चिटफंड कंपनियों के बंद होने से डूबा निवेशकों का करोड़ों रूपया
सिवनी। गोंडवाना समय।कड़े कानूनों के बाद बंद हुई चिटफंड कंपनियों से करोड़ों रूपए के निवेश पर संकट गहरा गया है। मंगलवार को सर्वहित महाकल्याण वेलफेयर फाउंडेशन के बैनरतले निवेशकों और अभिकतार्ओं ने कचहरी चौक में धरना देकर कलेक्टोरेट तक रैली निकाल ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले तीन सालों से संगठन कंपनियों में फंसा करोड़ों र्स्पए निवेशकों को लौटाने के लिए लड़ाई लड़ रहा है। सेबी के सख्त नियमों के बाद पिछले कई सालों से चल रहीं चिटफंड कंपनियां एकाएक बंद हो गई हैं। सेबी ने कंपनियों की प्रापर्टी व एकाउंट सीज कर दिए हैं जिससे निवेशकों को जमा पैसा वापस नहीं मिल रहा है। वहीं इन कंपनियों से जुड़े अभिकर्ता भी बेरोजगार हो गए हैं। कंपनियों की कारगुजारी का खामियाजा अभिकतार्ओं को भुगतना पड़ रहा है। हर दिन अभिकतार्ओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। सरकार ने गड़बड़ियों की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। संगठन के मुताबिक साल 2016 तक 229 कंपनियां बंद की गई हैं। सिवनी जिले में करोड़ों र्स्पए अभिकतार्ओं के जरिए कंपनियों में जमा कराया गया है। जिले सहित देश व प्रदेश में चल रही कंपनियों के आफिस बंद हो गए हैं। जबकि निवेशकों को जमा की गई पूंजी के लिए भटकाया जा रहा है। राज्यपाल के नाम कलेक्टर के माध्यम से भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि निवेशकों की राशि जल्द से जल्द लौटाई जाए और अभिकतार्ओं को प्रताड़ित करने से रोका जाए। पिछले कुछ सालों में सैकड़ों अभिकर्ता जान गंवा चुके हैं।