शाहीद इन्फ्रा क्रेशर की डस्ट बना रही आदिवासियों की जमीन को बंजर
क्रेशर लगने के बाद डुुंगरिया के ग्रामीण परेशान
डुंगरिया गांव के बाहर माइनिंग ओर प्रशासनिक अफसरों की मेहरबानी से नियमों को ताक में रखकर संचालित शाहीद इन्फ्रा ग्रुप की स्टोन क्रेशर आदिवासियों और शासन के लिए जी का जंजाल बनी हुई है। क्रेशर संचालक कई सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचा रहा है। वहीं आदिवासियों की रोजी-रोटी भी छीन रहा है। शिकायतों के बाद भी प्रशासन और जनप्रतिनिधि अंधे-बहरे बनकर डुंगरिया के आदिवासियों की बर्बादी का मंजर देख रहे हैं।
सिवनी। गोंडवाना समय।कांग्रेस सरकार आदिवासियों और किसानों की बेहद फिक्र होने का दावा कर रही है लेकिन सरकार की पोल मुख्यालय से तकरीबन 10-11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत खामखरेली के डुंगरिया गांव में उसकी पोल खुल रही है।
यहां लगी हुई शाहीद इन्फ्रा ग्रुप की स्टोन क्रेशन आदिवासियों के जीवन के लिए खतरा बन गई है। क्रेशर से निकल रही डस्ट उनकी जमीन को बंजर बना रही है। पूरे खेत में डस्ट जमी हुई है। ग्रामीणों की मानें तो धूंधर उड़ रही है वहीं डस्ट की वजह से ग्रामीण और किसानों के मवेशी बीमार भी हो रहे हैं। अब डुंगरिया गांव के किसान और ग्रामीण डस्ट से परेशान होकर क्रेशर हटाए जाने की मांग करने लगे हैं। इसके लिए ग्रामीणों ने प्रशासन को शिकायत करने का भी मन बना लिया है और प्रशासन द्वारा ध्यान न दिए जाने पर आदिवासी किसान आंदोलन में भी बैठ सकते हैं।
वैज्ञानिक भी मानते हैं डस्ट फसलों के लिए खतरा-
कृषि वैज्ञानिक भी मानते हैं कि डस्ट से फसलों के लिए खतरा है। यदि फसल में फूल रहते हुए डस्ट पड़ जाए तो फसल बर्बाद हो जाती है। बाद में यही डस्ट मिट्टी बन जाती है। हालांकि डस्ट के मिट्टी बनने में लंबा समय लगता है।क्या कहना है पीड़ितों का
फसलों का नहीं हो रहा उत्पादन-खेत में जम रही डस्ट की वजह से उनकी जमीन बंजर बनते जा रही है। क्रेशर से कुछ ही दूरी पर स्थित 11 एकड़ जमीन का ठेका लिया था जिसमें दो खंडी गेंहू और 16-17 खंडी चना की बोवनी की थी लेकिन जब वह फूल में आया तो क्रेशर की डस्ट बैठने से गेंहू चना दोनों की फसल बर्बाद हो गई। वहीं डस्ट भरे हुए चारा खाने से उसके मवेशी को पोककर बीमार हो रहे हैं।
चैनसिंह तेकाम ,किसान डुंगरिया गांव
क्रेशर को बंद कराया जाए
गांव के पास जो क्रेशर चल रही है उसकी की डस्ट की वजह से उनकी फसल बर्बाद हो गई है। क्रेशर संचालक को पानी डालकर डस्ट वहीं रोकना चाहिए या फिर क्रेशर बंद करना चाहिए।ब्रजलाल तेकाम आदिवासी किसान, डुंगरिया गांव
क्रेशर संचालक से मुआवजा मिलना चाहिए
डस्ट से हमारा खेत सफेद हो गया है। फसलों के साथ-साथ हाथ-पैर में बैठती है। शासन-प्रशासन को शाहिद इन्फ्रा ग्रुप से मुआवजा दिलाना चाहिए।सुंदरवती बाई,किसान
जमीन ही सहारा,डस्ट कर रही बर्बाद
हमारा पूरा परिवार जमीन पर ही आश्रित है। खेत में डस्ट जमने के कारण फसल नहीं हो रही है। फसल न होने के कारण खाने के लाले पड़ गए है। विधायक से शिकायत की थी कि आगर देखे लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अब ऐसा लगता है कि आंदोलन करना पड़ेगाचैतलाल इनवाती आदिवासी किसान,डुंगरिया गांव