मजदूर की मनरेगा में पोकलेंड के पंजे से काम करवा रही पंचायत
केवलारी जनपद के लोपा गांव अफसरों की मिलीभगत घालमेल का चल रहा खेल
सिवनी। गोंडवाना समय।
मजदूरों को गांव में रोजगार देने के लिए शुरू की गई रोजगार गारंटी योजना को अफसरों ने अर्थलिप्सा के चलते जिले में बदलकर रख दिया है। मजदूरों की जगह मशीनों से काम कराया जा रहा है और बिल-बाउचर लगाकर पैसे निकालकर घालमेल कर लिया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण केवलारी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत लोपा के बिछुआ गांव है। जहां महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत तालाब गहरीकरण मशीनों से कराया जा रहा है। गोंडवाना समय के हाथ लगी तस्वीर में साफतौर पर पोकलेंड मशीन तालाब में जमा सील्ट की खुदाई कर रही है और डम्परों से उसे बाहर ले जाया जा रहा है। जिससे गांव के मजदूरों रोजगार से वंचित हो रहे हैं।
एक तीर दो निशान की तर्ज पर गहरीकरण कर गोलमाल-
ग्रामीणों से मिली जानकारी अनुसार केवलारी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत लोपा के वर्षो पूर्व बनाए गए पंचायती तालाब का मनरेगा योजना के तहत गहरीकरण स्वीकृत होना बताया जा रहा है। जिसका कार्य गांव के सरपंच फागूलालसाहू और सचिव द्वारका डेहरिया द्वारा मजदूरों से काम करवाए जाने की बजाय गुमराह करते हुए रेलवे कम्पनी के ठेकेदार के माध्यम से पोकलेड मशीन से उत्खनन करवाया जा रहा था। बताया जाता है कि ठेकेदार माइनिंग विभाग की अनुमति से बचने के लिए तालाब का गहरीकरण कर मुफ्त में मिट्टी और मुरम लेकर जा रहा था। यानी हर्रा लगे न फिटकरी की कहावर्त चरित्रार्थ करते हुए ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव और जनपद पंचायत के अफसर मनरेगा योजना से स्वीकृत हुई छह लाख रुपए की राशि डकारने की तैयारी पंचायत कर रही थी। ग्रामीणों ने पंचायत के सरपंच-सचिव पर रेलवे कम्पनी के ठेकेदार को मुरम बेचने का भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
तकनीकी अमला पर भी उठी उंगलिया-
तालाब गहरीकरण की स्वीकृति दिए जाने के बाद केवलारी जनपद पंचायत का तकनीकी अमला आखिर क्यों तालाब गहरीकरण कैसे हो रहा है। नियम-कायदों के साथ काम किया जा रहा है या नहीं। लेवर से काम हो रहा है या मशीन चल रही है जाकर न देखना तकनीकी अमला पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
नहीं दे पाए जवाब-
इस मामले में जब ग्राम पंचायत लोपा के सचिव द्वारका डहेरिया से जानकारी ली गई तो वे कोई भी जवाब नहीं दे पाए। वही सरपंच फागूलाल साहू का कहना था कि वह अभी बाहर हैं। इस संबंध में फिलहाल कोई जवाब नहीं दे सकते। ग्रामीणों की मानें तो सरपंच सचिव मिलकर तालाब गहरीकरण के कार्य में जमकर मनमानी कर आर्थिक गड़बड़ी कर रहे हैं। तालाब गहरीकरण के काम में लगी पोकलेन मशीन की शिकायत होने के बाद सरपंच सचिव ने इस मशीन को तालाब से दूर झाड़ी के पीछे छिपाकर बचने का प्रयास कर रहे हैं।
सीईओ ने कहा बंद है काम
इस मामले में जनपद पंचायत केवलारी के सीईओ विनोद मरावी का कहना है कि बिछुआ में तालाब गहरीकरण का काम तो स्वीकृत है लेकिन यह काम फिलहाल बंद है। हो सकता है तालाब से अवैध रूप से मुरम निकालकर परिवहन की जा रही हो। इस संबंध में इंजीनियर को मौके पर भिजवाकर जांच कराई जाएगी। गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधितों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।