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बालिका छात्रावास की बालिकाओं को भोजन के लिए जाना पड़ रहा है बालक छात्रावास

बालिका छात्रावास की बालिकाओं को भोजन के लिए जाना पड़ रहा है बालक छात्रावास

घंसौर। गोंडवाना समय।
शिक्षार्थ आएं सेवार्थ जाएं जैसे नारे से बच्चों के हितों को साक्षात्कार करती ट्रायबल वेलफेयर सोसायटी द्वारा संचालित जिले का एकमात्र एकलव्य आवासीय विद्यालय घंसौर में चल रही कलह बंद होने का नाम नहीं ले रही है । जिसका असर विद्यालय के रिजल्ट पर साफ देखा जा सकता है । जबकी पूर्णत: विवादित हो चुके इस विद्यालय के नित नए मामले सामने आते जा रहे हैं । ताजा मामला विद्यालय के बालिका छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रही बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा एवं सुविधा से जुड़ा हुआ है ।
                     
                      जबकी जानकर रिजल्ट के गिरते स्तर को प्राचार्य एवं स्टाप के लोगों के मध्य ठनी लड़ाई को मान रहे हैं। जबकी पिछले दिनों अधीक्षिका शांति मरावी को बिना किसी कारण के पद से हटाना यह साबित करता है कि विद्यालय में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और इस मामले को रिजल्ट से जोड़कर देखा जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा कि प्राचार्य व स्टाप के अन्य शिक्षकों की लड़ाई ने आदिवासी बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है । जबकी नगर के जागरूक नागरिकों ने विद्यालय के अध्यक्ष कलेक्टर महोदय से मामले में दखल देने की मांग की है ताकि गरीब बच्चों का भविष्य प्राचार्य व अन्य लोगों के मध्य ठने अखाड़े में बर्बाद न हो सके ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्यालय के बालिका छात्रावास की छात्राओं को दोपहर के भोजन, स्वल्पाहार एवं रात के भोजन हेतु विद्यालय के बालक छात्रावास में जाना पड़ रहा है । जबकी अपनी जिम्मेदारियों के भंवर में फसे विद्यालय के प्राचार्य एम एस डेहरिया छात्रावास में रह रहीं छात्राओं की सुरक्षा से जमकर खिलवाड़ कर रहे हैं। जबकी जानकार सूत्र बताते हैं कि विगत दिनों प्रारंभ हुए एक विवाद के बाद प्राचार्य द्वारा बालिका छात्रावास की मेस बंद कर बालक छात्रावास में सिप्ट करने मामला अब जोर पकड़ रहा है । वहीं बालिकाओं ने भी इस संबंध में हमारे प्रतिनिधि से चर्चा के दौरान अपना भरसक विरोध दर्ज कराया ।
आपको बता दें कि विद्यालय के इतिहास में यह पहला मौका है कि जब बालिका छात्रावास से मेस बंद कर छात्राओं को भोजन के लिए बालक छात्रावास जाना पड़ रहा है । जबकी इस विषय में अभिभावकों ने भी कड़ा विरोध दर्ज कराया है । जानकारों की माने तो जब से विद्यालय की कमान प्रभारी प्राचार्य एम एस डेहरिया के हाथों में आई है तब से विद्यालय में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है । जबकी पिछले दिनों आई खबरों की माने तो विद्यालय के इतिहास का यह पहला मौका था कि जब बच्चों को एक ही सेट ड्रेस व अन्य सामग्री से पूरे सत्र भर काम चलाना पड़ा जबकी जानकारों की माने तो जबसे विद्यालय खुला है यह पहली दफा हुआ कि आदिवासी बच्चों के इस विद्यालय का रिजल्ट इतना खराब हुआ जबकी पिछले साल की अपेक्षा इस साल विद्यालय के रिजल्ट का स्तर और नीचे गिरा है ।

कार्यभार सौंपने में भी मनमानी

जिले का एकमात्र एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय घंसौर प्रबंधन द्वारा नियमों को ताक पर रखकर आचार संहिता में बालिका छात्रावास अधीक्षिका शांति मरावी को हटाकर स्कूल की ही शिक्षिका सुनीता पटेल को कार्यभार सौंप दिया गया। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय जिले की वह पहली आदिवासी छात्र छात्राओं की पहली संस्था है जहां पर नवोदय की तर्ज पर छात्र छात्राओं को शिक्षा एवं सुविधाएं दोनों प्रदान की जाती है । इसी स्कूल में अन्त: कलह इतनी हावी है कि यहां पर जनजाति कार्य विभाग के वरिष्ठ कार्यालय के आदेशों का पालन नहीं किया जाता है । सूत्र बताते है कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में इस संबंध में ये आदेश आए हैं कि बालक छात्रावास और बालिका छात्रावास में स्कूल में अध्यापन करा रहे शिक्षक शिक्षिकाएं ही छात्रावास का कार्यभार संभालेंगे परंतु घंसौर एकलव्य विद्यालय में आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते बालक छात्रावास पर पदस्थ अधीक्षक बजारीलाल भलावी को नहीं हटाया गया लेकिन आचार संहिता के बावजूद भी बालिका छात्रावास की अधीक्षिका शांति मरावी को छात्रावास अधीक्षिका पद से हटा दिया गया ।

इनका कहना है
मामला मेरे संज्ञान में आया है मैने जांच टीम गठित कर एकलव्य आवासीय विद्यालय भेजी है जांच में जो भी दोषी होगा उसके ऊपर कार्यवाही की जायेगी
सतेंद्र मरकाम सहायक आयुक्त जनजाति विभाग सिवनी

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