प्रदेश में बाघों का संरक्षण वनवासियों की सहभागिता से किया जाता रहेगा-उमंग सिंघार
जैव-विविधता संरक्षण की कार्य-योजना बनाई जाएगी
भोपाल। गोंडवाना समय।
मध्य प्रदेश शासन के वन मंत्री श्री उमंग सिंघार ने कहा है कि वन, वनवासी और प्रदेशवासियों की समन्वित सहभागिता से प्रदेश की जैव-विविधता संरक्षण कार्य-योजना बनायी जायेगी। वन मंत्री श्री उमंग सिंघार ने कहा कि मध्यप्रदेश ने एक बार फिर बाघ गणना में देश को गौरवान्वित किया है। भारत में मध्यप्रदेश प्रथम बाघ गणना चक्र-2006 में 300 बाघों के साथ प्रथम स्थान पर आया था। वर्ष 2018 में हुई चौथी बाघ गणना चक्र में भी प्रदेश ने अधिकतम बाघों की संख्या के साथ सर्वप्रथम स्थान हासिल किया है। मध्य प्रदेश शासन के वन मंत्री श्री उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश में बाघों का संरक्षण वनवासियों की सहभागिता से किया जाता रहेगा।
वर्ष 2006 में जहां 300 तो वर्ष 2018 की गणना में 526 हुये बाघ
हम आपको बता दे कि वर्ष 2004 से नवीन तकनीकों को उपयोग में लाते हुए वैज्ञानिक पद्धति से अखिल भारतीय बाघ गणना आरंभ की गयी थी। गणना के बाद देश एवं मध्य प्रदेश में अब तक के आंकड़ों में जहां वर्ष 2006 में राष्ट्रीय स्तर पर देश भर में बाघ की संख्या 1411 थी तो वहीं मध्य प्रदेश में 300 बाघ की संख्या की गणना के दौरान आंकड़े आये थे । वहीं वर्ष 2010 की गणना में राष्ट्रीय स्तर पर कुल 1706 बाघ तो मध्य प्रदेश में 257 बाघों की गणना के आंकड़े थे। इसी तरह वर्ष 2014 में राष्ट्रीय स्तर पर कुल बाघों की संख्या 2226 गणना के दौरान सामने आये थे तो वहीं मध्य प्रदेश में 308 बाघ गणना में सामने आये थे । वहीं अब वर्ष 2018 में राष्ट्रीय स्तर पर बाघों की गणना में 2967 बाघ के आंकड़े जारी किये गये है वहीं मध्य प्रदेश में 526 बाघ की गणना के आंकड़े जारी किये गये है।