मादक पदार्थों के सेवन के जोखिमों से संभावित पीड़ितों को अवगत कराना सरकार और नागरिक समाज की जिम्मेदारी-उपराष्ट्रपति
नशे की लत छुड़ाने के लिए 24 घंटे राष्ट्रीय टोल फ्री हेल्पलाईन नंबर 1800110031
नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
मादक पदार्थों के सेवन के दुष्प्रभावों से लोगों को अवगत कराने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने बुधवार को नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस मनाया। इसके साथ ही मंत्रालय ने मादक पदार्थों के सेवन के खिलाफ एक अभियान की भी शुरूआत किया। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलौत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर,श्री राम दास आठवले, श्री रतन लाल कटारिया तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सचिव सुश्री नीलम सहानी और कई मणमान्य लोग भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मादक पदार्थों का सेवन एक वैश्विक चुनौती
मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि मादक पदार्थों का सेवन एक वैश्विक चुनौती है। यहां तक कि विकसित देश भी इसके खिलाफ लड़ाई में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। मादक पदार्थ किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को अपनी गिरफ्त में ले सकता है। विशेषकर युवा, किशोर और कम उम्र के युवाओं में मादक पदार्थ तस्करों के गिरफ्त में आने की संभावना अधिक रहती है। संभावित पीड़ितों को मादक पदार्थों के सेवन से होने वाली बबार्दी के बारे में सचेत किया जाना चाहिए, ताकि वे अपने को इस जाल से सुरक्षित रख सकें। यह चुनौती इतनी बड़ी है कि सरकारी एजेंसियों द्वारा किये जाने वाले प्रयास इस खतरे को समाप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं है। राज्य सरकार, गैर-सरकारी संगठन और समर्पित व्यक्तियों पर इस खतरे को समाप्त करने की बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने यह राय व्यक्त की कि नशे की लत की समस्या इतनी बड़ी है कि अकेले सरकारी एजेंसियों के प्रयास पर्याप्त नहीं होंगे। इस लत के उन्मूलन की बड़ी जिम्मेदारी गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और अन्य समर्पित लोगों को भी उठानी होगी।
श्री थावरचंद गहलोत ने अपने भाषण में इस बात का उल्लेख किया कि मंत्रालय ने ज्यादा जोखिम वाले कुछ जिलों की पहचान भी की है जिन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, ताकि मादक द्रव्यों की मांग घटाने के लिए सामुदायिक भागीदारी और जन सहयोग बढ़ाया जा सके। किशोरों एवं युवाओं में कम उम्र में ही नशे की लत की रोकथाम के लिए समुदाय आधारित हमउम्र के लोगों का सहयोग लेना और नशा मुक्ति केंद्रों तक इन लोगों की पहुंच सुनिश्चित करना भी इन कार्यक्रमों में शामिल है।
एल्कोहल और मादक पदार्थ का सेवन भारत में एक गंभीर समस्या के रूप में सामने आई
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने अपने स्वागत भाषण में इस दिवस के महत्व तथा मंत्रालय द्वारा इस संबंध में किये गये प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि एल्कोहल और मादक पदार्थ का सेवन भारत में एक गंभीर समस्या के रूप में सामने आई है। एल्कोहल और मादक पदार्थ का सेवन केवल एक व्यक्ति को ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज को अस्त-व्यस्त कर देता है। युवा वर्ग द्वारा मादक पदार्थों का सेवन पूरी दुनिया में बढ़ता जा रहा है और भारत भी इसका अपववाद नहीं है। क्षेत्रीय पुनर्वास केन्द्रों, गैर-सरकारी संगठनों, राज्य सरकारों, मीडिया आदि की सहायता से हम इस सामाजिक समस्या को खत्म कर सकते है। सुश्री साहनी ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए उपराष्ट्रपति को धन्यवाद दिया और कहा कि इस तरह के सरोकारों से उनका जुड़ना मादक पदार्थों के दुष्प्रभावों और ऐसे पदार्थों की मांग घटाने के लिए प्रयासरत व्यक्तियों और संस्थानों को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री के प्रति भी आभार व्यक्त किया और कहा कि उनके सक्षम नेतृत्व में मंत्रालय ने मादक पदार्थों की मांग घटाने की दिशा में कई पहल की है।
मादक पदार्थों की मांग में कमी लाने के लिए है यह प्रमुख मंत्रालय
मंत्रालय में संयुक्त सचिव सुश्री रश्मि चौधरी ने वास्तविक इस्तेमाल की सीमा और प्रतिमान के बारे में राष्ट्रीय सर्वेक्षण और मादक पदार्थों की मांग में कटौती के लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना के बारे में एक रिपोर्ट पेश की। सरकार ने छोटी उम्र में बहुत अधिक लोगों द्वारा मादक पदार्थों का सेवन करने और युवा आबादी के बीच मादक पदार्थों के इस्तेमाल में बहुत अधिक वृद्धि को देखते हुए ये दोनों पहल की हैं। सामाजिक स्वास्थ्य संबंधी इस गंभीर समस्या का समाधान करने के लिए भारत में इसके इस्तेमाल की सीमा और प्रतिमान की वास्तविक जानकारी हासिल करना एक महत्वपूर्ण पहला कदम है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय हर वर्ष 26 जून को मादक पदार्थ और उनकी अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाता है। मादक पदार्थों की मांग में कमी लाने के लिए यह प्रमुख मंत्रालय है। यह मादक पदार्थों के इस्तेमाल की रोकथाम के सभी पहलुओं की निगरानी करता है, जिसमें समस्या की सीमा का आकलन, उसके रोकथाम का कार्य, इलाज और व्यसन करने वालों के पुनर्वास, सूचना का प्रसार और लोगों में जागरूकता पैदा करना शामिल है। मंत्रालय स्वयंसेवी संगठनों के जरिए व्यसन करने वालों की पहचान, उनका इलाज और उनके पुनर्वास के लिए समुदाय आधारित सेवाएं प्रदान करता है। मंत्रालय नशे की लत छुड़ाने वाले केन्द्रों को चलाने के लिए देशभर के एनजीओ को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। मंत्रालय ने नशे की लत छुड़ाने के लिए 24 घंटे का एक राष्ट्रीय टोल फ्री हेल्पलाईन नंबर 1800110031 स्थापित किया है, जो नशा करने वालों, उनके परिवार और समाज की मदद करता है।