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आइसीएटी-एक विश्वस्तरीय अंतर्राष्ट्रीय आॅटोमोटिव परीक्षण केन्द्र

आइसीएटी-एक विश्वस्तरीय अंतर्राष्ट्रीय आॅटोमोटिव परीक्षण केन्द्र

नई दिल्ली। गोंडवाना समय। 
आटोमोबाइल उद्योग भारत का तेजी से प्रगति कर रहा उद्योग है जो देश के जीडीपी में 7.5 प्रतितशत से अधिक का योगदान करता है। भारत सरकार इस उद्योग को सुविधाजनक बनाने और विकसित करने के लिए इसपर काफी ध्यान दे रही है। राष्ट्रीय आॅटोमोटिव परीक्षण और अनुसंधान एवं विकास बुनियादी ढांचा परियोजना (एनएटीआरआईपी) के तहत देश में स्थापित अत्याधुनिक परीक्षण केन्द्र-आईसीएटी सख्त नियामक ढांचे और बाजार के अनुरूप प्रौद्योगिकी में आ रहे नित बदलाव की पृष्ठभूमि में मोटर वाहन उद्योग कीआवश्यकताओं की पूर्ति की दिशा में सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। आईसीएटी मोटर वाहन क्षेत्र के लिए काफी महत्व रखता है। अपने विश्वस्तरीय बुनियादी ढ़ांचे और उद्योग विशेषज्ञता के साथ यह विकास, परीक्षण, सत्यापन और होमोलॉगेशन में अपनी सेवाएं प्रदान करता है।
देश के उत्तरी हिस्से में स्थित आटोमोबाइल उद्योग के हब मानेसर में स्थापित आइसीएटी भारत सरकार का मोटर वाहन परीक्षण,अनुसंधान एंव विकास गतिविधियों से जुड़ी सेवाएं प्रदान करने वाला एक विश्वस्तरीय केन्द्र है। आईकैट पावर ट्रेन, उत्सर्जन, एचईवी और ईवी प्रौद्योगिकी,एनवीएच, कैश, लाइटिंग तथा परीक्षण और प्रमाणन तथा फिटींग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर संगोष्ठियों और कार्यक्रमों के माध्यम से जानकारियां साझा करने और उनके प्रसार के लिए अपना प्रयास लगातार जारी रखे हुए है।
भारत ने 2030 तक देश में आटो परिवहन सेवाओं को पूरी तरह से विद्युत संचालित बनाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में आईसीएटी की प्रयोगशालाओं ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी परीक्षण और अन्य सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम शुरू कर दिया है। यह केन्द्र अंतत: खुद को एक मोटर वाहन उत्पाद विकास केंद्र में बदलने का इरादा रखता है।

आॅटोमोटिव इलेक्ट्रिकल  और इलेक्ट्रोनिक्स प्रयोगशाला (एईईएल)

इलेक्ट्रिक वाहनों तथा वाहनों में इलेक्ट्रिक उपकरणों के बढ़ते चलन को देखते हुए एईईएल काफी महत्वपूर्ण हो गई है। यह प्रयोगशाला सिस्टम, ई-मोटर्स, ईसीयू, बैटरियों और आरएफआईडी सहित ई एंड ई घटकों की विस्तृत श्रृंखला के लिए प्रमाणीकरण और सत्यापन की सेवाएं प्रदान करती है। यह उत्पाद विकास और सुधार के लिए ग्राहकों को परामर्श सेवाएँ भी प्रदान करती है।आॅटोमोटिव इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रोनिक्स प्रयोगशाला

टायर जांच प्रयोगशाला (टीटीएल)

आईसीएटी के पास विश्वस्तरीय टायर परीक्षण सुविधाएं हैं, जो ग्राहकों को गुणवत्ता और तेज सेवाएं देने के लिए अत्यधिक कुशल और अनुभवी टीम द्वारा संचालित और प्रबंधित हैं। टायर जांच प्रयोगशाला टायर उद्योग, वाहन निमार्ता और भारतीय मानक ब्यूरो को सेवाएं प्रदान कर रही है। आईसीएटी ने दोहरे क्षमता परीक्षण रिग और टायर रोलिंग प्रतिरोध परीक्षण रिग सहित नई क्षमताओं को विकसित करके इस प्रयोगशाला को एक उत्कृष्टता के केंद्र में बदल दिया है।

दुर्घटना सुरक्षा प्रयोशाला (पीएसएल)

यह प्रयोगशाला आटो उद्योग को वाहनों के लिए दुर्घटना सुरक्षा परीक्षण, तथा स्लेज और एयरबैग परीक्षण जैसे सड़क पर चलने वाले पैदल यात्रियों की सुरक्षा से संबंधित परीक्षणों के लिए सुविधाएं देती हैं। पीएसएल के पास वाहनों के टक्कर होने की स्थिति में होने वाले नुकसान का आकलन करने के लिए भारतीय और अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार परीक्षण की सभी सक्षम तकनीन मौजूद है।आईसीएटी के निदेशक, दिनेश त्यागी ने कहा कि आईसीएटी की अनुसंधान और विकास कार्यों से जुड़ी टीम में उच्च शिक्षित, सक्षम, नवोन्मेषी और स्व-प्रेरित इंजीनियर मौजूद हैं। इसके साथ ही केंद्र में अत्याधुनिक विश्वस्तरीय परीक्षण सुविधाएं भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस केंद्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रॉबोटिक जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से जुड़ी प्रायोजित अनुसंधान और विकास परियोजनाओ का काम भी लेना शुरू कर दिया है।
श्री दिनेश त्यागी ने कहा कि आईसीएटी का उद्देश्य आॅटो उद्योग के साथ मिलकर अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकसित करते हुए एशिया में एक अग्रणी अनुसंधान और विकास केंद्र के रूप में खुद को स्थापित करना है। आईसीएटी आईएसओ/आईईसी 17025:2005 को लागू करने और प्रयोगशालाओं को एनएबीएल प्रमाणन हासिल कराने में भी आॅटो उद्योग की मदद कर रहा है।

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