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बी.एल.ओ. मतदान केंद्र परिसर का मैनेजर है, भली-भांति समझे अपनी भूमिका-कमिश्नर

बी.एल.ओ. मतदान केंद्र परिसर का मैनेजर है, भली-भांति समझे अपनी भूमिका-कमिश्नर

कमिश्नर ने किया जिले के चौरई विधानसभा के 12 मतदान केंद्रों का निरीक्षण

छिन्दवाडा। गोंडवाना समय।
कमिश्नर जबलपुर संभाग राजेश बहुगुणा गुरुवार को छिंदवाड़ा जिला पहुंचे। जहां उन्होंने सर्वप्रथम लोक सभा निर्वाचन 2019 के मद्देनजर सुगम्यता अभियान के अंतर्गत तहसील चौरई के 12 मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया एवं आवश्यक मूलभूत सुविधायें  सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इन मतदान केंद्रों में समसवाडा के मतदान केंद्र क्रमांक-71, 72 एवं 73, कपुरदा के मतदान केंद्र क्रमांक 34 एवं 35, माचीवाड़ा का मतदान केंद्र क्रमांक-33, कुंडा के मतदान केंद्र क्रमांक-25 एवं 26, थांवरी का मतदान केंद्र क्रमांक-39, मेहगोरा का मतदान केंद्र क्रमांक-124, लिखड़ी का मतदान केंद्र क्रमांक-42 और गोरैया का मतदान केंद्र क्रमांक-40 शामिल है। निरीक्षण के दौरान राजस्व अनुविभागीय अधिकारी चौरई एवं सहायक रिटर्निग अधिकारी लोकसभा निर्वाचन 2019 सुश्री मेघा शर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत श्री अश्विनी सिंह, तहसीलदार श्री रायसिंह कुशराम, नायब तहसीलदार, संबंधित मतदान केंद्रों के बीएलओ एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारी मौजूद थे ।

बी एल लो को दिलाये पुन: प्रशिक्षण

मतदान केंद्रों के निरीक्षण के दौरान कमिश्नर श्री राजेश बहुगुणा ने एक ओर जहां बी.एल.ओ. से मतदान केंद्रों में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं की जानकारी लिया तो वहीं उनसे लोकसभा निर्वाचन 2019 के संबंध में सवाल जवाब कर उन्हें दी गई ट्रेनिंग के स्तर का आंकलन भी किया। बी.एल.ओ. द्वारा दी गई जानकारियों पर असंतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने सहायक रिटर्निंग आॅफिसर सुश्री मेघा शर्मा को बी.एल.ओ. की ट्रेनिंग पुन: कराने के निर्देश दिये । कमिश्नर श्री बहुगुणा ने बी.एल.ओ. को समझाइश देते हुये कहा कि बी.एल.ओ. संबंधित मतदान केंद्र के पूरे परिसर का मैनेजर होता है। वह अपनी जिम्मेदारी भली-भांति समझें तथा उसी के अनुरूप पहले से और बेहतर कार्य करने की दिशा में प्रयास करें। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2019 के दौरान कुछ बदलाव किये गये हैं। इस बार मतदाता केवल मतदाता पर्ची से मतदान नहीं कर सकेंगे । मतदान के लिए मतदाता पहचान पत्र (इपिक) अथवा आयोग द्वारा निर्धारित 11 अन्य फोटोयुक्त पहचान पत्रों में से कोई एक मतदान केन्द्र में लाना आवश्यक है। इन फोटोयुक्त पहचान पत्रों में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, सर्विस पहचान पत्र, पासबुक , पैन कार्ड, स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, पेंशन दस्तावेज, सरकारी पहचान पत्र एवं आधार कार्ड शामिल है। उन्होंने निर्देश दिये कि यह जानकारी घर-घर जाकर हर मतदाता तक अनिवार्य रूप से पहुंचाई जाये । जिनके नाम मतदाता सूची में शामिल है लेकिन एपिक कार्ड नहीं है, 7 अप्रैल तक डुप्लीकेट एपिक कार्ड के लिए उनके फॉर्म भरवायें जायें। पूर्व में ही यह सुनिश्चित कर लिया जायें कि क्षेत्र के प्रत्येक मतदाता के पास निर्धारित फोटोयुक्त पहचान पत्रों में से कोई ना कोई पहचान पत्र उपलब्ध है, अन्यथा उन्हें पहचान पत्र बनवाने के लिये प्रेरित करें। इससे मतदान दिवस पर मतदान केन्द्र पर संभावित विवाद एवं असुविधा से बचा जा सकता है। घर- घर संपर्क के दौरान प्रत्येक घर में दिव्यांग मतदाताओं की जानकारी लेकर भी उसे अद्यतन किया जाये। इसके अलावा उन्होंने मतदान केंद्रों पर पोलिंग पार्टी के लिए भी सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।        

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