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पार्क में मरा पड़ा था तेंदुआ,चीफ सेकेटरी की सेवा में था पेंच का अमला

पार्क में मरा पड़ा था तेंदुआ,चीफ सेकेटरी की सेवा में था पेंच का अमला

विक्रम सिंह परिहार के कार्यकाल में  मर रहे पेंच के वन्यप्राणी

सिवनी। गोंडवाना समय।
प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में ख्याति प्राप्त पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी में पेंच प्रबंधन और अमले द्वारा सुरक्षा व्यवस्था में बरती जा रही लापरवाही की वजह से वन्यप्राणियों की लगातार मौत होते जा रही है। खासकर जब से पेंच में विक्रम सिंह परिहार डायरेक्टर के रूप में पदस्थ हुए हैं तब से पेंच में शिकारी भी हावी हो गए हैं और वन्यप्राणियों की मौत की घटनाऐं बढ़ते जा रही है। पेंच पार्क में बाघ की मौत के बाद अब तेंदुआ के मरने का मामला सामने आया है। तेंदुआ पार्क के जंगल में मृत पड़ा हुआ था और पेंच के डायरेक्टर व उनका अमला चीफ सेकेट्ररी की सेवा में लगा हुआ था। पेंच के अमले की नजर तेंदुआ के शव पर छह अप्रैल को पड़ी। जबकि शव उसके दो से तीन दिन पुराना है। जिसकी जानकारी पेंच के डायरेक्टर द्वारा दो दिन बाद आठ अप्रैल को मीडिया को दी गई है।

घाटकोहका बफर के आलेसुर में मृत मिला तेंदुआ-

पेंच टाईगर रिजर्व क्षेत्र के घाटकोहका, बफर परिक्षेत्र के कक्ष क्र.पी 452, बीट आलेसुर में एक तेंदूआ का शव पेंच पार्क के अमले को मिला है। पार्क के पथरई बीट प्रभारी सतीश साहू ने छह अप्रैल की सुबह सवा 9 बजे गस्ती के दौरान तेंदुआ को मृत अवस्था में देखा। जिसकी सूचना तत्काल पेंच टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर विक्रम सिंह परिहार और अन्य अधिकारी को दिया। सूचना मिलते ही सूचना मिलते ही पेंच टाईगर रिजर्व क्षेत्र के संचालक, उप संचालक एवं अन्य अधिकारियों द्वारा तेंदूआ का निरीक्षण किया गया। पेंच टाईगर के वरिष्ठ अधिकारियों ने मृत तेंदुआ के मौका स्थल का मुआयना किया एवं राष्ट्रीय बाघ प्राधिाकरण के निर्धारित एसओपी के अनुसार एनटीसीए प्रतिनिधि शहवाज शेख एवं वरिष्ठ अधिकारियों के समक्षस पेंच टाईगर के रिजर्व के वरिष्ठ वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ अखिलेश मिश्रा के द्वारा शव परीक्षण किया।

आपसी लड़ाई से तेंदुआ की मौत-

पेंच पार्क के डायरेक्टर विक्रम सिंह परिहार ने विज्ञाप्ति जारी कर बताया कि शव परीक्षण के दौरान तेंदुआ एवं बाघ की आपसी लड़ाई में तेंदुआ की मृत्यू होना प्रतीत हो रहा है। मृत तेंदुआ के पिछले हिस्से में घाव के निशान पाये गये है। तेंदुआ का शव लगभग 2 से 3 दिन पुराना पाया गया है एवं तेंदुआ के समस्त अवशेष सुरक्षित पाये गये हैं । शव परीक्षण के उपरांत आवश्यक अवशेषों को प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेज दिया गया है। शव परीक्षण उपरांत मृत तेंदुआ का शव जलाकर नष्ट कर दिया गया है।

पार्क की सुरक्षा को लेकर नहीं गंभीर, गुमराह कर रहे अफसर-

पार्क में मौजूद अमला द्वारा तीन दिन बाद तेंदुआ के शव को देखे जाना पार्क की गस्त एवं सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ पार्क के डायरेक्टर विक्रम सिंह परिहार मीडिया को गुमराह कर रहे हैं। कार्यालय से जारी की गई विज्ञाप्ति में साफतौर पर लिखा है कि 6 अप्रैल की सुबह जैसे पार्क के पथरई बीट  प्रभारी सतीश साहू ने सुबह सवा 9 बजे तेंदुआ का शव मृत अवस्था में देखा तो तत्काल सभी वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई और वे मौके पर भी पहुंचकर मृत तेंदुआ  के शव का मुआयना करना बता रहे हैं। वहीं जब गोंडवाना समय टीम ने पेंच के डायरेक्टर विक्रम सिंह परिहार से मीडिया से दो दिन बाद विलंब से जानकारी देने की बात कही तो उनका साफ कहना था कि वे  चीप सेकेट्ररी की सेवा में पार्क के अंदर होने के कारण और अवकाश होने के कारण जानकारी नहीं दे पाए। यानी साफ है कि वन्यप्राणी की सुरक्षा  से ज्यादा अफसरों की सेवा को महत्व दे रहे थे।

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