बरामद बाघ की खाल,वन्यप्राणियों की सुरक्षा पर सवाल
सिवनी। गोंडवाना समय।
जिस तरीके से बीते महीनों में पेंच नेशनल पार्क में बाघ ओर तेंदुए की मौत का सिलसिला जारी रहा और फिर अब बाघ की खाल के साथ एक आरोपी के पकड़े जाने के बाद पेंच और वहां के वन्यप्राणियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। वन अमला जहां बाघ की खाल को पकड़ने में बड़ी सफलता मानते हुए पीठ थपथपा रहा है। वहीं बाघ का शिकार होना कहीं न कहीं वन अमले की बड़ी लापरवाही भी मानी जा सकती है।
पोतलपानी गांव में वन अमले ने पकड़ी बाघ की खाल
जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर रूखड़ सामान्य वन परिक्षेत्र में दक्षिण वन मंडल के अमले ने पोतलई गांव में सोमवार देर रात एक व्यक्ति के पास से बाघ की खाल बरामद की है। आरोपी की पहचान पोतलपानी निवासी हेमचंद भलावी के रूप में की गई है। वहीं एक आरोपी फरार हो गया है। जिसकी वन अमले द्वारा सघनता से पतासाजी व तलाश की जा रही है। हालांकि बाघ की खाल पूरी नहीं है वह गर्दन के पास से लेकर पिछले हिस्से तक की खाल है।
बताया कि 6 मई की रात डीएफओ टीएस सूलिया को पोतलई गांव में एक व्यक्ति द्वारा बाघ की खाल बेचने की फिराक में होने की सूचना मुखबिर से मिली थी। सूचना पर सीसीएफ शशि मलिक व डीएफओ के निर्देशन में टीम गठित कर गांव में खाल खरीददार के रूप में व्यापारी बनाकर वन अमले को भेजा गया। बिचौलिए के जरिए पोतलई गांव निवासी आरोपित हेमचंद भलावी (41) को बाघ की खाल का सौदा करने खेत में बुलाया गया।
बचाओ-बचाओ कहकर भाग निकला दामाद
हेमचंद अपने दामाद के साथ जैसे ही प्लास्टिक की सफेद बोरी में बाघ की खाल लेकर खेत पहुंचा। वन अमले ने हेमचंद को धरदबोचा। जबकि साथ आया हेमचंद का दामाद वहां से भाग निकला। बचाओ बचाओ कहते हुए मौके से भागे दूसरे आरोपित की पुकार सुनकर ग्रामीण दहशत में आ गए। ग्रामीणों ने कार्रवाई कर लौट रहे वन अमले को घेर लिया।
ग्रामीाणों ने बरसाए पत्थर-
बताया जाता है कि बाघ की खाल की जानकारी मिलने पर 100 डायल वाहन भी मौके पर पहुंच गया। इस दौरान कुछ ग्रामीणों ने 100 डायल वाहन पर पत्थर भी फेंके। बाद में समझाईश के बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हो गया। रूखड़ एसडीओ राकेश कोड़ोपे ने बताया कि आरोपित के कब्जे से बाघ की खाल का अगला आधा हिस्सा व एक धारदार चाकू वन अमले ने जब्त किया है। जब्त बाघ की खाल करीब एक माह पुरानी होने का अंदेशा है। आरोपित हेमचंद के दामाद व अन्य साथियों की तलाश व खोजबीन की जा रही है। बाघ का शिकार कब और कैसे किया गया है, इसका पता जांच के बाद चलेगा।
भोपाल व जबलपुर एसटीएफ करेगा मामले की जांच
रूखड़ एसडीओ राकेश कोड़ोपे ने बताया कि प्रकरण दर्ज कर मामले में रूखड़ वन परिक्षेत्र का अमला आगे की जांच कर रहा है। इस मामले की सूचना वनविभाग भोपाल व जबलपुर एसटीएफ को दी गई है। भोपाल व जबलपुर से एसटीएफ की टीमें प्रकरण में जांच के लिए सिवनी रवाना हो गई हैं। एसटीएफ के सिवनी पहुंचने के बाद प्रकरण में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
शिकार करने की बात सामने आई
पूछताछ में यह बात सामने आई है कि हेमचंद ने बाघ का शिकार किया था। हालांकि उसके साथ अन्य लोग भी शामिल हैं जिसको लेकर वह बताने को तैयार नहीं है। खाल करीब एक माह पुरानी है। इस मामले में एसटीएफ और डॉग स्क्वॉड को बुलाया गया है। इसमें और भी खुलासे होना शेष है। ज्ञात हो कि पेंच में करीब तीन माह पहले एक बाघिन का शव मिला था जिसमें उसके पंजे गायब मिले।