आम व हरे-भरे वृक्षों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगाने की मांग-भाकपा
बरघाट क्षेत्र में चल रहा हरे-भरे वृक्षों की कटाई का खेल
सिवनी। गोंडवाना समय।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव कॉमरेड डी डी वासनिक एवं मीडिया प्रभारी राहुल ने प्रेस को बताया कि जिले के विभिन्न स्थानों पर फलदार आम वृक्षों की अंधाधुंध कटाई हो रही है । इसी के साथ फलदार वृक्ष जामुन इमारती लकड़ी बबूल और औषधी वृक्ष कौव्हा (अर्जुन वृक्ष) की भी भारी मात्रा में कटाई की जा रही है ।
लोकसभा चुनाव के दौरान सिवनी एवं बरघाट क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान गांव गांव जाने पर कॉमरेड अली एम आर खान डॉ बी सी उके ओमप्रकाश बुर्डे, कॉम डॉ बी सी ऊके, कॉम राजेन्द्र जायसवाल, कॉम इसरार साबरी, कॉम किरण प्रकाश, कॉम तीरथ गजभिए, कॉम राहुल वासनिक, कॉम यीशु प्रकाश, कॉम ऋषभ मसूरकर, कॉम विवेक गजभिए आदि ने प्रत्यक्ष रूप से देखा कि खेतों में लगे हुए बड़े-बड़े आम के वृक्ष कई साल पुराने और विशाल थे । जिनसे भारी मात्रा में फलदार रसीले आम प्राप्त होते थे भारी मात्रा में कटे हुए मिले जिनके ठूठ अभी भी मौके पर देखे जा सकते हैं।
सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि फलदार आम के वृक्षों की लकड़ी से बाहरी इंदौर इत्यादि जिलों में भेजकर आधुनिक तकनीक से ऐसी पोलीस की जाती है कि आम की लकड़ी से बना फर्नीचर कीमती लकड़ी सागौन का बना हुआ दिखाई देता है । यही कारण है कि सिवनी जिले से आम के वृक्षों की संख्या में भारी कमी हो रही है जिस ओर किसी का ध्यान नही है । पुराने समय में ग्रामीण क्षेत्रों में अमराई लगाने का रिवाज था। जिससे ग्रामीणों को आम फल मिला करते थे और इन वृक्षों की घनी छाया में ग्राम की जनता एवं ग्राम का पशुधन विश्राम किया करता था, इसी प्रकार जामुन का फलदार वृक्ष भी अति महत्वपूर्ण है।
अतएव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मांग करती है कि जिले से अंधाधुंध कटाई करके भेजे जा रहे फलदार आम और जामुन के वृक्षों को बचाया जाए एवं ओउसधीय बबूल एवं अर्जुन वृक्षों को बचाया जाय साथ ही इस बात की जांच की जावे की किन अधिकारियों के आदेशों से वृक्षों की कटाई की जा रही है तथा लकडी तस्करी करने वालों पर जिला प्रशासन द्वारा अंकुश लगाया जाए।