मेंटेना कम्पनी नहर में बना रही घटिया पुलिया
लोनिया के पास पुलिया की निकल रही गिट्टी-सीमेंट
नरेला के पास गिर गई थी दीवार
किसानों के खेतों को हरा-भरा बनाने के लिए करोडों-अरबों रुपए खर्च कर सिवनी जिले में बनाई जा रही पेंच परियोजना की नहर को मेंटेना कम्पनी के ठेकेदार बली चढ़ा रहे हैं। नहर और पुलिया में घटिया काम को अंजाम देकर सरकार को चूना लगाया जा रहा है। इस खेल में छिंदवाड़ा-सिवनी और भोपाल स्तर पर बैठे अफसरों की सांठगांठ है। वहीं जनता से चूनकर आए हुए जनप्रतिनिधि चुप्पी साधकर बैठे हुए हैं। सूत्रों की माने तो जल संसाधन विभाग का एक बड़ा अफसर विधायक का खास दोस्त बताया जाता है। जिसकी वजह से विधायक भी नहर के भ्रष्टाचार पर मौन है। अफसर और जनप्रतिनिधियों की यह जुगलबंदी आने वाले समय में किसानों के लिए भारी पड़ सकती है।
सिवनी। गोंडवाना समय।
पेंच व्यपवर्तन योजना की नहर निर्माण के कार्यो में मेंटेना कम्पनी के ठेकेदार पलीता लगा रहे हैं। जहां-देखों वहां घटिया नहर व पुलिया बना रहे हैं जो बनने के बाद ही निर्माण कार्य की पोल खोल रहे हैं। कहीं कम और घटिया मसाला का उपयोग किया जा रहा है तो कहीं बिना मापदंड और बिना तराई की पुलिया बना दी जा रही है। इसका ताजा उदाहरण लोनिया,नरेला और सोनाडोंगरी गांव के पास देखा जा सकता है।
सोनाडोंगरी के पास घटिया मसाला से बन रही पुलिया-
सोनाडोंगरी गांव के समीप फोरलेन मार्ग से चंद दूरी पर मेंटेना कम्पनी द्वारा डॅक पुलिया का निर्माण किया जा रहा है। इस पुलिया का निर्माण मेंटेना कम्पनी के इंजीनियर रामकृष्णनन के सुपरविजन में छिंदवाड़ा के ठेकेदार ताम्रकार द्वारा किया जा रहा है। पुलिया में ठेकेदार मसाले में पलीता लगा रहे हैं। वहीं सूत्रों की मानें तो लोहा भी पर्याप्त मात्रा में नहीं लगाया गया है। सीमेंट और रेत का कम उपयोग कर गिट्टी ज्यादा डाली गई है। सबसे खास बात तो यह है कि कई जगह मसाला कम होने के कारण धपड़े भी निकले हैं जिसमें बाद में थिगड़े लगाए जैसा नजर आ रहा है। वहीं पुलिया में फिनिसिंग भी नजर नही आ रही है।
लोनिया की पुलिया के निकल रहे धपड़े,नरेला में गिर गई थी दीवार-
लोनिया मार्ग पर बनाई गई नहर की पुलिया में सीसी परत से धपड़े निकल रहे हैं। अलग ही दिखाई दे रहा है। वहीं दूसरी तरफ नरेला ग्रामवासियों की मानें तो भोंगाखेड़ा मार्ग पर बनाई गई पुलिया की दीवार का कुछेक हिस्सा गिर गया था। जिसे बाद में मसाला डालकर खानापूर्ति की गई है। बताया जाता है कि इस बात की शिकायत पेंच परियोजना के एसडीओ और कार्यपालन यंत्री से की जा चुकी है लेकिन मेंटेना पर अधिकारी इस कधर मेहरबान हैं कि पुलिया टूटकर गिर भी जाए तो धृतराष्ट्र बनकर बैठे रहेंगे।