत्रालय ने किया स्पष्ट
नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
रक्षा उत्पादन विभाग के अपर सचिवकी अध्यक्षता में रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति ने आॅर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) के अध्यक्ष के साथ मिलकर एक बार फिर अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी संघ,भारतीय राष्ट्रीय रक्षा कर्मचारी महासंघ, भारतीय प्रतीक्षा मजदूर संघ और रक्षा मान्यता प्राप्त संघों के पदाधिकारियों के साथ 20 अगस्त, 2019 से उनके द्वारा शुरू की जाने वाली हड़ताल के नोटिस के मुद्दे पर बातचीत किया। 14 अगस्त को आयोजित बैठक के क्रम में इस बैठक में श्रम और रोजगार मंत्रालय , भारत सरकार के अधिकारी भी शामिल थे। समिति ने यह भी बताया कि कर्मचारियों की 30 दिनों की हड़ताल का आहवान अप्रत्याशित हैं, विशेष रूप से यह देखते हुए कि सरकार ने रक्षा मंत्रालय स्तर पर विचार विमर्श करने की उनकी मांग पहले ही स्वीकार कर ली थी।
ओएफबी के निगमीकरण से ओएफबी रक्षा मंत्रालय के अन्य डीपीएसयू के समकक्ष हो जाएगा
समिति ने कर्मचारी संगठनों को बताया कि ओएफबी के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है। इसे रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (डीपीएसयू)बनाने का प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है। यह उपक्रम 100 प्रतिशत सरकार के स्वामित्व में है। इस तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि ओएफबी का निजीकरण किया जा रहा है। ऐसा कर्मचारियों को गुमराह करने के इरादे सेकिया जा रहा है। ओएफबी के निगमीकरण से ओएफबी रक्षा मंत्रालय के अन्य डीपीएसयू के समकक्ष हो जाएगा। यह ओएफबी के हित में है क्योंकि इससे ओएफबी को परिचालन स्वतंत्रता और लचीलापन प्राप्त होगा, जिसका वर्तमान में अभाव है। इसके अलावा, इस विषय पर लिए किसी भी निर्णय में कर्मचारियों के हितों को पर्याप्त रूप से सुरक्षित किया जाएगा।
प्रस्तावित हड़ताल वापस लेने का किया अनुरोध
समिति ने यह भी बताया कि सरकार ओएफबी के कामकाज को लगातार मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है। समीति ने कर्मचारी संगठनों से अनुरोध किया है कि वह ओएफबी को प्रतिस्पर्धी, उत्पादक और कुशल संगठन बनाने के लिए सरकार के प्रयासों को मान्यता दें ताकि इसका टर्नओवर बढ़े और उसके लाभ अर्जन से कर्मचारियों का हित होगा। इसलिए समिति ने एक बार फिर कर्मचारी संगठनों से अपनी प्रस्तावित हड़ताल वापस लेने का अनुरोध किया।