मंत्री ओमकार मरकाम पर भारी पड़ने वाले मुकेश पाण्डेय अब जाकर हुये हल्के
आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार मरकाम पर भारी पड़ने वाले मण्डला में वर्षों से ए.पी.सी. मुकेश पाण्डेय की राजनैतिक व प्रशासनिक पहुंच अब जाकर हल्की हुई है। जबकि कार्यवाही को लेकर 4 महिने से ज्यादा का समय हो गया था तब आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार मरकाम ने कलेक्टर मण्डला को पत्र लिखा था लेकिन अपनी विभागीय पहुंच के चलते उन पर कार्यवाही नहीं हो पा रही थी लेकिन बीते 17 जुलाई 2019 को ही कार्यालय आयुक्त आदिवासी विकास मध्य प्रदेश के द्वारा पत्र जारी कर प्रतिनियुक्ति वापिस कर अपने मूल पद स्थान पर वापिस भेजने के आदेश जारी कर दिये है जिसकी सूचना मंत्री ओमकार मरकाम को भी भेजी गई है।
मंडला। गोंडवाना समय।
हम आपको बता दे कि आदिम जाति कल्याण मंत्री मंडला जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ श्री मुकेश पाण्डेय को लेकर 27 फरवरी 2019 को एक पत्र मण्डला कलेक्टर के नाम लिखा था। जिसमें उन्होंने प्रभार दिये जाने विषयक से अवगत कराते हुये संदर्भ में मेरी टीप क्रमांक 221, दिनांक 1-2-2019 का हवाला भी दिया था । हम आपको बता दे कि मंत्री श्री ओमकार मरकाम ने आगे निवेदन स्वरूप कृपया मेरी उपरोक्त संदर्भित टीप का
अवलोकन करें, जिसमें मैंने श्री मुकेश पाण्डेय वरिष्ठ अध्यापक को ए.पी.सी. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान कार्यालय, जिला शिक्षा अधिकारी मण्डला के पद से (प्रतिनियुक्ति से) हटाये जाकर उनके मूल पद पद पदस्थ करने हेतु समुचित कार्यवाही करने के निर्देश थे । अत: श्री मुकेश पाण्डे को शिकायत के आधार पर तत्काल हटाकर इनके स्थान पर श्री अनिल मरकाम उच्च श्रेणी शिक्षक, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लिमरूआ, जिला मण्डला को प्रभार दिये जाने हेतु समुचित कार्यवाही शीघ्र करें।
चार माह से ज्यादा समय के बाद हुई कार्यवाही
मध्य प्रदेश शासन के आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार मरकाम जनजाति बाहुल्य मध्य प्रदेश के जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री होने के बावजूद भी गृह जिला से लगा हुआ मण्डला जिला में ही उकने पत्र पर चार माह से भी ज्यादा के समय के बाद अब जाकर कार्यवाही हुई है । इससे अंदाजा लगा सकते है कि मध्य प्रदेश में उनके पत्रों की क्या हालत होगी यह बताने की आवश्यकता नहीं है।
मुकेश कुमार पाण्डेय को प्रतिनियुक्ति से किया गया वापस
भारतीय जनता पार्टी के राज में श्री मुकेश कुमार पांडे वरिष्ठ अध्यापक जो कि कभी माधोपुर में पदस्थ थे। बताया जाता है कि अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीर न होने के कारण जून 2011 में श्री मुकेश पांडे के विरुद्ध विभागीय जांच भी संस्थित हुई थी। जिन्हें बाद में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हिरदेनगर में गणित विषय के अध्यापन के लिए पदस्थ किया गया था। इन्होंने अपनी राजनैतिक व प्रशासनिक पहुंच के चलते विभाग को ही धोखे में रखकर वर्ष 2012 में शिक्षा विभाग के राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान रमसा अंतर्गत सहायक परियोजना समन्वयक के पद पर आसीन हो गये थे और ये लगभग सात वर्षों तक प्रतिनियुक्ति पर रहे। इसके बाद कांग्रेस की सरकार आई तो आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार मरकाम ने श्री मुकेश पाण्डेय पर कार्यवाही को लेकर कलेक्टर मण्डला को पत्र लिखा था लेकिन उसके बाद भी ये मंत्री पर ही भारी पड़ते नजर आ रहे थे । आखिरकार मंत्री के पत्र लिखने के बाद लगभग चार माह से भी अधिक का समय बीतने के बाद आयुक्त आदिवासी विकास मध्यप्रदेश द्वारा 17 जुलाई 2019 को आदेश जारी कर श्री मुकेश कुमार पांडे को प्रतिनियुक्ति से वापस लेकर उन्हें मूल संस्था शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हिरदेनगर में पदस्थ कर दिया गया है।
बंद पड़ा था गणित संकाय, कब मूल संस्था में करेंगे पदभार ग्रहण
हम आपको बता दे कि इनकी प्रतिनियुक्ति के कारण हिरदेनगर में गणित शिक्षक के अभाव में संकाय बन्द पड़ा हुआ था। अब सात वर्षों के बाद पुन: हिरदेनगर नगर व आस पास के बच्चों को गणित संकाय लेकर पढ़ने का अवसर मिल सकेगा। अब देखना यह है कि श्री मुकेश पांडे अपने मूल कर्तव्यों के निर्वहन के लिए कब तक अपनी मूल संस्था में कार्यभार ग्रहण करते हैं। हालांकि अभी भी अपनी राजनैतिक व प्रशासनिक पहुंच का उपयोग करने के लिये वे भरसक प्रयास कर रहे है कि किसी भी तरह पुन: उन्हें रमसा की बागडोर संभालने का अवसर मिल जाये ।