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तहसीलदार की अनुमति से काटे गए पेड़ों के ट्रक सिवनी-मालवा में पकड़ाए

तहसीलदार की अनुमति से काटे गए पेड़ों के ट्रक सिवनी-मालवा में पकड़ाए 

सिवनी। गोंडवाना समय । 
बरघाट तहसील के अंतर्गत आसपास के गांव से हरे-भरे आम के पेड़ों को काटकर बाहर भेजा जा रहा है। सिवनी-मालवा में आम की गीली लकड़ी से भरे हुए दो ट्रकों को वन विभाग ने पकड़ा है जो कि सिवनी जिले  के बरघाट क्षेत्र के है जिसकी अनुमति तहसीलदार द्वारा की गई थी।
27 मार्च को मालवा में पकड़े गए आम के पेड़ की लकड़ियों से भरे हुये ट्रकों को छुड़वाने के लिये वन मंत्री उमंग सिंघार का पीए बनकर जावेद कुरैशी नाम के सख्श ने वन अफसरों को धमकाया भी है कि आचार संहिता के बाद बोरिया बिस्तर बंधवा कर उसका तबादला करवा दिया जाएगा। वन विभाग ने वन मंत्री के कथित पीए की शिकायत पुलिस में की गई है।
               सिवनी मालवा क्षेत्र में बीते 27 मार्च को आम की हरी लकड़ियों से भरे ट्रक एम पी 20 एच बी 9999 जो कि महफूज खान इँदौर के नाम से पंजीकृत है तो वहीं एमपी 20 एचबी 1086 अनिस खान सिवनी के नाम से पंजीकृत है।  जिसको वन रक्षक रामकृष्ण रघुवंशी ने पकड़ा था। ट्रक पकड़ने के बाद जब ट्रक चालकों से कागजात मांगे गये तो उन्होंने ग्राम पंचायत पोनार कला तहसील बरघाट, जिला सिवनी की अनुमति दिखाया था। जबकि फलदार वृक्ष को काटने के लिये वन विभाग से अनुमति ली जाती है जो ट्रक चालको के पास नहीं थी। इतना ही नही वे तीन दिनों तक कोई कागज नहीं दिखा पाये । इस बीच ट्रकों को छोड़ने के लिये जावेद कुरैशी नाम के सख्श ने वन मंत्री का पी ए बनकर वन रेंजर एवं अन्य वन अफसरों पर दबाव बनाया था । हालांकि वन विभाग ने ट्रकों को आगामी कार्यवाही के लिये राजस्व विभाग को सौंप दिया है क्योंकि लकड़ी राजस्व भूमि से काटकर ट्रकों से ले जाई जा रही थी।

बरघाट में बेतहशा कट रहे हरे-भरे पेड़

जिले के सरकारी अफसर दोहरी बात कर रहे हैंं एक तरफ पर्यावरण को लेकर पेड़ लगाने का संदेश देते हैं वहीं दूसरी पेड़ों  को काटने के लिए धड़ल्ले से अनुमति दे  रहे हैंं। आम,इमली और अन्य प्रजाति के बड़े-बड़े हरे-भरे पेड़ बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों में काटकर ट्रकों से बाहर सप्लाई किए जा रहे हैं। बोरी ग्राम के पास हर दिन हरे  पेड़ों के कटे हुए ठूठ को लेकर एक या दो ट्रक खड़े रहते हैं और फिर शाम होते ही मंजिल की ओर रवाना हो जाते हैंं। इस मामले को लेकर सात फरवरी को बरघाट में बेतहाशा कट रहे हरे-भरे पेड़ शीर्षक से खबर प्रकाशित की गई थी लेकिन जिले का राजस्व अमला, पुलिस और वन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

बरघाट तहसीलदार दे रहे धड़ल्ले से अनुमति-

 जिले के बरघाट तहसील के तहसीलदार सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कागजों में पेड़ों को क्षीर्णशीर्ण दर्शाकर हरे-भरे आम व अन्य प्रजाति के पेड़ों की कटाई की अनुमति धड़ल्ले से दे रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि लकड़ी माफियाओं के साथ उनकी तगड़ी सेटिंग है। अहम व खास बात यह है कि हरे-भरे पेड़ों  की अनुमति वन विभाग से लेने का प्रावधान है लेकिन बरघाट तहसीलदार द्वारा दिया जा रहा है। विभागीय सूत्रों की मानें तो वन विभाग के नाम से प्रतिलिपि तो लिखी जा रही है लेकिन वन विभाग कार्यालय में अनुमति का कोई पत्र नहीं दिया जा रहा है।

तहसीलदार साहब को कैसे पता कि पेड़ वृद्ध और क्षीर्णशीर्ण हैं-

तहसीलदार बरघाट द्वारा 9 जनवरी को अब्दुल रजिक पिता अब्दुल खालिक निवासी खारी बरघाट के नाम से जारी की गई पेड़ कटाई की अनुमति पर उल्लेख किया गया है कि पेड़ वृद्ध क्षीर्णशीर्ण थे। सूत्र बताते हैं कि यह सिर्फ कागजों तक सीमित है। बरघाट तहसीलदार व उनके पटवारी द्वारा मौके पर जाकर कोई भौतिक सत्यापन नहीं किया गया है फिर उन्हे कैसे  पता कि पेड़ वृद्ध और क्षीर्णशीर्ण हैं यह सवाल खड़ा हो रहा है। बताया जाता है कि तहसीलदार बरघाट द्वारा बड़ी संख्या में पेड़ कटाई की अनुमति दी जा रही है। जबकि अन्य तहसीलों में इस तरह की कोई परमिशन नहीं दी जा रही है। इस संबंध में तहसीलदार बरघाट को फोन लगाया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
इनका कहना है ...
हरे-भरे पेड़ों  की  कटाई की अनुमति बरघाट तहसीदार कैसे और किस नियम के तहत दे रहे हैं उसकी जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ।
प्रवीण अढ़ायच,कलेक्टर सिवनी।

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