चिटफंड कंपनी की संपत्ति बेचकर निवेशकों को दी जाए राशि
दिग्विजय सिंह ने सीएम कमलनाथ को लिखा पत्र
सिवनी। गोंडवाना समय।
चिटफंड कंपनी पीएसीएल की संपत्तियों की सूची बनने के बाद अभी तक इसे बेचने की कोई कवायद नहीं की गई है। जिससे जिले ही नहीं वरन प्रदेश व देश भर के निवेशकों में भारी निराशा है। ज्ञात होवे कि फरवरी 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों को भुगतान के लिए जस्टिस आरएम लोढ़ा कमेटी बनाई थी, लेकिन अभी तक कोई संपत्ति बेचकर निवेशकों को पैसा नहीं लौटाया गया है। लोढ़ा कमेटी ने कंपनी की संपत्तियों की सूची भी बना ली है। अब निवेशकों को यही उम्मीद है कि कमेटी इन संपत्तियों को बेचने की सार्वजनिक सूचना जारी कर, राशि निवेशकों को लौटाने की प्रक्रिया करे। वहीं चिटफंड कंपनी के जरिए लोगों की गाढ़ी कमाई हथियाकर धोखाधड़ी करने वाले संचालक ने उन पैसों से जमीन खरीदी अब वह जेल में निरुद्ध है तो उसकी गैर मौजूदगी में दलालों के जरिए जिले में उसकी संपत्ति को बेचने की कोशिश की जा रही है। शासन ने उसकी सभी चल-अचल संपत्तियों को जप्त कर लिया है, खाते भी सील हो गए हैं किंतु कुछ जमीन शासन की नजरों से बची हुई है। सिवनी में पीएसएल कंपनी की जमीनों पर भी इन दिनों दलालों की नजर है और इसे खरीद फरोस्त करने की जुगत में जुटे हुए हैं। आॅल इन्वेस्टर सेफ्टी आॅर्गनाइजेशन ने मांग की है कि सिवनी जिले में पीएसीएल चिटफंड कंपनी की 6500 एकड़ भूमि है जिसे खरीद-फरोस्त करने दलाल जोरों से जुटे हुए हैं जिसे जल्द से जल्द इस भूमि को बेचकर निवशकों का रूपया लौटाया जाये।
मध्य प्रदेश में 47 लाख निवेशकों की राशि कंपनियों ने नहीं लौटाई
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिख कर चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्यवाई की मांग की है। पत्र में दिग्विजय ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से आग्रह किया है कि चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्यवाई की जाए और पुलिस ने इन कंपनियों के अभिकतार्ओं के खिलाफ प्रकरण दर्ज करे। कंपनियों के झांसे में बहुत से बेरोजगार युवक आ गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने छत्तीसगढ़ राज्य का हवाला देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आॅनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार किया है। मध्य प्रदेश में भी ऐसी पहल हो सकती है। दिग्विजय सिंह ने सुझाव दिया कि चिटफंड कंपनियों की संपत्ति जप्त कर कार्रवाई की जाए और इन कंपनियों की संपत्ति बेच कर निवेशकों की राशि वापस की जा सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पत्र में लिखा की पल्स कंपनी समेत ऐसी कई कंपनियों ने स्थानीय युवाओं को कमीशन के लालच में आकर्षित करके एजेंट बनाया और इन्हीं एजेंट के माध्यम से लोगों से निवेश करवाया गया। अकेले मध्य प्रदेश में 47 लाख निवेशकों की जमा राशि इन कंपनियो ने नहीं लौटाई और अपने कार्यालय बंद कर दिए हैं।दिग्विजय सिंह ने पत्र में लिखा कि चिटफंड कंपनियों ने धन वापस नहीं किया।धन वापस नहीें करने पर निवेशकों द्वारा इन कंपनियों के खिलाफ की गई शिकायतों पर पुलिस द्वारा कंपनियों के मालिकों पर प्रकरण दर्ज न करके अभिकतार्ओं के रूप में कार्य कर रहें स्थानीय युवाओं के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए हैं। अनेक अभिकताओं को जेल भेज दिया गया। जो सहीं नहीं है।पुलिस को चिटफंड कंपनियों के मालिक के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए। और इनकी संपत्तियों को बेचकर निवेशकों की धनराशि वापस की जानी चाहिए।