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जयस की हुंकार : आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों को लेकर झाबुआ में 8 सितंबर को होगा उलगुलान

जयस की हुंकार : आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों को लेकर झाबुआ में 8 सितंबर को होगा उलगुलान

झाबुआ। गोंडवाना समय। 
जयस के राष्ट्रीय संरक्षक व मनावर विधायक डॉ हीरालाल अलावा के प्रमुख उपस्थित जयस पदाधिकारियोां, कार्यकर्ताओं व गांव-गांव व शहर-शहर के सदस्यों की उपस्िथति में 8 सितंबर 2019 को झाबुआ जिले में होने वाली जयस महापंचायत की प्रमुख मांगों में विशेष रूप से  1. हाल ही में झाबुआ से रोजगार की तलाश में पलायन कर गुजरात गये 8 आदिवासियों की दीवार गिरने से हुई मौत की न्यायिक जांच करे जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत कर प्रति मृत व्यक्ति के पीड़ित परिवार वालो को 1 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि दिये जाने की मांग शामिल है,
2. झबुआ रतलाम जिले से निकलने वाले 8 लेन के राष्ट्रीय राजमार्ग को लेकर वहा के पीड़ित आदिवासियों को पर्याप्त मुआवाजा और जमीन के बदले जमीन दे, साथ मे छोटा उदयपुर से अलीराजपुर इंदौर में आदिवासियों की जमीन के साथ हुई धोखाधड़ी की जांच कर आदिवासियों को बहुत कम मिले मुआवजा राशि की जांच सरकार करवाए यह मांग शामिल है, 3. झाबुआ रतलाम और अलीराजपुर जिले के आदिवासियों की जमीन जो भू राजस्व संहिता की धारा 165 का उल्लंघन कर अवैध तरीके से हड़पी गई है, उसकी विस्तृत जांच करवाकर आदिवासियों की जमीन आदिवासियों को ही वापस दिलाये जाने की मांग शामिल की गई है, 4. झाबुआ, आलीराजपुर और रतलाम जिले से रोजगार की तलाश में आदिवासियों के होने वाले पलायन को रोकने के इन आदिवासी बाहुल्य जिलों में आदिवासियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराये जाने की मांग विशेष रूप से शामिल की गई है, 5. प्रदेश के झबुआ जिले के मेघनगर में स्थापित कारखानों से निकलने वाले घातक रसायनों के दुष्प्रभावों की उचित जांच कर घातक रसायन पैदा करने वाली कंपनियों को तुरंत बंद कर क्षेत्र की जनता को घातक रसायनों से होने वाले दुष्प्रभावों से मुक्ति दिलाने के लिये पर्याप्त कदम उठाए जाने की मांग को भी शामिल किया गया है, 6. झाबुआ जिले के आदिवासियों अनूठी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित
करने के लिए झाबुआ में आदिवासी सांस्कृतिक सेंटर खोला जाने की मांग को शामिल किया गया है, 7. झाबुआ अलीराजपुर रतलाम जिले में मौजूद खनिज खदानों के होने वाले सरकारी ठेकों में स्थानीय आदिवासी समूहों को प्राथमिकता मिलना चाहिए यह भी शामिल किया गया है, 8. झाबुआ आलीराजपुर जिला जो आदिवासी बाहुल्य
जिला है, वहां के आदिवासी छात्र छात्राओं के लिए छात्रवासों की संख्या बढ़ाने के साथ साथ वर्तमान छात्र-छात्राओं के अनुपात में सीटों की संख्या 100 से 200 सीटर वाले छत्रावास खोले जाने की मांग रखी गई है,
9. आदिवासियों को संविधान में मिली पांचवी अनुसूचि के सभी प्रावधानों को धरातल पर लागू करवाने के लिए राज्यपाल के माध्यम से जल्द से जल्द अधिसूचना जारी करे और भूरिया कमिटी की अनुशंसा से बने पेशा कानून की जल्द से जल्द नई नियामवली बनाकर अधिसूचित क्षेत्रो में आदिवासियों को ग्राम सभा के रूप में मिले विशेषाधाकार के माध्यम से गांव में ग्राम स्वराज की संकल्पना को साकार रूप देना शामिल है, 10. झाबुआ,आलीराजपुर, रतलाम, धार खरगोन और बड़वानी जिले के जिन जिन जयस समर्थित अधिकारियों के सरकार ने ट्रांसफर कर दिए उन सभी शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर तुरन्त निरस्त किये जाने की मांग को भी विशेष रूप से शामिल किया गया है ।

गुमराह कर रहे लोगों से बचकर अपने विवेक से निर्णय लेना होगा

जयस के राष्ट्रीय संरक्षक व मनावर विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने कहा कि अभी तक जयस के माध्यम से हमने अपने समाज के लिए बहुत कुछ नया ही किया है । आज तक जिन आदिवासी मुद्दों को भुला दिया गया था उन सभी मुद्दों को जयस के माध्यम से हमने राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया है । अभी तक जिन
संवैधानिक अधिकारों पांचवी अनुसूचि, पेशा कानून, वनाधिकार कानून 2006, रूढ़ि प्रथा को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। उउन संवैधानिक अधिकारों को सदन में चर्चा का महत्वपूर्ण विषय बना दिया है। अभी तक आदिवासियों का ध्यान अपने जल, जंगल और जमीन से भटकाकर अन्य कामो में लगा दिया था जिसे जयस के माध्यम से वापस हमने युवाओ में जोश भर दिया है । हमने जयस के माध्यम से एकजुटता की ताकत दिखाकर राजनीतिक पार्टियों को आदिवासियों के पुरखो आदिवासियों की संस्कृति, परम्पराओं और रीतिरिवाजों की तरफ सोचने को मजबूर कर दिया है । आज हमने जयस के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासियों कि दबी कुचली आवाज को नए आयाम दे दिए है और आने वाले समय मे और भी बहुत कुछ नया करेंगे। जयस के माध्यम से बस युवाओ को जयस पर विश्वास करना पड़ेगा और जो लोग भृम और अफवाह फैलाकर युवाओ को अपने अधिकार लेने से गुमराह रहे है ऐसे पाखंडियों से बचकर अपने विवेक से निर्णय लेना होगा।

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