शाहीद इन्फ्रा की क्रेशर आदिवासियों का कर रही जीना मुहाल
हेवी ब्लास्टिंग और क्रेशर की धूल खेती और सेहत पर डाल रही बुरा असर
सिवनी। गोंडवाना समय।
मुख्यालय से महज दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत खामखरेली के आदिवासी ग्राम डूंगरिया में स्थित शाहीद इन्फ्रा कम्पनी की स्ट्रोन क्रेशर आदिवासियों का जीना मुहाल कर दी है। करोड़ों रुपए की सरकारी सड़क को गिट्टी से भरे ओवरलोड डम्परों से रौंदकर बर्बाद कर अब धूल और डस्ट किसानों की खेत और आदिवासियों के स्वास्थ्य पर असर डाल रही है और कलेक्टर कार्यालय खनिज विभाग के आरपी कमलेश और उनके इंस्पेक्टर क्रेशर पर कार्रवाई करने की बजाय नतमस्तक हैं।
हेवी ब्लास्टिंग,धड़क जाता है दिल-
डुंगरिया गांव से कुछ ही दूरी पर स्थित शाहीद इन्फ्रा कम्पनी के्रशर के लिए पत्थर निकाल रही है जिसमें हैवी ब्लास्टिंग की जा रही है। हैवी ब्लास्टिंग के कारण इतनी जोर से आवाज आती है कि दिल धड़क जाता है और गांव दहल जाता है। ऐसा लगता जैसा भूकंप आया हो। ग्रामीण बताते हैं कि जब से क्रेशर संचालित हो रही है और जब से शाहीद इन्फ्रा कम्पनी को बेची गई है तब से पूरे गांव का जीना मुहाल हो गया है।
धूल, डस्ट से भी हालत और सेहत खराब-
ग्रामीण आदिवासी रामसिंह, महतलाल, सरजू, संजू, रामकली बाई, मेहतो आदि बताते हैं कि डुंगरिया गांव की क्रेशर की धूल उनके घरों में आ रही है उनके सेहत पर बुरा असर डाल रही है। वहीं दूसरी तरफ किसानों के खेतों में भी डस्ट की परत जम रही है। क्रेशर के पास लगे हुए नीलगिरी के पेड़ तक धूल के कारण सूखे जैसे नजर आ रहे हैं। सबसे खास बात तो यह है कि क्रेशर में माइनिंग और प्रदूषण बोर्ड के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। नियमानुसार धूल और डस्ट को रोकने के लिए फट्टा या चार दिवारी जैसा निर्मित होना चाहिए। इसके अलावा मौके पर पानी का टैंकर भी मौजूद होना चाहिए लेकिन शाहीद इन्फ्रा कम्पनी इन नियमों का पालन बिल्कुल भी नहीं कर रही है। इस मामले को लेकर कलेक्टर कार्यालय खनिज विभाग के सहायक खनिज अधिकारी आरपी कमलेश और इंस्पेक्टर शिव प्रसाद चौधरी को फोन किया गया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।