करोडों की लागत से बन रहा रेंगानाला का एक्वाडॅक मार रहा दरार
नहर कम्पनी और पेंच परियोजना के अफसरों की खोल रहा पोल
सिवनी जिले में बनाई जा रही पेंच परियोजना की नहर, पुलिया और एक्वाडॅक ब्रिज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते जा रहे हैं। एस.डी.ओ., ई.ई., सी.ई. सहित भोपाल तक बैठे हुए पेंच व्यपवर्तन योजना के अफसर, ठेकेदारों के नतमस्तक हो गए हैं। वहीं जनता से वोट मांगकर चूने गए जनप्रतिनिधि भी गूंगे-बहरे और अंधे बने हुए हैं। नहर निर्माण मेंटेना और अनूज अग्रवाल कम्पनी ने अफसरों औरजनप्रतिनिधियों की जेब गर्म कर उनका ईमान खरीदकर लाचार बनाकर रख दिया है। जिससे सिवनी जिले की नहर घटिया स्तर की बन रही है और आने वाले समय में इसका खामियाजा जिले के किसानों और आने वाली सरकार को भुगतान पड़ेगा।
सिवनी। गोंडवाना समय। मुख्यालय से तकरीबन 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भाटीवाड़ा मगरकठा के रेंगानाला में करोड़ों रुपए की लागत से बनाया जा रहा एक्वाडॅक दरार मार रहा है। घटिया किस्म के मसाले का उपयोग के साथ-साथ तराई के अभाव के कारण एक्वॉडक की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
सबसे खास बात तो यह है कि पेंच परियोजना के एस.डी.ओ., ई.ई. और ए.सी., सी.ई. धृतराष्ट्र की तरह आंख मूंदकर बैठे हुए हैं।
एस.डी.ओ. और ए.सी. के संज्ञान में लाए जाने के बाद भी पेंच परियोजना के अधिकारियों के मौके का निरीक्षण करने में पसीना छूट रहा है।
अबटमेंट और कॉलम के बीच दरार
भाटीवाड़ा मगरकठा गांव के बीच पड़ने वाले रेंगानाला में नागपुर के ठेकेदार अनुज अग्रवाल कम्पनी द्वारा पेंच नहर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। नाले के ऊपर सात स्पान का एक्वाडॅक बनाया जा रहा है। जिसमें तकनीकी मार्गदर्शन की कमजोरी कहें या फिर अफसरों की सांठगांठ और मिलीभगत के चलते ठेकेदार पैसे बचाने के लिए एक्वाडॅक की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है। अबटमेंट और स्पान के बीच आई हुई दरार खुद ब खुद बयां कर रही है।
रेत के साथ डस्ट का उपयोग, तराई का अभाव
तकरीबन दो से ढाई करोड़ रुपए की लागत से रेंगानाला में बनाया जा रहा एक्वाडॅक ब्रिज में सूत्र बताते हैं कि रेत और डस्ट का उपयोग किया जा रहा है। वहीं बेहतर तराई भी नहीं हो पा रही है। जिसके चलते दरार आ रही है। सूत्र बताते हैं कि एक्वाडॅक में उपयोग किए गए मटेरियल की क्यूब टेस्टिंग होनी चाहिए। जिससे किस गुणवत्ता का मटेरियल उपयोग हुआ है उसकी वास्तविकता सामने आ जाएगी। कैग की रिपोर्ट भी बंया कर रही है कि किस तरीके से घटिया काम हुआ है और पेंच परियोजना के अफसरों ने ठेकेदारों को करोड़ों रुपए का लाभ पहुंचाया है।
मेरी मर्जी में जाऊ चाहे नहीं जाऊ
पेंच परियोजना के अफसर नहर के घटिया निमार्ण पर गौर फरमाने की बजाय बेलगाम होकर जवाब दे रहे हैं। हाल ही में सिवनी क्षेत्र की कलारबांकी नहर के सुपरविजन का दायित्व संभाले एस.डी.ओ. श्री मोहन बघेल से जब डस्ट से बन रही पुलिया और दरार मार रहे एक्वाडॅक के बारे में संज्ञान में लाकर जब निरीक्षण किए जाने की बात पूछी तो साहब बौखला गए। उनका साफ जवाब था कि उनकी मर्जी है जाऐं चाहे न जाऐं। आपको जो छापना है उसे छाप लो। हमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।