परिदृश्य निर्माण और प्रत्युत्तर पर साइबर अभ्यास
साइबर खतरों के खिलाफ क्षमता निर्माण किया जाएगा
नई दिल्ली। गोंडवाना समय।साइबर वारफेयर एंड टेक्नोलॉजी पर कार्यशाला के सफल आयोजन के बाद भारतीय रक्षा विश्वविद्यालय निदेशालय की ओर से पर्पल बे, जोधपुर आॅफिसर्स होस्टल, नई दिल्ली में 29-30 अप्रैल, 2019 को परिदृश्य निर्माण और प्रत्युत्तर पर दो-दिवसीय साइबर अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है। इसमें सीखने के अनेक विषय उभरकर सामने आए। इस अभ्यास का प्रतिनिधित्व एनएससीएस, एनटीआरओ, सीईआरटी-इन, डीआरडीओ, एनआईसी, सीएसआरसी, एकेडेमिया और उद्योगजगत द्वारा किया गया। इस अभ्यास में उन सभी सर्वोत्तम प्रचलनों को शामिल किया जाएगा, जो स्थिति और स्वयं की क्षमता के आकलन के आधार पर समन्वित प्रतिक्रिया के निर्धारण के लिए विभिन्न स्तरों पर अभ्यास के विकल्पों के साथ साइबर कार्यशाला के दौरान अनुशंसित थे। अभ्यास के दायरे में खतरे का परिदृश्य और इसके प्रभाव, घटना की रिपोर्टिंग और प्रत्युत्तर की रूपरेखा, सूचना के आदान-प्रदान की प्रक्रिया, साक्ष्य एकत्र करने और दुर्भावनापूर्ण सेवा लेने, सूचना की रक्षा करने के लिए आवश्यक क्षमताओं में वृद्धि करने और सूचना प्रणाली, साइबर जागरूकता शामिल है। एकीकृत रक्षा कर्मचारियों के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल पीएस राजेश्वर, एवीएसएम, वीएसएम ने दो-दिवसीय साइबर अभ्यास के लिए मुख्य भाषण दिया। हितधारकों से प्रतिक्रियाओं की तलाश करने के लिए परिदृश्यों की पेंटिंग के बाद यह किया गया था। इस अभ्यास को भारतीय रक्षा विश्वविद्यालय के तत्वावधान में वार्षिक आधार पर आयोजित करने की योजना है, जिसमें भारतीय एजेंसियां भी शामिल होंगी और बाद में दोस्ताना देशों की एजेंसियों से संयुक्त रूप से साइबर खतरों के खिलाफ क्षमता निर्माण किया जाएगा।