डीएनए प्रौद्योगिकी (उपयोग एवं अनुप्रयोग) विनियमन विधेयक 2019 लोकसभा में पेश
नई दिल्ली। गोंडवाना समय।केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने डीएनए प्रौद्योगिकी (उपयोग एवं अनुप्रयोग) विनियमन विधेयक-2019 सोमवार को लोकसभा में पेश किया। विधेयक प्रस्तुत करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि यह विधेयक गुमशुदा व्यक्तियों, पीड़ितों, दोषियों, विचाराधीन कैदियों और अज्ञात मृत व्यक्तियों की पहचान के लिए डीएनए प्रौद्योगिकी के उपयोग एवं अनुप्रयोग के विनियमन से संबंधित है। डीएनए प्रौद्योगिकी (उपयोग एवं अनुप्रयोग) विनियमन विधेयक 2019 का प्राथमिक उद्देश्य देश की न्याय प्रणाली को सहायता और मजबूती प्रदान करने के लिए डीएनए आधारित फोरेंसिक प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग का विस्तार करना है। अपराधों की गुत्थियां सुलझाने और अज्ञात मृत व्यक्तियों की पहचान के लिए डीएनए आधारित प्रौद्योगिकियों का उपयोग को दुनिया में स्वीकार किया गया है। डीएनए प्रयोगशालाओं के लिए अनिवार्य प्रत्यायन और विनियमन का प्रावधान करते हुए यह विधेयक यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि देश में इस प्रौद्योगिकी के प्रस्तावित विस्तृत उपयोग के साथ इस बात का भरोसा भी है कि डीएनए परीक्षण के नतीजे विश्वसनीय हैं और इतना ही नहीं, हमारे नागरिकों के निजता के अधिकार के संदर्भ में इन आंकड़ों का दुरूपयोग या कुप्रयोग भी नहीं होता है।