फीस जमा न करने पर स्कूल प्रबंधन नहीं कर सकता प्रताड़ित
सिवनी। गोंडवाना समय।मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के निदेर्शानुसार अशासकीय शालाओं में अध्ययनरत बच्चों को समय पर फीस जमा न करने के कारण प्रताड़ित किये जाने के मामले संज्ञान में आते है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली द्वारा अशासकीय शालाओं के लिये निर्देश जारी किया गया है कि बच्चों को किसी भी प्रकार से प्रताड़ित करना juvenile justice (Care and Protection of Children ) Act 2015 के सेक्शन 75 का उल्लंघन है। बच्चों की फीस समय पर प्राप्त न होने का मुद्दा स्कूल प्रबंधन तथा अभिभावकों से संबंधित है। यह एक वित्तीय विषय है, इसलिये इसका समाधान अभिभावक से ही चर्चा कर की जानी चाहिये।
इसी प्रकार राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा दिनांक 7 दिसंबर 18 को प्रेषित पत्रानुसार शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 16 के अंतर्गत यह व्यवस्था है, कि प्रारंभिक शिक्षा स्तर पर स्कूल में अध्ययनरत किसी भी बच्चे को कक्षा में रोका या निष्कासित नहीं किया जायेगा। इसी प्रकार धारा 17 में यह प्रावधानित है, कि बच्चों को शारीरिक दंड या मानसिक उत्पीड़न नहीं किया जायेगा। अधिनियम के प्रावधानुसार किसी विद्यालय में प्रवेश प्राप्त बालक को किसी कक्षा में नहीं रोका जायेगा या विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा पूरी किये जाने तक निष्कासित नहीं किया जायेगा और किसी बालक को शारीरिक दंड नहीं दिया जायेगा या उसका मानसिक उत्पीड़न नहीं किया जायेगा। धारा 16 एवं 17 में वर्णित बच्चों के अधिकारों का प्रावधान अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं पर भी लागू होगा। समस्त शैक्षणिक संस्थायें उक्त निदेर्शों का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करें। यदि किसी स्कूल द्वारा उक्त निदेर्शों का उल्लंघन किया जाता है, तो उसके विरूद्व नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।