बायोलॉजी में संभव है चर्म रोग का उपचार
षष्टम सेमेस्टर की छात्राओं की जिज्ञासा का किया समाधान
सिवनी। गोंडवाना समय।मनुष्य एवं पशुओं में अनेक प्रकार की बीमारी ऐसी होती है जिसे चर्मरोग कहा जाता है और यह रहन-सहन, खानपान तथा प्रकृति में नित होते परिवर्तन के कारण यह बीमारी उत्पन्न होती है । वहीं समय पर इन बीमारियों का उपचार नही किया गया तो यह बीमारी लाईलाज बीमारी के रूप में अपनी जड़ जमा लेती है। चर्म रोग से ही कैंसर एवं टीबी रोग की उत्पत्ती होती है। इसी बात को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस कन्या महाविद्यालय की बॉयोलॉजी षष्टम सेमेस्टर की छात्राओं ने विभागाध्यक्ष डॉ. शेषराव नावंगे की उपस्थिति में जानने का प्रयास किया। इस संबंध में डॉ शेषराव नावंगे ने बताया कि फंगस की इन बीमारियों को विभिन्न प्रकार की फफूंद के माध्यम से किस तरह से दूर किया जा सकता है । इसके साथ ही इन बीमारियों के लक्षण यह होते है कि शरीर में चक्के-चक्के जैसे चिन्ह अंकित हो जाते है, जो ध्यान ना देने पर शरीर में सफेद दाग का रूप धारण कर लेते है। इन्हें रोकने के लिये बॉयोलॉजी की छात्राओं ने ना केवल प्रयोग किया बल्कि उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।