शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही : आदिवासी विद्यार्थियों से कोसो दूर विज्ञान प्रोत्साहन राशि
शासन की योजना से कक्षा 11 वीं और महाविद्यालय के आदिवासी विद्यार्थी हो रहे वंचित
सिवनी। गोंडवाना समय।विज्ञान एवं सामयिक विषयों में आदिवासी विद्यार्थियों को प्रोत्साहन देने के लिये मध्य प्रदेश शासन आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2012 को ही प्रथम दौर में विज्ञान एवं सामयिक विषयों में आकर्षित करने के लिये विज्ञान प्रोत्साहन योजना स्वीकृत की गई थी जो वर्तमान में भी लागू है । जिसमें 11 कक्षा के विद्यार्थी को छात्रवृत्ति के अतिरिक्त एक बार वर्ष में एक बार 2,000/- रूपये एवं स्नातक प्रथम वर्ष में छात्रवृत्ति के अतिरिक्त एक बार वर्ष में 3,000/- रूपये दिये जाने का प्रावधान है । शासन द्वारा जनजाति वर्ग विद्यार्थियों के लिये बनी कल्याणकारी योजना को क्रियान्यन करने में यह बात तो स्पष्ट रूप से उजागर होती हुई दिखाई देते है कि शिक्षा विभाग एवं महाविद्यालय स्तर पर लापरवाही की जाती रही है या जानबूझकर जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को लाभ दिये जाने से वंचित किया जाता रहा है और यह सिलसिला वर्तमान में भी चालू ही है आखिर इसके पीछे क्या कारण है। विशेषकर इसमें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अंतर्गत आने वाले स्कूलों या महाविद्यालयों के द्वारा जानबूझकर कहें या जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को वंचित कर उनके हक अधिकार से वंचित करने का षडयंत्र किया जाता रहा है।